सावधान! आपके साथ भी हो सकता है ऐसा, मिनटों में उड़ गए करोड़ों रुपये...
punjabkesari.in Monday, Dec 08, 2025 - 05:30 PM (IST)
जालंधर: शहर से एक हैरानीजनक मामला सामने आ रहा है। साइबर ठगों ने जालंधर शहर के एक 76 साल के बुजुर्ग को 20 दिन तक डिजिटल तरीके से बंधक बनाकर उनसे 1.11 करोड़ रुपये ठग लिए। जालसाजों ने उन्हें घर में नजरबंद कर दिया और धमकी दी कि अगर उन्होंने किसी से बात की तो उन्हें जेल भेज दिया जाएगा। पुलिस में दी गई शिकायत में बुजुर्ग व्यक्ति ने बताया कि उन्हें एक महिला कॉलर का व्हाट्सएप कॉल आया, जिसमें दावा किया गया कि उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया गया है।
आपकी प्रॉपर्टी संदिग्ध है और इसकी जांच होनी चाहिए। आपके पास जो भी जानकारी है, वह दें। प्रॉपर्टी के दस्तावेज और पैसे ट्रांसफर कर दें। जांच के बाद सब कुछ वापस मिल जाएगा। बदनामी और गिरफ्तारी के डर से बुजुर्ग व्यक्ति ने पैसे अलग-अलग अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए। आखिर में जब उन्होंने किसी जान-पहचान वाले से बात की तो उन्हें ठगी का पता चला लेकिन उन्हें पैसे वापस नहीं मिले। पीड़ित बुजुर्ग ने बताया कि जालसाजों ने पहले उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में शामिल लोगों की तस्वीरें भेजीं और कहा कि CBI उन्हें ले जा रही है। जालसाजों ने कहा कि आपके अकाउंट से इन आरोपियों के अकाउंट में पैसे ट्रांसफर हुए हैं। मुंबई के कोलाबा पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज कराई गई। इसके बाद महिला ने खुद को CBI कर्मचारी बताया और बाद में मुंबई कोर्ट के एक नकली जज से भी बात करवाई। उसने कहा कि आपके खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है। अगर आप पुलिस का सहयोग नहीं करेंगे तो आपको गिरफ्तार कर सजा दी जाएगी।
5 लोगों के खिलाफ केस दर्ज
बुजुर्ग ने बताया कि साइबर जालसाजों ने उनकी जीवन भर की जमा-पूंजी छीन ली। जालसाजों ने उनसे इस तरह बात की कि डर के मारे उन्होंने पहले 8.88 लाख रुपये, फिर 16.22 लाख रुपये, 32.67 लाख रुपये, 30.96 लाख रुपये, 8 लाख रुपये, 10 लाख रुपये और फिर 5 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। मैंने 20 दिन तक किसी जान-पहचान वाले से बात नहीं की। मेरा बेटा और बेटी विदेश में रहते हैं और मैं अपनी पत्नी के साथ जालंधर में रहता हूं। जब मेरे बेटे को फ्रॉड के बारे में पता चला, तो उसने मुझसे पुलिस में कंप्लेंट करने को कहा। पुलिस ने पांच फ्रॉड करने वालों के खिलाफ केस दर्ज किया है, जिनके अकाउंट में पैसे ट्रांसफर हुए थे। इस बारे में साइबर एक्सपर्ट मुकेश चौधरी ने कहा कि साइबर फ्रॉड के मामलों में IT एक्ट पावरफुल नहीं है। फ्रॉड करने वालों को आसानी से बेल मिल जाती है, जिससे वे छूटने के बाद फिर से फ्रॉड करते हैं। ऐसे मामलों में मैक्सिमम सज़ा 3 साल है और तुरंत बेल मिल जाती है। अगर IT एक्ट को और मजबूत किया जाए, तो भी मामले कम हो जाएंगे।
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