जत्थेदार भाई ध्यान सिंह मंड ने एकता के लिए ज्ञानी हरप्रीत सिंह को भेजी दो पन्नों की चिट्ठी

punjabkesari.in Tuesday, Jun 13, 2023 - 06:02 PM (IST)

अमृतसर: सरबत खालसा के कार्यकारी जत्थेदार श्री अकाल तख़्त साहिब भाई ध्यान सिंह मंड ने श्री अकाल तख़्त साहिब और काबिज़ पक्ष के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह की ओर कौमी पंथक एकता के लिए हाथ बढ़ाया है। उन्होंने दो पन्नों के पत्र में लिखा है कि उपरांत यह सारी कौम और संसार के ध्यान में है कि आपको शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा सेवा का ज़िम्मा सौंपा गया है और दास को सरबत खालसा विधि से सेवा बख्शीश हुई है। गुरु पंथ ने हम पर  ज़िम्मेदारियां डाल कर कुछ उम्मीदें भी रखी हुईं हैं, लेकिन पंथ की दिन-ब-दिन बिगड़ती स्थिति को देख कर कौम पीड़ा महसूस कर रही है। इस वजह से कौम से आवाजें उठ रही हैं। इसलिए पंथ के व्यापक हितों और कौमी मुद्दों को देखते हुए, जो कुछ सिख संगतों द्वारा आवाज़ उठ रही है, उस दर्द को साझा कर रहा हूं। उससे यह बात निकल कर सामने आ रही है कि कार्य में पड़ी फूट के कारण सिख पंथ आज मंदहाली के दौर से गुज़र रहा है।

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उन्होंने कहा कि हम भी इस बात को अच्छी तरह से समझते हैं और इसीलिए हम दोनों ने 6 जून को श्री दरबार साहिब पर हुए सैन्य हमले के संबंध में मनाए गए  घल्लूघारा सप्ताह के अंत में आयोजित कार्यक्रमों के बाद सिख कौम से एकता हेतु भावनात्मक अपील की थी। जिसके बारे में सिंह बुद्धिजीवी वर्ग और कई सिख विचारकों और लेखकों ने एक बड़ा सवाल खड़ा किया है कि जत्थेदार पहले खुद ही एकता करें फिर ही कौम में कोई एकता की नींव रखी जा सकती है।

इसीलिए इन सब के मद्देनज़र हमारा एक साथ जुड़ कर बैठना कौम में एक नई उमंग और जज़्बा जगाएगा। जिससे सिख पंथ एक बार फिर जरवानों की चालों को नकार कर कौम के उज्ज्वल भविष्य की ओर कदम बढ़ायेगा। उन्होंने लिखा कि दास ने पहल कदमी करते हुए आपको आमंत्रित किया है। अब आपकी बारी है कि पंथक हितों के मद्देनज़र सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए बिना किसी देरी के अकाल तख़्त साहिब पर जुड़ बैठने का समय निर्धारित करें। आपकी सार्थक और रचनात्मक प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा है।

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News Editor

Paras Sanotra

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