Ludhiana: Improvement ट्रस्ट के अधिकारियों को बड़ा झटका, चेयरमैन ने लिया यह फैसला

punjabkesari.in Saturday, Feb 24, 2024 - 12:06 PM (IST)

लुधियाना (हितेश): इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट के चेयरमैन तरसेम भिंडर ने खुद पर भारी पड़ने की कोशिश कर रहे इंजीनियरिंग विंग के अधिकारियों को झटका दिया है, जिसके तहत धांधली के मद्देनजर विकास कार्यों के टेंडर रद्द कर दिए गए हैं। यहां बताना उचित होगा कि इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट द्वारा विभिन्न इलाकों में विकास कार्य करवाने के लिए अपनाई गई टेंडर प्रक्रिया को लेकर ठेकेदारों द्वारा सवाल खड़े किए जा रहे हैं।

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ठेकेदारों के मुताबिक पहले उनके टेंडर खोल दिए गए और फिर एकाएक टेक्निकल बिड को रद्द कर दिया गया जिसके लिए न तो उन्हें नियमों के मुताबिक नोटिस जारी किया गया और न ही टेंडर रद्द करने की वजह बताई जा रही है।  ठेकेदारों द्वारा इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट की इंजीनियरिंग ब्रांच के अधिकारियों द्वारा चुनिंदा कंपनी को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया गया है।

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इस संबंध में शिकायत मिलने पर चेयरमैन द्वारा बुलाई गई दोनों पक्षों की बैठक में इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट की इंजीनियरिंग ब्रांच के ऑफिसर दोपहर तक इंतजार करवाने के बाद भी नहीं पहुंचे जिससे नाराज चल रहे चेयरमैन द्वारा जहां इंजीनियरिंग ब्रांच के अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई गई है। वहीं धांधली के मद्देनजर विकास कार्यों के टेंडर रद्द कर दिए गए हैं। इसकी पुष्टि करते हुए चेयरमैन ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार में मुख्यमंत्री भगवंत मान के निर्देश पर करप्शन को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जा रही है, जिसके तहत ठेकेदारों की शिकायत को लेकर इंजीनियरिंग ब्रांच के अधिकारियों की रिपोर्ट के आधार पर टेंडर रद्द करने का फैसला किया गया है। हालांकि विकास कार्यों की जरूरत को देखते हुए नए सिरे से शॉर्ट टर्म टेंडर जारी कर दिया गया है।

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ठेकेदारों द्वारा लगाए गए हैं ये आरोप

इस मामले में ठेकेदारों द्वारा इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट की इंजीनियरिंग ब्रांच के अधिकारियों पर आरोप लगाया गया है कि उनके द्वारा चुनिंदा कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए ज्यादा राशि के टेंडर लगाए गए, जिससे बिड केपेस्टी के साथ अन्य तकनीकी योग्यता संबंधी शर्तों में बदलाव हो जाता है। इसके अलावा सिविल वर्क के साथ लाइटिंग व बागवानी के काम इकट्ठे करके लगाने के साथ ही उनके लिए अलग रजिस्ट्रेशन होने की शर्त लगा दी गई जिसके आधार पर दूसरी कम्पनियों द्वारा डाले गए 6 से 8 टेंडर रद्द कर दिए गए जिससे सरकार के फंड होने का मुद्दा भी ठेकेदारों द्वारा उठाया गया है क्योंकि जिन ठेकेदारों के टेंडर रद्द किए गए थे, उन्होंने काफी ज्यादा लैस डाला था और जिस कंपनी को टेंडर देने की कोशिश की जा रही है, उन्होंने नाममात्र लैस डाला हुआ है।

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News Editor

Urmila

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