तालियों के साथ विवादों में भी आई मान की सरकार, जानें कब और कैसे..
punjabkesari.in Saturday, Apr 16, 2022 - 01:05 PM (IST)

जालंधर(अनिल पाहवा): पंजाब में सत्ता में आने के बाद भगवंत मान की सरकार जहां लोगों की तालियां बटोरती रही, वहीं कुछ कारणों से विवादों में भी आ गई। कुछ में तो सरकार की तरफ से सफाई पेश की गई, लेकिन कुछ मामलों में अभी तक कुछ साफ नहीं हो पाया है।
सरकारी हैलीकाप्टर की यात्रा
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान हिमाचल और गुजरात में पार्टी के प्रचार के लिए सरकारी हैलीकाप्टर के इस्तेमाल पर घिर गए। हिमाचल की उनकी कुछ तस्वीरें वायरल हो गई थीं, जिनके पीछे सरकारी हैलीकाप्टर नजर आ रहा था। विपक्षी दलों ने इस मामले पर भगवंत मान को खूब घेरा।
फोटो पर विवाद
भगवंत मान ने पदभार संभालने के बाद शहीद भगत सिंह और बाबा साहेब अंबेदकर की फोटो सरकारी दफ्तर में लगाने का ऐलान किया था, इस दौरान कुछ नेताओं ने मुख्यमंत्री कार्यालय से महाराजा रणजीत सिंह की फोटो उतारे जाने को लेकर भी ऐतराज जताया। इसके अलावा सरकारी कार्यालय में शहीद भगत सिंह की पीले रंग की पगड़ी में फोटो पर भी मान सरकार को घेरने की कोशिश की गई।
-सरकारी अफसरों की दिल्ली बैठक
पंजाब के कुछ सरकारी अफसरों की दिल्ली के सी.एम. और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के साथ बैठक को लेकर भी पंजाब सरकार विवादों में आ गई। इस बैठक में पंजाब के मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी, सचिव दिलीप कुमार और पी.एस.पी.सी.एल. के चेयरमैन बलदेव सिंह सरन के शामिल होने की खबर आई थी। इस बैठक में न तो भगवंत मान मौजूद थे और न ही बिजली मंत्री हरभजन सिंह। जबकि इस बैठक में राघव चड्ढा और दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन मौजूद थे। बेशक इसके जवाब में भगवंत मान ने कहा कि यह बैठक मुफ्त बिजली को लेकर चल रही योजना का हिस्सा थी, जिसमें दिल्ली के बिजली विभाग के अधिकारी शामिल हुए थे। मान ने कहा था कि ये अधिकारी उन्होंने खुद भेजे थे।
विधायकों की नाराजगी
पंजाब में आम आदमी पार्टी जब सत्ता में आई तो पुराने विधायकों की जगह नए चेहरों को आगे लाया गया, जिसके कारण यह चर्चा चली कि कुछ पुराने विधायक कैबिनेट रैंक न मिलने से पार्टी से नाराज हैं। बेशक इन खबरों की पुष्टि नहीं हुई और अधिकतर विधायकों ने अपनी बात रखने से इन्कार कर दिया, लेकिन पार्टी में इस बात को लेकर काफी चर्चा रही।
राज्यसभा सदस्यों को लेकर
पंजाब में आम आदमी पार्टी के सत्ता में आने के बाद पांच राज्यसभा सदस्य पंजाब के खाते से राज्यसभा में भेजे गए। इनमें राघव चड्ढा, संदीप पाठक, पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह, अशोक मित्तल और संजीव अरोड़ा शामिल थे। संदीप पाठक तथा राघव चड्ढा के नाम को लेकर इसलिए विवाद पैदा हुआ क्योंकि इनके पंजाब से बाहर होने पर विपक्ष ने खूब सवाल उठाए।
महंगी गाड़ियों पर विवाद
सोशल मीडिया पर कुछ खबरें वायरल हो रही हैं, जिसमें कहा जा रहा है कि पंजाब में भगवंत मान सरकार नई गाड़ियां खरीदने जा रही हैं, जिसके लिए करोड़ों रुपए का बजट रखा है। इसके लिए करीब 18 करोड़ रुपए की मांग खजाने से की गई है। इस मामले में खुद भगवंत मान ने जालंधर में मीडिया से रू-ब-रू होने पर न केवल इसे गलत करार दिया, बल्कि साथ में यह भी कहा कि वह तो पुराने विधायकों की महंगी गाड़ियां भी वापस लेने की तैयारी कर रहे हैं।