कर्ज के बोझ तले दबी शहीद की पत्नी, कूड़े के ढेर से कबाड़ इकट्ठा करके कर रही है गुजारा

punjabkesari.in Monday, Jul 27, 2020 - 12:56 PM (IST)

जालंधर (वरियाणा): गांव वरियाणा में शहीद फ़ौजी की पत्नी कूड़े के ढेर से कबाड़ इकट्ठा करके उसे बेचकर अपने घर का गुज़ारा कर रही है। कर्ज़े के बोझ तले दबी इस शहीद की पत्नी के हालात इस कद्र है कि उसने लोगों से लिए कर्ज को उतारने के लिए अपना पैतृक घर तक बेच दिया लेकिन फिर भी पूरी तरह कर्ज़ नहीं उतरा। 

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इस संबंधित जब 'पंजाब केसरी' की टीम ने गांव वरियाणा में शहीद की पत्नी नरिन्दर कौर (50) के साथ इस संबंधित पूछताछ की तो उसने बताया कि उसका पति भारतीय सेना में 14 सिख रेजीमेंट में था, वह हमेशा देश सेवा की बातें करता था और 11-07-1998 को सेना के एक मिशन दौरान देश के लिए शहीद हो गया। शहीद की पत्नी ने बताया कि भारतीय सेना ने सरकारी सम्मान के साथ उसका संस्कार किया, हर सुविधाएं दीं जो एक शहीद की पत्नी को मिलती हैं। घर परिवार के सुनहरी भविष्य के लिए कर्ज़ लिया था लेकिन हमें क्या पता था कि यह कर्ज़ हमारे लिए श्राप बन जाएगा। न कर्ज़ उतर रहा और न ही ब्याज, अब तो डर लगता है कहीं इस फिक्र से जान ही न निकल जाए।

2 समय की रोटी के जब लाले पड़ गए तो उसने सुबह 4 बजे उठकर रोज़ाना कूड़े के ढेर से कबाड़ उठाकर उसे बेचकर गुज़ारा करना शुरू कर दिया, जो पैंशन सरकार की तरफ से मिलती है उसके साथ तो ब्याज भी महीने का नहीं उतर रहा। शारीरिक हालत बेहद ख़राब है, इसलिए वह कबाड़ इकट्ठा करके उसे बेच कर गुज़ारा करती है। कई बार तो रोटी के लिए भी पैसे नहीं होते। वहीं उसने गुहार लगाते कहा कि देश के लिए शहीद होने वाले हर परिवार की सहायता के लिए हमें सबको आगे आना चाहिए, क्योंकि आज उनके कारण ही हम आज़ाद देश में सांस ले रहे हैं, कर्ज़ तो उतर जाएगा परन्तु यदि इस दुख की घड़ी में शहीद के परिवार का साथ न दिया तो फिर हमें देश के एक अच्छे नागरिक कहलवाने का भी कोई हक नहीं। 


 


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