वर्ष 2016 की मुहावा स्कूल वैन दुर्घटना ने लील ली थी 7 मासूम बच्चों की जान

punjabkesari.in Sunday, Feb 16, 2020 - 08:20 AM (IST)

अमृतसर(नीरज): अमृतसर जिले के कस्बा अटारी में वर्ष 2016 सितम्बर के महीने में एक प्राइवेट स्कूल की वैन सीमावर्ती गांव मुहावा की डिफैंस ड्रेन में जा गिरी थी जिससे इस वैन में सवार 7 मासूम बच्चों की जान चली गई थी। यह बच्चे नर्सरी व अन्य छोटी क्लासों के बच्चे थे। ड्रेन में पानी होने के कारण यह बच्चे वैन से बाहर नहीं निकल पाए थे। हालांकि बस में सवार अन्य बच्चे जो आयु में थोड़े बड़े थे उनको गांव वालों की मदद से ड्रेन से बाहर निकाला गया था। इस मामले में स्कूल वैन तो सेफ स्कूल वैन अभियान के नियमों का पालन नहीं कर रही थी वहीं डिफैंस ड्रेन के दोनों तरफ लोहे की रेलिंग ना होना भी हादसे का बड़ा कारण रहा था। 

इस दुर्घटना के बाद अब तक 4 सौ से ज्यादा स्कूल वैन्स को या तो बंद किया जा चुका है या फिर बड़े चालान काटे गए हैं। इस मामले के बाद हाईकोर्ट की तरफ से भी आदेश जारी किए गए थे कि किसी भी स्कूल वैन्स को जिसको परिवहन विभाग बंद करता है उसको तब तक ना छोड़ा जाए जब तक स्कूल वैन्स सरकार की तरफ से तय नियमों का पालन नहीं करती है।

सेफ स्कूल वैन अभियान के दिशा-निर्देश

  • सेफ स्कूल वैन अभियान के तहत स्कूल वैन्स को 2 कैटेगरी में बांटा गया है जिसमें पहले नंबर पर स्कूल की वैन, दूसरे नंबर पर प्राइवेट स्कूल वैन जिसकी सारी जिम्मेदारी बच्चों के माता-पिता की होती है। यदि स्कूल वैन्स में कमी के कारण कोई दुर्घटना होती है तो इसके लिए संबंधित स्कूल के प्रिंसीपल को भी जिम्मेदार माना जाएगा।
  • स्कूल वैन का रंग पीला होना चाहिए।
  • स्कूल वैन के अन्दर स्पीड गर्वनर लगा होना चाहिए।
  • स्कूल वैन परिवहन विभाग के दफ्तर में रजिस्टर्ड होनी चाहिए।
  • स्कूल वैन्स चलाने वाला ड्राइवर व कंडक्टर के पास ड्राइविंग लाइसैंस व अनुभव होना चाहिए।
  • वैन के ड्राइवर व कंडक्टर ने वर्दी पहनी होनी चाहिए।
  • यदि स्कूल वैन में एक भी लड़की बैठती है तो उसमें महिला हैल्पर का होना अनिवार्य है। महिला हैल्पर लड़की के वैन में बैठने से पहले स्कूल वैन में बैठी होनी चाहिए।
  • स्कूल वैन पर परिवहन विभाग व स्कूल का फोन नंबर लिखा होना चाहिए। 

सबसे ज्यादा पढ़े गए

Edited By

Sunita sarangal

Recommended News

Related News