नगर निगम लाइसैंसधारी शराब ठेकेदार से कर रहा है धक्केशाही

punjabkesari.in Wednesday, May 10, 2023 - 12:53 PM (IST)

लुधियाना: बिना किसी कारण और बिना किसी नोटिस नगर निगम द्वारा दुकान सील कर लाइसैंसधारी ठेकेदार के साथ धक्केशाही की जा रही है। इससे एक बात तो साफ है कि नगर निगम के सामने एक आम आदमी की कोई कीमत नहीं। यह उक्त शब्द रॉयल पंजाब ग्रुप के ठेकेदारों द्वारा कहे गए। रॉयल पंजाब का हंबड़ा रोड नजदीक हैबोवाल चौक स्थित शराब के ठेके के मामले में ग्रुप के पार्टनर आगे आए और उनके साथ हो रही धक्केशाही पर रोष व्यक्त करते हुए कहा कि 5 साल से चल रहे शराब के ठेके को लेकर अचानक नगर निगम द्वारा तंग किया जा रहा है।

3 मई को पहले नगर निगम द्वारा ठेकेदारों को नोटिस भेज कुछ दस्तावेजों की मांग की गई और इस नोटिस का जवाब देने के लिए 3 दिन का समय भी दिया गया। नोटिस में नगर निगम ने ठेकेदारों से एक्साइज द्वारा पास नक्शे की कॉपी और प्रॉपर्टी के दस्तावेज जमा करवाने के लिए कहा। जिस दिन नोटिस भेजा गया, उसी दिन ही दुकान को सील करने के लिए नगर निगम के अधिकारी पहुंच गए, जबकि नोटिस में साफ-साफ लिखा गया था कि नोटिस का जवाब 3 दिन के भीतर देना है। इसके बाद ठेकेदारों की अधिकारियों के साथ कहासुनी हुई और ठेका सील नहीं करने दिया। नगर निगम को एक्साइज विभाग से पास नक्शा व जब से दुकान है, 1971 से रसीद भी जमा करवा दी गई।

शुक्रवार तक नोटिस में मांगे गए सारे दस्तावेज जमा करवा दिए गए थे जिसके बाद नगर निगम के अधिकारियों द्वारा बिना किसी भी जानकारी और नोटिस दिए दोबारा सोमवार को ठेका सील कर दिया। ठेकेदारों द्वारा अधिकारियों से बार-बार पूछने पर कि यह सील किस बिनाह पर लगाई जा रही है और सील के ऑर्डर मांगने पर मौके पर मौजूद अधिकारियों ने कहा कि ठेका सील करने को लेकर उन पर पॉलिटिकल प्रैशर है जिसके बाद ठेकेदार कई बार नगर निगम दफ्तर भी गए।

ठेकेदारों ने कहा कि नगर निगम के अधिकारियों को पूछा गया कि यदि किसी भी प्रकार के दस्तावेज की जरूरत है या किसी भी तरह की डिमांड है, तो बताएं ठेकेदार जमा करवाने के लिए तैयार हैं परन्तु अधिकारियों ने अफसरशाही के गरूर में ठेकेदारों को जवाब देना जरूरी नहीं समझा और आनाकानी करने लग गए। इसके बाद ठेकेदारों ने हारकर हाईकोर्ट का रुख किया और रिट डाल दी।

5 साल से इसी जगह पर चल रहा है ठेका

ठेकेदारों का कहना है कि एक ठेके का वैंड 3.5 करोड़ के लगभग कीमत रखता है और एक दिन की सरकारी लाइसैंस फीस लगभग 80 हजार है जो ठेकेदारों को किसी भी कीमत पर देनी ही पड़ती है। और ठेके को बनाने में लगभग 10 लाख का मैटीरियल लगता है, तो क्या इस नुक्सान की नगर निगम भरपाई करेगा। एक्साइज ड्यूटी राजस्व का एक प्रमुख स्रोत है, एक्साइज से अर्जित आय से राज्य का विकास होता है और यह आय ठेकेदार सरकार को कमा कर देते है, ऐसे में उनके साथ ही धक्केशाही करना सरासर गलत है।

25 से 30 लाख रुपए की शराब, प्रतिदिन की लाइसैंस फीस और प्रतिदिन की सेल लगभग 1.5 से 2 लाख रुपए जो प्रभावित हो रही है। इस सारे नुक्सान का हर्जाना नगर निगम को देना होगा। पिछले साल से रॉयल पंजाब ग्रुप द्वारा ही उसी जगह पर ठेका चलाया जा रहा है और इसी जगह पिछले 5 साल से ठेका चल रहा है, परन्तु फिर दूसरे साल नगर निगम को क्या दिक्कत हो गई। नगर निगम अधिकारियों द्वारा ठेके को गलत ढंग से सील करने के लिए उनके खिलाफ केस दायर करेंगे।

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News Editor

Urmila

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