हंगामा भरपूर रही नगर निगम की बैठक, सीवर, सड़क, सफाई और स्ट्रीट लाइटों के बुरे हालात पर खूब भड़के पार्षद

punjabkesari.in Sunday, Jan 08, 2023 - 12:52 PM (IST)

जालंधर: नगर निगम के पार्षद हाऊस की बैठक आज करीब 6 महीने बाद मेयर जगदीश राजा की अध्यक्षता में हुई, जिस दौरान आधे से भी कम पार्षद मौजूद रहे। बैठक दौरान बंद सीवरेज, टूटी सड़कों, साफ-सफाई की बुरी हालत तथा बंद पड़ी स्ट्रीट लाइटों को लेकर सभी दलों के पार्षद खूब भड़के और उन्होंने 5 साल का कार्यकाल पूरा होने पर अपना-अपना गुबार निकाला और शहर की बुरी हालत के लिए अफसरों को जिम्मेदार ठहराया।

बैठक दौरान निगम के नए कमिश्नर अभिजीत कपलिश पहली बार हाऊस में मौजूद रहे, जिस कारण सभी पार्षदों से उनकी जान-पहचान करवाई गई। दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि देने के बाद मेयर जगदीश राजा ने अपने 5 साल के कार्यकाल दौरान सभी सहयोगियों, पार्षदों, निगमाधिकारियों तथा अन्यों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि ईमानदार तथा तनदेही से शहर की सेवा करने के दौरान उन्हें हरेक का सहयोग मिला।

बार-बार हाऊस में उठाए गए ‘पंजाब केसरी’ द्वारा प्रकाशित मुद्दे

पिछले सालों दौरा ‘पंजाब केसरी’ में निगम की कारगुजारी को लेकर कई मुद्दे प्रमुखता से प्रकाशित हुए जिन्हें आज विभिन्न दलों के पार्षदों द्वारा हाऊस में उठाया गया। आप में शामिल हुई पार्षद श्वेता धीर और चंदरजीत कौर संधा ने हाऊस में जालंधर केसरी की उस प्रति को लहराया जिसमें सीवरेज तथा वाटर सप्लाई विभाग को सबसे निकम्मा और नालायक करार दिया गया था। इसके अलावा निगम कमिश्नर अभिजीत कपलिश ने भी अपने संबोधन में ‘पंजाब केसरी’ में छपे समाचारों का जिक्र किया और कहा कि पार्षद हाऊस मात्र खानापूर्ति न होकर अपनी जिम्मेदारी निभाएगा। ऐसी उन्हें पूर्ण आशा है।

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नए कमिश्नर के विजन के सभी पार्षद कायल हुए

निगम के 2 पूर्व कमिश्नरों दविंद्र सिंह और दीपशिखा शर्मा ने पार्षद हाऊस का सामना नहीं किया और न ही पार्षद उनसे संतुष्ट रहे। उनसे पहले कमिश्नर रहे करणेश शर्मा के कार्यकाल दौरान भी ज्यादातर पार्षद साइडलाइन ही रहे। अब नए कमिश्नर अभिजीत कपलिश ने जैसे ही सभी पार्षदों समक्ष अपना विजन रखा और सिंगल विंडो सिस्टम तथा जी.आई.एस. सैल के अलावा करीब 1500 कर्मचारियों की सोसायटी के माध्यम से भर्ती बारे बताया तो सभी पार्षदों ने तालियों से उनका स्वागत किया। कई पार्षदों ने अपने संबोधन में भी कमिश्नर को दूरदर्शी तथा सूझवान बताया।

5 साल में पार्षदों की इज्जत मिट्टी में रोल कर रख दी, पार्षद जस्सल ने मेयर को खूब रगड़े लगाए

कांग्रेसी पार्षद देसराज जस्सल ने आज अपने स्वभाव के अनुरूप फिर मेयर जगदीश राजा को हाऊस की बैठक में खूब कोसा। जीरो ऑवर की चर्चा शुरू करते ही उन्होंने कहा कि श्री राजा ने 5 साल अपने आप को मेयर समझा ही नहीं। विपक्षी नेता ही समझते रहे। इस दौरान पार्षदों की इज्जत मिट्टी में रोल कर रख दी गई और आज वह अपने घरों में ही रहने को विवश हैं। मेयर ने एकदम आगे बढ़ाया तो 5 कदम पीछे खींच लिए। उनके कार्यकाल दौरान विज्ञापन स्कैंडल, एल.ई.डी. स्कैंडल और स्ट्रीट लाइट स्कैंडल के अलावा पैचवर्क स्कैंडल का भी कुछ नहीं बना, सिर्फ टाइम खराब हुआ इसलिए बतौर मेयर जगदीश राजा की कारगुजारी जीरो रही। खास बात यह रही कि जस्सल द्वारा की गई आलोचना का जवाब न तो मेयर ने दिया और न ही उनके किसी साथी पार्षद ने ही उन्हें टोका।

गांधी कैम्प की बुरी हालत को लेकर बिफर उठी सरफो देवी

पार्षद हाऊस की आज तक हुई बैठकों में कबीर नगर क्षेत्र की कांग्रेसी पार्षद सरफो देवी कभी नहीं बोली परन्तु आज अपने वार्ड के तहत आते गांधी कैम्प की बुरी हालत को लेकर वह बिफर उठी। उन्होंने कहा कि पूरा क्षेत्र नरक बन चुका है। पार्षद क्या मुंह लेकर लोगों का सामना करें। उन्होंने यहां तक कहा कि उनके पति कामरेड राजकुमार टकसाली कांग्रेसी हैं और पिछले 5 साल से बीमार हैं परन्तु आज तक पार्टी के किसी नेता ने उनका हाल-चाल तक नहीं पूछा।

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भाजपा ने भी कांग्रेस की कारगुजारी को जीरो बताया

भाजपा पार्षद सुशील शर्मा, बलजीत प्रिंस तथा शैली खन्ना ने आज बैठक दौरान कांग्रेस सरकार के कार्यकाल की खूब आलोचना की। सुशील शर्मा ने कहा कि 5 साल भाजपा पार्षदों के वार्डों से भेदभाव किया गया। इस दौरान निगम स्मार्ट सिटी, स्वच्छ भारत और अन्य स्कीमों के पैसे ही खर्च नहीं कर सका। सफाई समस्या का कोई हल नहीं हुआ। सीवरेज के कारण आज हर ओर नरक जैसे हालात हैं। इस कार्यकाल में कांग्रेसियों की भी कोई सुनवाई नहीं हुई इसीलिए किसी का भी निगम में आने को दिल नहीं करता। आज लोगों का भी निगम से विश्वास उठ चुका है। 60 करोड़ रुपए खर्च करने के बाद भी आज आधा शहर अंधेरे में है। लतीफपुरा को उजाड़ दिया गया परन्तु निगम का कोई अधिकारी वहां नहीं गया। आज तक कांग्रेसी सभी वार्डों में बराबर-बराबर सफाई सेवक तक नहीं बांट सके।

आम आदमी पार्टी का नाम आने से भड़के पार्षद

हाऊस की बैठक दौरान पार्षद निम्मा के अलावा पार्षद प्रभदयाल भगत ने आम आदमी पार्टी के 10 महीनों की कारगुजारी को जब फेल बताया तो ‘आप’ में शामिल हुए पार्षद मिंटू जुनेजा भड़के उठे और उन्होंने प्रभदयाल भगत से खूब बहस की। प्रभदयाल का कहना था कि निगम के हालात 4 साल ठीक रहे परन्तु जब से नई सरकार आई है, शहर का सारा विकास रुक गया है।

स्मार्ट सिटी में रहे पुराने अफसरों की होगी जवाब तलबी

बैठक के एजैंडे में चाहे स्मार्ट सिटी से जुड़ा कोई प्रोजैक्ट शामिल नहीं था परन्तु कई बार मुद्दा उठा कि स्मार्ट सिटी के घटिया कामों के कारण शहर की बुरी हालत हुई है। स्मार्ट सिटी के एल.ई.डी. स्ट्रीट लाइट प्रोजैक्ट की सभी ने आलोचना की जिस कारण कमिश्नर ने भी माना कि कम्पनी ने स्मार्ट सिटी का काम अत्यंत देसी तरीके से किया। अफसरों ने भी काम पर निगरानी नहीं रखी, जिस कारण पता ही नहीं चल पा रहा कि कौन-सी लाइट इस कम्पनी ने लगाई है और कौन-सी पुरानी कम्पनी ने। इसके अलावा शहर में सांसद, विधायक और निगम कोटे से भी लाइटें लगी हुई हैं। चर्चा दौरान सामने आया कि स्मार्ट सिटी का काम करवाने वाले अधिकारियों ने खूब लापरवाही और नालायकी बरती इसलिए माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में स्मार्ट सिटी में रहे पुराने अधिकारियों की जवाब तलबी हो सकती है।

कई पार्षदों ने मेयर की कारगुजारी को सराहा

बैठक में जहां कई पार्षदों ने मेयर राजा के कार्यकाल की आलोचना की वहीं जगदीश दकोहा, तरसेम लखोत्रा तथा अरुणा अरोड़ा जैसे पार्षदों ने मेयर राजा की कारगुजारी को सराहा। जगदीश दकोहा का कहना था कि पिछले 5 साल अफसरों के साथ मिलकर खूबसूरत सड़के बनवाई गईं और कई विकास कार्य हुए। खूबसूरत सड़क का जिक्र आते ही हाऊस में जोरदार हूटिंग हुई और मिंटू जुनेजा ने उदाहरण दी कि पिम्स के सामने बनाई गई सड़क अगले ही दिन उखड़ भी गई थी।

आप शहर की एक खूबसूरत सड़क का नाम गिना दो। तरसेम लखोत्रा ने भी मेयर के कार्यकाल को शानदार बताया और कहा कि उनके वार्ड में पानी तथा सडक़ों की समस्या काफी हद तक दूर हुई। अरुणा अरोड़ा का भी कहना था कि पिछले 5 साल दौरान खूब काम हुए और अब भी हो रहे हैं। इस दौरान जगदीश दकोहा ने प्रश्न पूछा कि अगर सफाई सेवक सप्ताह में 6 दिन काम करते हैं तो सीवर मैन 5 दिन क्यों?

बुधवार 11 जनवरी को फिर होगी पार्षद हाऊस की बैठक

आज हुई बैठक दौरान एल.ई.डी. स्ट्रीट लाइटों को लेकर काफी हंगामा हुआ, ज्यादातर पार्षदों ने शिकायत की कि खराब लाइटें ठीक नहीं की जा रहीं। स्टाफ को वेतन नहीं मिल रहा। एजैंडे में जब पिछली बैठक का, जो एल.ई.डी. मुद्दे पर हुई थी, प्रस्ताव आया तो पार्षदों की कमेटी द्वारा दी गई रिपोर्ट पर संक्षिप्त चर्चा हुई। पार्षद बचन लाल और पार्षद शमशेर खैहरा ने बताया कि कमेटी की जांच के दौरान पुरानी लाइटें खरीद करने वाले ठेकेदार ने निगम खजाने में पहले 9 लाख और बाद में 30 लाख की राशि जमा करवाई, जिससे साफ है कि बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हो रही थी। स्टॉक रजिस्टर में भी घपलेबाजी के सबूत मिले। ऐसे में जब मेयर ने संबंधित अफसर को जवाब देने के लिए बुलाया तो किसी ने जिम्मेदारी नहीं ली।

ऐसे में फैसला हुआ कि एल.ई.डी. स्ट्रीट लाइट के मुद्दे पर पार्षद हाऊस की अगली बैठक बुधवार 11 जनवरी को फिर होगी। मेयर का कहना था कि पहला प्रोजैक्ट 274 करोड़ का था जिसे कम करके 44 करोड़ का लाया गया परन्तु उस कम्पनी ने भी सभी को गुमराह किया।

अब सड़क को गर्म करके लगा करेंगे पैचवर्क

बैठक दौरान कांग्रेसी पार्षद अरुणा अरोड़ा ने मांग रखी कि सर्दियों में चूंकि लुक बजरी के पैचवर्क नहीं लग सकते इसलिए टाइलों के पैचवर्क लगाने की व्यवस्था की जाए ताकि सड़के और ज्यादा न टूटें। इसके अलावा उन्होंने निगम कमिश्नर के विजन को सराहा और कहा कि सर्दी तथा धुंध के मौसम में स्ट्रीट लाइटों के ब्लैक स्पॉट जल्द दूर किए जाएं। पार्षदों को 20-25 स्ट्रीट लाइटें दी जाएं तथा स्ट्रीट लाइट ठीक करने वाले स्टॉफ को वेतन जारी किया जाए। कमिश्नर का जवाब था कि शहर में पैचवर्क का नया सिस्टम लागू किया जा रहा है। अब सड़कों को गर्म करने के बाद सही तरीके से पैचवर्क लगा करेंगे ताकि टूटी सड़कों की समस्या दूर हो सके।

हर वार्ड का कूड़ा उसी वार्ड में रहेगा या प्रोसैस होगा

शहर की सफाई संबंधी समस्या का जवाब देते हुए निगम कमिश्नर ने कहा कि असूलों के मुताबिक हर वार्ड का कूड़ा उसी वार्ड में रहना या प्रोसैस होना चाहिए। जालंधर की समस्या यह रही है कि यहां छोटे डम्प स्थानों को हटाते-हटाते कुछ डम्प बहुत बड़े बना दिए गए, जिससे लोग परेशान हुए। जो जायज भी है। अब ऐसा नहीं चलेगा। पहले खांबड़ा, खुरला किंगरा तक का कूड़ा माडल टाऊन आया करता था।

अब ऐसा नहीं होगा। इसके लिए मैनपॉवर और मशीनरी का प्रबंध किया जा रहा है। 1500 के करीब विभिन्न श्रेणी के कर्मचारी रखे जा रहे हैं जिस कारण वार्डों के साथ-साथ शहर के मेन स्थानों की सफाई संबंधी समस्या भी सुलझेगी। हाऊस के एजैंडे में आज पार्षद लाडा और पार्षद ग्रोवर के वार्डों से संबंधित प्रोजैक्ट पास हुआ जिसके तहत मशीन के माध्यम से दोनों वार्डों का कूड़ा प्रोसैस होगा।

बैठक दौरान भाजपा पार्षद शैली खन्ना ने कहा कि 5 साल पहले पार्षद हाऊस की पहली बैठक में जो प्रस्ताव पास हुए थे वे गुरु गोबिंद सिंह एवेन्यू की सड़कों को बनाने बाबत थे, जिन पर आज तक काम शुरू ही नहीं हो सका। हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। कांग्रेस के राज दौरान किसी की कोई सुनवाई नहीं हुई और सिर्फ टोपियां ही घुमाई गईं। गौरतलब है कि शैली खन्ना इस दौरान मेयर को देने के लिए टोपी तक लेकर आई हुई थीं।

एल.ई.डी. कम्पनी के कर्मचारियों ने किया कमिश्नर का घेराव

जब पार्षद हाऊस की बैठक चल रही थी तब कमिश्नर को संदेश आया कि यूनियन नेता चंदन ग्रेवाल उनसे मिलना चाह रहे हैं। कमिश्नर ने उन्हें हाऊस में मिलने का समय नहीं दिया। जब बैठक समाप्ति के बाद कमिश्नर अपनी कार से जाने लगे तो उनका इंतजार कर रहे एल.ई.डी. कम्पनी के कर्मचारियों ने उनकी कार का रास्ता रोक कर रोष प्रदर्शन शुरू कर दिया, जिसका नेतृत्व चंदन ग्रेवाल कर रहे थे।

कमिश्नर कार में बैठे रहे और प्रदर्शनकारी नारे लगाते रहे। ऐसे में कमिश्नर ने बाहर निकल कर चंदन ग्रेवाल को ऐसा न करने को कहा, जिसके चलते दोनों में बहस हो गई। कमिश्नर अपनी कार वहीं छोड़ कर पैदल निकल गए। इस दौरान भारी संख्या में मौजूद पुलिस कर्मचारी भी मुस्तैद दिखे।

प्रदर्शनकारियों का कहना था कि निगम एल.ई.डी. कम्पनी को भुगतान नहीं कर रहा जिस कारण कर्मचारियों को 4-5 महीने से वेतन नहीं मिला। उनके घरों का गुजारा नहीं हो रहा। चंदन ग्रेवाल ने भी गुस्से में आकर घोषणा की कि सोमवार को स्मार्ट सिटी का घेराव किया जाएगा। इस दौरान कम्पनी कर्मचारियों ने कम्पनी के मैनेजर राम कुमार को भी बंधक-सा बना लिया और वेतन रिलीज करने की मांग करने लगे।

दूसरी ओर निगम कमिश्नर ने हाऊस में बताया कि एल.ई.डी. प्रोजैक्ट की विजीलैंस चल रही है जिस कारण कम्पनी को न पेमैंट हुई है और न ही होगी क्योंकि वह इस स्कैम का हिस्सा नहीं बनना चाहते। यह प्रोजैक्ट काफी टेढ़ा-मेढ़ा और गलत ढंग से चला हुआ है जिसका कोई अता-पता नहीं चल पा रहा। चीफ इंजीनियरों की कमेटी भी प्रोजैक्ट की जांच कर रही है परन्तु कोई डाटा ही उपलब्ध नहीं है। अब कम्पनी ने पोल्ज पर नम्बर लगाने का काम शुरू कर दिया है जिसके बाद ही डाटा बन पाएगा।

बेरोजगार युवकों को काम-धंधा शुरू करने के लिए दुकानें इत्यादि बनाने से संबंधी नियमों में छूट दी जाए। 3 मरले तक के छोटे मकानों को एन.ओ.सी. तथा बिल्डिंग बाइलाज से मुक्त किया जाए तथा बिल्डिंगों व कालोनियों को रैगुलर करने का वायदा पूरा किया जाए।

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पार्षदों ने अपने-अपने वार्ड से संबंधित मुद्दे उठाए

कंवलजीत कौर गुल्लू : स्ट्रीट लाइट रिपेयर करने वाले स्टॉफ को कई महीनों से वेतन नहीं मिला जिस कारण वार्डों में अंधेरा व्याप्त है। कुछ समय से साफ-सफाई की समस्या अत्यंत बिगड़ गई है। हर जगह कूड़े के ढेर लगे हुए हैं, जहां से हफ्ता-हफ्ता कूड़ा ही नहीं उठाया जाता।

दविंद्र सिंह रोनी : मेयर ने जालंधर को नम्बर 1 तो बनाया परन्तु नीचे से। इस दौरान पार्षद रोते ही रहे। अपनी जेब से खर्च करते रहे। कोई अफसर एक महीने से पहले शिकायत पर सुनवाई नहीं करता। जे.ई. चड्ढा को स्ट्रीट लाइट बाबत 500 फोन किए परन्तु वह भी बेबस दिखे। कांग्रेस ने शहर का काफी बुरा हाल कर दिया, जिस कारण आज बच्चे विदेशों का रुख कर रहे हैं। अगला मेयर बढ़िया लेकर आओ जो सिफारिशी न हो।

श्वेता धीर : 5 साल में सीवरेज विभाग ने शहर को डूबो कर रख दिया। भाजपा पार्षदों से खूब भेदभाव हुआ। उन्हें एल.ई.डी. लाइटें नहीं दी गईं। उन्हें जेब से पैसे खर्च करने पड़े। 2 साल से वार्ड के ट्यूबवैल का वर्क आर्डर जारी हुआ है परन्तु ठेकेदार आया ही नहीं। सुपर सक्शन मशीनें हैं परन्तु उनके ड्राइवर नहीं हैं। अमरुत योजना के तहत पाइपें डाली ही नहीं गईं जिस कारण जेब से पैसे खर्च करके टैंकर मंगवाने पड़ रहे हैं। मैंटेनैंस के कामों में खूब गड़बड़ी हुई। मेरे वार्ड में काम 7-8 लाख का हुआ पर ठेकेदार को पेमैंट 10 लाख की हो गई। दूसरा काम सिर्फ 40 हजार का हुआ पर पेमैंट 3.50 लाख की कर दी गई। पार्षदों से कोई हस्ताक्षर नहीं करवाए गए।

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शमशेर खैहरा :एल.ई.डी. प्रोजैक्ट की विजीलैंस जांच कहां तक पहुंची हाऊस को बताया जाए। टैक्नीकल टीम जांच कर भी रही है या नहीं, इसका पता किया जाए। मेयर ने इस बाबत जांच विजीलैंस को रैफर की या नहीं, इसकी जानकारी दी जाए। चौहकां गांव में जो पार्क डिवैल्प हो रहा है वहां आज तक कोई ऑफिसर नहीं गया। न ठेकेदार को कोई नोटिस जारी हुआ, न वहां काम हो रहा है। सैनीटेशन विभाग के अधिकारी भी काम नहीं करते।

राजीव ओंकार टिक्का : कई साल पहले मैंने बैठक में निगम को ताला लगाने बाबत कहा था और यह भी कहा था कि कभी सोने की चिड़िया होता जालंधर आज कूड़े का कौवा बन गया है। ऐसे हालात सच होते नजर आ रहे हैं। कुछ समय पहले सारे ठेकेदारों ने काम करने छोड़ दिए थे परन्तु अब पैसे मिलने के बाद काम तो होने शुरू हो गए हैं परन्तु सीवरेज का कोई सिस्टम नहीं। कालासघिंया रोड की हालत बहुत बुरी है। जेब से पैसे खर्च करके कूड़े के डम्प खत्म करवाए गए। ऐसे कारनामों के चलते शहर में कांग्रेस की दुर्गति हुई।

जसपाल कौर भाटिया : 5 साल में शहर का बेड़ा गर्क कर दिया गया। वार्ड 45 में एक डम्प और बना दिया गया है। 120 फुट रोड को बड़ी मेहनत से स्मार्ट बनाया गया था परन्तु अब वहां सफाई की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। 2-3 महीने में इसकी हालत सुधारने पर ध्यान दिया जाए। स्पोर्ट्स मार्कीट की सड़कों को भी ठीक किया जाए। पार्षद भाटिया द्वारा दिए गए प्रस्ताव के आधार पर आज हाऊस ने विभिन्न सडक़ों के नाम पूर्व पार्षद वेद प्रकाश कपूर, पूर्व पार्षद सुरेन्द्र नाथ मुरगई, पूर्व पार्षद भगत लाभ चंद तथा पूर्व पार्षद जगदीश नारायण को समर्पित किए गए।

मंदीप जस्सल : 5 साल के कार्यकाल में मेयर ने किसी की बाजू नहीं पकड़ी। पार्षदों ने अपने दम पर काम करवाए। मेयर चंद कदम दूर कमिश्नर ऑफिस तक चल कर नहीं गए। यही उनकी नालायकी रही। अगले निगम में धाकड़ मेयर आना चाहिए, जो पार्षदों का साथी बने। सीवर व्यवस्था की ओर ध्यान दिया जाए। 5-ए जोन भगवान भरोसे चल रही है। लोग त्राहि-त्राहि कर रहे हैं परन्तु अफसरों को कोई परवाह नहीं।

बचन लाल : सुपर सक्शन मशीनों से सफाई के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च किए गए परन्तु अफसरों ने काम की निगरानी नहीं की। करोड़ों रुपया बेकार गया। ठेकेदार एक चैम्बर से गार निकाल कर दूसरे में फैंकते रहे जिस कारण सीवरेज समस्या बढ़ गई। फोल्ड़ीवाल प्लांट को भी किसी ने जाकर चैक नहीं किया। स्ट्रीट लाइट मामले में कमेटी ने खूब मेहनत की परन्तु कुछ न कर सकी जबकि हजारों गलतियां निकलीं।

अंजलि भगत : गांधी कैम्प के साथ-साथ वार्ड के अन्य क्षेत्रों की सीवर समस्या हल नहीं हो रही। स्टॉफ जाता है परन्तु जब तक पूरी गार नहीं निकलेगी शिकायतें आती रहेंगी। वहां सीवरेज लाइनों से तकिए, बैडशीट और झाड़ू तक निकले हैं, जिससे लग रहा है कि गांधी कैम्प में कोई शरारत हो रही है। जैटिंग मशीन लगने के बावजूद समस्या हल नहीं हो रही जिस कारण स्लम आबादी गांधी कैम्प डूबी हुई है। सीवर लाइनों से गार निकाली जानी चाहिए। उनके वार्ड को अभी तक स्वीपर नहीं मिले। बी.एस.एफ. कालोनी के बाहर पार्क को कूड़े तथा मलबे का डम्प बना दिया गया जिसकी सफाई करवाई जाए।

बलजीत प्रिंस : मेयर को चाहिए कि वह अपने 5 साल के कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड बताएं। 5 साल में समस्याएं और भी ज्यादा गंभीर हो गई हैं। सड़के टूटी हैं, सीवरेज सिस्टम फेल है, लाइटें बंद हैं और लोग गंदा पानी पीने को विवश हैं।

राधिका पाठक : शहर की सबसे बड़ी समस्या यह है कि सीवरेज साफ करने वाले स्टॉफ के पास सामान ही नहीं होता जिस गली में सीवरेज या रोड गली का ढक्कन टूट जाता है उसे महीनों तक बदला नहीं जाता जिस कारण दुर्घटनाएं तक होती हैं।

मिंटू जुनेजा : अर्बन एस्टेट फेज-1 और फेज-2 के पार्क में लगी लोहे की ग्रिलें चोरी हो रही हैं। किसी को कोई फिक्र नहीं है। वार्ड में सीवर कई जगह बैक मार रहा है। सुभाना अंडरपाथ का काम भी रुका पड़ा है जिस कारण दुर्घटनाएं हो रही हैं। इन समस्याओं को दूर किया जाए।

जगदीश समराय : बायोमाइनिंग प्रोजैक्ट पहले 72 करोड़ का था, फिर 41 करोड़ कर दिया गया परन्तु उसके बावजूद चालू नहीं किया जा रहा। कूड़े की समस्या लगातार बढ़ रही है। कालासङ्क्षघया ड्रेन प्रोजैक्ट पर भी कोई काम नहीं हो रहा। न ही वहां ड्रेन की सफाई हो रही है। कई मोहल्लों में बीमारी फैल रही है। या तो ड्रेन बंद की जाए या 40 करोड़ वाला प्रोजैक्ट चालू किया जाए। 9 माह से टैंडर पास हो चुके हैं परन्तु काम शुरू नहीं हो रहा। 6 महीने से सीवरेज का ढक्कन तक नहीं मिल पा रहा। 5 लाख का मैंटेनैंस का पैसा कहां खर्च हुआ। कोई अता-पता नहीं।

कमिश्नर का जवाब था कि बायोमाइनिंग कम्पनी को जुर्माना लगाया जा चुका है और अगली वार्निंग दी जा चुकी है। कम्पनी ने 15 फरवरी से काम शुरू करने का आश्वासन दिया है। वर्ना प्रोजैक्ट रद्द कर दिया जाएगा। कालासघिंया ड्रेन प्रोजैक्ट 45 करोड़ के समय डिजाइनिंग स्टेज पर था परन्तु अब 90 करोड़ का खर्च बताया जा रहा है, जो ठीक नहीं लगता।

निर्मल सिंह निम्मा : भ्रष्ट और लापरवाह अफसर को भी रिटायरमैंट के समय शानदार विदाई पार्टी दी जाती है। 2-3 साल पहले शहर के हालात ठीक थे परन्तु स्मार्ट सिटी के प्रोजैक्टों ने सडक़ों का बुरा हाल कर दिया। अब 10 महीने से नई सरकार के रहते भी हालात बद से बदतर हो रहे हैं। इस सरकार ने भी कुछ नहीं किया।

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News Editor

Urmila

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