पंजाब के इलावा यू.पी. में भी आखिर क्यों चर्चा का विषय बनी नवांशहर विधानसभा सीट

punjabkesari.in Sunday, Jan 23, 2022 - 04:11 PM (IST)

नवांशहर (मनोरंजन): जिला शहीद भक्त सिंह नगर की विधानसभा सीट नवांशहर 1952 में सामने आई थी। 1952 से लेकर अब तक हुए 16 विधानसभा चुनावों में 18 विधायक चुने गए। पूर्व कृषि मंत्री स. दिलबाग सिंह हलका नवांशहर से सबसे लंबे समय तक विधायक रहे। वह नवांशहर से कुल 6 बार विधायक चुने गए जबकि अकाली दल के जतिंदर सिंह करीहा तीन बार विधायक चुने गए।

पूर्व कृषि मंत्री दिलबाग सिंह की मौत के बाद 1997 में हुए विधानसभा चुनाव में उनके पुत्र चरणजीत सिंह चन्नी आजाद उम्मीदवार के तौर पर विधायक बने। फिर 2002 में सव. स. दिलबाग सिंह के भतीजे प्रकाश सिंह विधायक बने। 2012 में दिलबाग सिंह की बहु गुरइकबाल कौर बबली विधायक बने। 2017 में दिलबाग सिंह का पोता अंगद सिंह हलका नवांशहर से विधायक चुना गया। इस समय विधानसभा हलका नवांशहर की सीट पंजाब के इलावा यू.पी. में भी चर्चा का विषय बनी हुई है क्योंकि विधायक अंगद सिंह की पत्नी अदिति सिंह कांग्रेस से इस्तीफा दे कर भाजपा में शामिल हो गई है।

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रायबरेली सदर से विधायक अदिति सिंह ने हाल ही में भाजपा जुआइन की है। अदिति सिंह के भाजपा में जाने कारण विधायक अंगद सिंह को कांग्रेस की टिकट को ले कर भी पेच फंसा हुआ है जबकि नवांशहर विधानसभा सीट के चुनाव काफी दिलचस्प बन गए है। अकाली दल की तरफ से यह सीट गठबंधन बसपा के लिए छोड़ दी गई है। अकाली बसपा गठबंधन की तरफ से डा. नछत्तर पाल और सव. स. दिलबाग सिंह परिवार के मौजूदा विधायक अंगद सिंह कांग्रेस की तरफ से चयन लड़ने की उम्मीद है। इसके इलावा संयुक्त समाज मोर्चा, भाजपा और आम आदमी पार्टी और पंजाब विकास पार्टी के उम्मीदवार खडे होने साथ बहुकोनी मुकाबले के साथ दुगना दिलचस्प हो गया है।

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News Editor

Kalash

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