ट्रांसपोर्ट मंत्री ने दी जानकारी, सरकारी बसों से इतने लाखों का मिला राजस्व

punjabkesari.in Tuesday, Oct 19, 2021 - 04:44 PM (IST)

चंडीगढ़ (रमनजीत): पंजाब के ट्रांसपोर्ट मंत्री को कार्यभार संभाले 3 सप्ताह हो गए हैं। प्राइवेट बस आप्रेटरों द्वारा ज्यादती के लगाए जा रहे आरोपों पर स्पष्टीकरण देते हुए पंजाब के ट्रांसपोर्ट मंत्री अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा सिर्फ वर्ष 2021 का ही टैक्स प्राइवेट बस मालिकों से वसूला जा रहा है और किसी के साथ कोई धक्का नहीं किया जा रहा। श्री मुक्तसर साहिब में पंजाब रोडवेज के बस डिपो का जायजा लेने पहुंचे मंत्री राजा वड़िंग ने कहा कि किसी भी प्राइवेट बस को बंद नहीं किया जा रहा बल्कि राज्य सरकार द्वारा बस ट्रांसपोर्टरों का कोरोना महामारी के समय का टैक्स माफ किया गया है। उसके बाद के महीनों का तो टैक्स वसूल किया जाना ही है। उन्होंने कहा कि जो टैक्स देने से प्राइवेट बस ऑप्रेटर पिछले करीब 10 महीने से टाल-मटौल कर रहे हैं, वह टैक्स बस ऑप्रेटरों की तरफ से सवारी से टिकट के रूप में पहले ही वसूल लिया गया है।

परिवहन मंत्री वड़िंग ने खुशी प्रकट की कि सरकारी बसों की रोजाना की आय में 40 लाख रुपए की बढ़ौतरी हुई है और सरकारी डिपो अब मुनाफे में चल पड़े हैं। उन्होंने बताया कि सरकार की तरफ से श्री मुक्तसर  साहिब बस स्टैंड को नया रूप देने के लिए 56 लाख रुपए खर्च कर इसकी मुरम्मत की जाएगी और यह काम पी.डब्ल्यू.डी. (बी.एंड.आर.) द्वारा करवाया जाएगा, जिससे काम जल्द मुकम्मल किया जा सके। इस मौके पर कैबिनेट मंत्री ने स्थानीय बस स्टैंड की वर्कशॉप, डीजल पंप ऑटोमेशन सिस्टम, बस स्टैंड की साफ-सफाई और बसों में सफर करने वाली सवारियों से सरकारी बसों में आने वाली परेशानियों संबंधी जानकारी हासिल की। वड़िंग ने बस स्टैंड में  बूट पॉलिश करने वाले हंस राज से भी उसकी समस्याएं सुनीं और संबंधित ठेकेदार को हिदायत दी कि हंस राज से 1200 रुपए प्रति महीने की बजाय 700 रुपए प्रति महीना किराया लिया जाए।


बड़ी मछलियों पर हाथ नहीं डाल रहे वड़िंग

विभाग का कामकाज संभालने के बाद सबसे अधिक सक्रिय नजर आ रहे ट्रांसपोर्ट मंत्री अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग की कार्रवाई से विभाग के अधिकारी कुछ ज्यादा खुश नजर नहीं आ रहे हैं। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह जरूर सही है कि टैक्स में बढ़ौतरी शुरू हुई है, लेकिन यह उस रफ्तार से नहीं है, जैसी होनी चाहिए। विभाग के जानकारों का कहना है कि अभी भी कार्रवाई चुनिंदा ट्रांसपोर्टरों पर ही हो रही है, जबकि और भी कई ऐसे ट्रांसपोर्टर हैं जिनके ऊपर लाखों ही नहीं, करोड़ों की देनदारी बाकी है।

सूत्रों के मुताबिक जालंधर की करतार बस व उसके अधीन छोटी-बड़ी अन्य ट्रांसपोर्ट कंपनियों की तरफ तकरीबन सवा करोड़ रुपए, द होशियारपुर एक्सप्रैस ट्रांसपोर्ट कंपनी की तरफ 22 लाख रुपए, दोआबा ट्रांसपोर्ट व दोआबा रोडवेज की तरफ तकरीबन 50 लाख रुपए, ग्रीन रोडवेज फरीदकोट की तरफ तकरीबन एक करोड़ रुपए व रघुराज ट्रांसपोर्ट की तरफ 18 लाख रुपए और पी.आर.टी.सी. की तरफ 237 करोड़  रुपए की टैक्स देनदारी पैडिंग है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यदि इन ट्रांसपोर्ट कंपनियों से भी टैक्स की वसूली सख्ती से हो जाए तो राज्य के खजाने को काफी राहत मिल सकती है।

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Content Writer

Sunita sarangal

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