विजिलेंस कार्रवाई के विरोध में अधिकारियों और कर्मचारियों ने पंजाब सरकार खिलाफ की बगावत!

punjabkesari.in Tuesday, Jan 10, 2023 - 12:38 AM (IST)

जालंधर डेस्क : पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद विजिलेंस विभाग द्वारा आए दिन भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर राज्य के आला अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ जिस तरह से कार्रवाई की जा रही है, उसके बाद विजिलेंस कार्रवाई के विरोध में अधिकारियों और कर्मचारियों ने पंजाब सरकार खिलाफ एक तरह से बगावत का बिगुल बजा दिया है। अधिकारियों का तर्क हैं कि विजिलेंस विभाग पुष्ट सबूतों के बिना और नियमों की उल्लंघना करके बेकसूर अधिकारियों को भी आरोपी बना गिरफ्तार कर रहा है।

ऐसे ही एक मामला उस समय गर्मा गया जब पंजाब विजिलेंस विभाग द्वारा विगत दिनों पंजाब विजिलेंस ब्यूरो द्वारा भ्रष्टाचार के एक मामले में आरटीए लुधियाना  नरिंदर सिंह धालीवाल की गिरफ्तारी के विरोध में पंजाब सिविल सर्विसेज (पीसीएस) अधिकारी आज से सामूहिक अवकाश पर चले गए हैं। यहीं नही पीसीएस अधिकारियों के विरोध को डीसी ऑफिस एम्पलाइज यूनियन और रेवेन्यू अधिकारियों ने भी अपना समर्थन देते हुए 5 दिनों के सामूहिक अवकाश पर जाने का ऐलान कर दिया।

जिस कारण आज डीसी आफिस से संबंधित सभी विभागों में न तो अधिकारी मौजूद रहे और न ही कोई कर्मचारी दिखाई दिया। जिला में तैनात एडिशनल डिप्टी कमिश्नर (जनरल) मेजर अमित महाजन, एडिशनल डिप्टी कमिश्नर (डेवलपमेंट) वरिंदर पाल सिंह बाजवा, एस.डी.एम-1 डा. जै इंद्र सिंह, एस.डी.एम-2 बलबीर राज सिंह, सब रजिस्ट्रार कुलवंत सिंह सिद्धू, सब रजिस्ट्रार-2 प्रदीप कुमार, तहसीलदार-1 गुरप्रीत सिंह, तहसीलदार-2 प्रवीण कुमार छिब्बड़ सहित अनेकों अधिकारी और कर्मचारियों के सामूहिक अवकाश पर चले जाने से उनके आफिस सुनसान दिखाई दिए।

डीसी आफिस से संबंधित ज्यादातर विभागों में आज दिन भर ताला जड़ा रहा जिस कारण दूर दराज के क्षेत्रों से विभिन्न कामों को लेकर आने वाली जनता को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। लोग अपने कामों को लेकर सर्दी के मौसम में सुबह सवेरे ही डीसी ऑफिस पहुंचना शुरू हो गए ताकि उनका काम समय पर निपट जाए परंतु वहां आकर उन्हें पता लगा कि सामूहिक अवकाश के कारण उनका काम नहीं होगा। लोगों की सबसे बड़ी परेशानी इस बात पर दिखी कि अगर पंजाब सरकार ने इस विरोधता को रोकने के प्रयास न किए तो आज के मौजूदा हालात अगले 5 दिनों तक ऐसे ही बने रहेंगे।

रजिस्ट्रियों का काम भी रहा बंद

सब रजिस्ट्रार के सामूहिक अवकाश पर जाने के कारण रजिस्ट्रियों का काम पूरी तरह से बंद रहा, जिन आवेदकों ने प्रॉपर्टी संबंधित खरीदों फरोख्त करने के बाद आज रजिस्ट्री कराने को लेकर आनलाईन अप्वाईंटमेंट ले रखी थी, उनके हाथों में निराशा ही लगी, रजिस्ट्रियों का काम बाधित होने से लोगों के लाखों रुपए के लेनदेन अधर में फंस गए हैं। सब रजिस्ट्रार के सामूहिक अवकाश पर जाने से रजिस्ट्रियों के अलावा, पॉवर ऑफ अटॉर्नी, तबदील मलकियत, वसीयत सहित अन्य दस्तावेजों को भी मंजूरी नहीं मिल पाई।

सुविधा सेंटर, फर्द केंद्र, ऑटोमेटेड ड्राइविंग सेंटर में काम रहा जारी

डीसी ऑफिस के करीब सभी विभागों में आज सरकारी कामकाज पूरी तरह से बंद रखा गया परंतु प्राइवेट सोसायटियों के संचालन में चल रहे सुविधा केंद्र, फर्द केंद्रों, ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट सेंटर में काम निर्विघ्न जारी रहा। हालांकि इन विभागों में भी रूटीन के मुकाबले बेहद कम भीड़ दिखाई दी और बेहद कम गिनती में लोग ही इन कार्यालयों में पंहुचें। फर्द केंद्र में तो रजिस्ट्री कराने को लेकर लोग फर्द लेने आते हैं, परंतु रजिस्ट्रियों का काम बंद रहने से वहां भी गिने-चुने लोग ही दिखाई दे रहे थे। आज ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट सेंटर में लाइसेंस बनाने के काम निरंतर जारी रहने से आवेदकों को बड़ी राहत मिली। आज सेंटर पहुंचे 300 से ज्यादा आवेदकों ने अपने ड्राईविंग, लर्निंग लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया को पूरा कराया।

डीसी ऑफिस एम्पलाइज यूनियन ने की गेट रैली

डीसी आफिस एम्पलाईज यूनियन ने विगत देर रात्रि ही सामूहिक अवकाश पर जाने का ऐलान कर दिया था। जिसके बाद आज सुबह  यूनियन के पदाधिकारी कार्यालय में एकत्रित हुए और उन्होंने विजिलेंस विभाग की धक्केशाही और नियमों के विपरीत हुई कार्रवाई के खिलाफ डीसी आफिस में स्थित डा. भीम राव आंबेडकर के स्मारक के समक्ष गेट रैली भी की। इस दौरान  यूनियन के प्रदेश प्रधान तेजिंदर सिंह, जिला प्रधान नरेश कुमार कौल, महासचिव जगदीश चंद्र सलूजा व अन्यों ने कहा कि सभी सरकारी भ्रष्टाचार के खिलाफ हैं, परंतु किसी भी मामले में बिना सबूतों के किसी भी अधिकारी व कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

आखिर क्या हैं आर.टी.ओ लुधियाना पर विजिलेंस कार्रवाई का मामला

गौरतलब है कि पंजाब विजिलेंस ने शुक्रवार को पीसीएस अधिकारी नरिंदर धालीवाल को ट्रांसपोर्टरों से रिश्वत के रूप में पैसा वसूल कर एक संगठित अपराध चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया था. यह कार्रवाई सीएम की भ्रष्टाचार निरोधक हेल्पलाइन पर दर्ज शिकायत के आधार पर की गई. विजिलेंस के एक प्रवक्ता ने कहा था कि जांच से पता चला है कि धालीवाल कुछ निजी व्यक्तियों के माध्यम से मासिक आधार पर रिश्वत की रकम वसूला करते थे. जिसके बाद जांच में यह पाया गया कि उन्हें 4 लाख रुपये की रिश्वत की रकम मिली, जिसमें से उन्होंने 1,70,000 रुपये खुद के लिए इस्तेमाल किए और शेष रिश्वत की रकम पंजाब होम गार्ड्स (पीएचजी) बहादर सिंह को सौंप दी गई।

वहीं पीसीएस एसोसिएशन ने विजिलेंस की कार्रवाई की गलत बताते हुए दावा किया कि धालीवाल ने न तो रिश्वत की मांग की और न ही इसे स्वीकार किया। यूनियन ने दावा किया कि इसी तरह का मामला आरटीए-फरीदकोट तरसेम चंद के खिलाफ दर्ज किया गया था और आरोप झूठा निकला लेकिन अधिकारी को फंसाने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। एसोसिएशन ने यह भी कहा कि आरटीए धालीवाल की गिरफ्तारी में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17-ए के तहत कानूनी प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया।

एसोसिएशन की मांग है कि सरकार धालीवाल की अवैध गिरफ्तारी की जांच के लिए एक समिति का गठन करे और शुक्रवार (13 जनवरी) तक रिपोर्ट तलब करे और समिति में प्रमुख सचिव रैंक के वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के साथ-साथ एक पीसीएस अधिकारी और परिवहन विभाग के प्रतिनिधि शामिल किए जाए।


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News Editor

Parveen Kumar

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