नहर के किनारे बन रही विवादित बिल्डिंग के खिलाफ फिर हुई खानापूर्ति, नगर निगम के खिलाफ किया जा रहा प्रदर्शन
punjabkesari.in Tuesday, Aug 06, 2024 - 02:04 PM (IST)
लुधियाना, (हितेश): नगर निगम अधिकारियों द्वारा सिद्धवा नहर के किनारे पुष्प विहार के बाहर बन रही विवादित बिल्डिंग के खिलाफ कार्रवाई करने का दावा किया गया है, लेकिन जोन डी की बिल्डिंग ब्रांच की टीम द्वारा वहां खानापूर्ति के सिवाय कुछ नहीं किया गया है। जिसका सबूत यह है कि इस बिल्डिंग के निर्माण के लिए 6 नक्शे पास करवाए गए हैं और साइट पर इकट्ठा मल्टी स्टोरी कॉम्प्लेक्स बनाया गया है।
बता दें कि जिसकी बेसमेंट को भले ही क्लब कर दिया गया है, जबकि ओवर कवरेज के मामले में कार्रवाई सिर्फ नोटिस जारी करने तक ही सीमित है। जिसकी वजह नीचे से ऊपर तक बिल्डिंग ब्रांच के अधिकारियों की मिलीभगत के रूप में सामने आई है। इस बिल्डिंग के निर्माण के दौरान सरकारी जमीन पर कब्जा करने के आरोप भी लग रहे हैं, क्योंकि इसके फ्रंट पर सिंचाई विभाग की जमीन है और साइड पर सूआ रोड है। जिसे लेकर इलाके के लोगों द्वारा नगर निगम के खिलाफ़ प्रदर्शन भी किया गया है।
उधर, इस रोड को कमर्शियल डिक्लेर करने के लिए नगर निगम द्वारा जारी नोटिस में सड़क की चौड़ाई बढ़ाकर 60 फुट करने का जिक्र किया गया है, लेकिन साइट पर बिल्डिंग के मालिक दुआरा सड़क के किनारे चारदीवारी कर ली गई है। जिसके कुछ हिस्से को तोड़ने का ड्रामा नगर निगम की टीम द्वारा किया गया है। सिद्धवा नहर के किनारे पुष्प विहार के बाहर बन रही विवादित बिल्डिंग का मुद्दा पिछले दिनों हुई विधानसभा की लोकल बॉडी कमेटी की बैठक के दौरान भी छाया रहा था। उस समय चेयरमैन गुरप्रीत गोगी द्वारा कमिश्नर को एक घंटे के भीतर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए थे। जिसके चलते इस बिल्डिंग का निर्माण नगर निगम अधिकारियों के गले की फांस बन गया और कई दिनों बाद उनके द्वारा कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति की गई है।
हालांकि इससे यह साबित हो गया है कि सूआ रोड की तरफ की गई चारदीवारी की आड़ में सरकारी जमीन पर कब्जा कर लिया गया है। इस बिल्डिंग के मालिकों द्वारा रिवाइज नक्शा जमा करवाया गया है। जिस सम्बन्ध में रिपोर्ट मांगी गई है कि प्लॉट साईज के हिसाब से बायलाज के मुताबिक निर्माण हो रहा है या नहीं, उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। इसी तरह बिल्डिंग ब्रांच के स्टाफ से साइट पर सरकारी जमीन पर कोई कब्जा न होने का सर्टिफिकेट लेने के बाद ही नक्शा पास करने का फैसला किया जाएगा।