पी.ए.यू. का नया शोध, खरीफ फसल के पैकेट ऑफ प्रैक्टिस में शामिल

punjabkesari.in Tuesday, Mar 28, 2023 - 06:43 PM (IST)

लुधियाना (गौतम) : पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी की तरफ से खरीफ फसलों के लिए आयोजित मेले के दौरान माईक्रोगीन से तैयार खाने पीने के सामान के स्टॉल लगाए गए। गौर है कि न्यूट्रिएटस, मिनरल्स, विटामिन और एंटीऑक्सीडेट्स से भरपूर माईक्रोग्रीन्स को पी.ए.यू. की तरफ से खरीफ फसल के पैकेट ऑफ प्रैक्टिस में भी शामिल किया जा चुका है । इससे फूड व न्यूट्रीयशन विभाग की तरफ से कप केक और बिस्कुटस भी तैयार किए कर प्रर्दशित किए गए । यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों की तरफ से माना जा रहा है कि माइक्रोग्रीन से सामान तैयार कर किसान व घरेलू महिलाएं इससे रोजगार के तौर पर अपना सकती है, जिससे उनके लिए रोजगार के साधन उपलब्ध होगें । कप केक  और बिस्कुट बनाने के लिए अवाला विभाग की तरफ से इस का प्रयोग सलाद, दलिया, सैंड विच, पोहा तैयार करने में भी किया जा रहा है । विशेषज्ञों के अनुसार इन्हें किसी भी मौसम में तैयार किया जा सकता है। जिससे अधिक लाभ होगा और हर समय इससे सामान तैयार किया जा सकता है । 

बीज उगने की तीन स्टेज , सेहत के लिए लाभदायक 

विभाग की प्रोफेसर डॉक्टर सोनिया शर्मा और प्रमुख डॉक्टर किरण ग्रोवर के अनुसार हर मौसम में तैयार होने वाले माइक्रोग्रीन करने के लिए बीज उगने की तीन स्टेज होती है, जिसमें स्प्राउट, माइक्रोगीन व तैयार फसल होती है । अनुसंधान से पता चला है कि इन स्टेजों से माइक्रोग्रीन में विटामिन, मिनरल, एंटीआक्सीडेट न्यूट्रिएंट से भरपूर होते है । विभाग के अनुसार  कप केक व बिस्कुट में माईक्रोगीन की मात्रा करीब 10 से 15 प्रतिशत तक होती है, जब कि अन्य उत्पादनों दलिया, पोहा , सैंडविच व सलाद में भी उचित मात्रा में इसका प्रयोग होता है । 

किसी भी तरह के अंकुरित बीज से होता है तैयार 

विभाग के माहिरों के अनुसार किसी भी तरह के अंकुरित बीज से माइक्रोग्रीन को तैयार कर सकते है, इसके लिए अंकुरित बीज को पूरी रात भिगो कर रखना पड़ेगा । कोकपीट या मिट्री, वर्मीकपोस्ट का मिश्रण में किसी भी बर्तन में इसकी बुआई की जा सकती है । जिसे अधिक धूप में न रख कर छांव वाली जगह में रखना चाहिए । करीब 10वें दिन अंकुरित होने के बाद माइक्रोग्रीन तैयार होता किया जा सकता है, जिसको काट कर माईक्रोवेव में सूखा कर पाऊडर बनाया जाता है। विभाग की तरफ से पहले ब्रोकली, पालक, धनिया व गाजर के माइक्रोग्रीन तैयार किए गए थे, विभाग के अनुसार जो भी बीज अंकुरित होता है , उससे माईक्रोग्रीन तैयार किया जा सकता है, जो कि सेहत के लिए लाभदायक है।

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News Editor

Urmila

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