गंदगी से घिरा पंजाब का ये शहर, खतरे में लोगों की सेहत

punjabkesari.in Wednesday, Nov 19, 2025 - 01:17 PM (IST)

बुढलाडा (बांसल) : स्थानीय शहर बड़े-बड़े कूड़े के ढेरों पर है, जिसको लेकर कौंसलरों ने मौन साध रखा है और लोग परेशान हो रहे हैं। शहर में कौंसलरों का एक मत न होना और नगर कौंसिल के अधिकारियों की मनमानी के कारण आज शहर कूड़े के ढेर पर बैठा हुआ दिखाई दे रहा है। कुछ समय पहले शहर को देश के प्रधानमंत्री द्वारा स्वच्छ भारत अभियान के तहत सबसे साफ-सुथरे शहर का स्लोगन पुरस्कार दिया गया था, लेकिन आज शहर की मौजूदा हालत देखकर वह पुरस्कार भी फाइलों में दबकर रह गया है।

शहर के 19 वार्डों में से लगभग 10 वार्ड ऐसे हैं, जहां सफाई, पीने का पानी, सीवरेज सिस्टम और स्ट्रीट लाइटों की हालत बेहद खराब है। वार्ड नंबर 8 के निवासी गुरविंदर सिंह ने बताया कि लंबे समय से अधूरी पड़ी सड़कें, पीने के पानी और सीवरेज सिस्टम से जुड़ी शिकायतें बार-बार अधिकारियों को दी गईं, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। वार्ड नंबर 9 के निवासी राजेश कुमार लक्की ने कहा कि पंजाब सरकार बदलावट और सुंदर शहरों के नारे तो लगाती है, लेकिन बुढलाडा की असल तस्वीर बिल्कुल उलट है। नगर परिषद के अधिकारी जानबूझकर शहर को कूड़े का ढेर बना रहे हैं। उन्होंने बताया कि कूड़ा उठाने वाले वाहन खुद कबाड़ बन चुके हैं, ऐसे में वे गलियों और नालियों से क्या सफाई करेंगे।

वार्ड नंबर 10 के निवासी विशाल कुमार और कर्मजीत कौर ने बताया कि यह वार्ड घनी आबादी वाला क्षेत्र है, जहां रोजमर्रा की खरीद-फरोख्त होती है, लेकिन बाजारों में अवैध कब्जे, बिना नक्शा पास करवाई इमारतें और जर्जर सड़कें आम बात बन चुकी हैं। वार्ड नंबर 14 के कौंसलर प्रेम गर्ग ने बताया कि इस सरकार के दौरान नगर कौंसिल के अधिकारियों का रवैया उन्हें काफी दु:खी और मायूस कर रहा है। उनके वार्ड में सड़कें, स्ट्रीट लाइटें और नालियों की हालत बेहद खराब है। हाल ही में शहर में चिकनगुनिया जैसी बीमारियां तेजी से फैली थीं, लेकिन न नगर कौंसिल और न उसके कर्मचारियों ने दवा-छिड़काव या फॉगिंग करवाई। वार्ड नंबर 7 की कौंसलर सुखविंदर कौर (सुक्खी) ने बताया कि उनका वार्ड रेल लाइन के बीच आता है, जिसका कुछ हिस्सा शहर के पार भी चला जाता है पर नगर कौंसिल ने इसे लावारिस छोड़ दिया है।

टोचन लगाकर स्टार्ट किए जाते हैं वाहन

नगर कौंसिल के वे वाहन, जो सुबह-सुबह कूड़ा उठाते हैं, टोचन लगाकर स्टार्ट किए जाते हैं। कई वाहनों के टायर पूरी तरह खत्म हो चुके हैं, फिर भी ड्राइवर अपनी जान जोखिम में डालकर शहर से कूड़ा ढो रहे हैं। कुछ समय पहले तत्कालीन एस.डी.एम. सागर सेतिया ने लाखों रुपए की नई गाड़ियां और एक जे.सी.बी. नगर परिषद को दी थी पर अधिकारियों की अनदेखी के कारण वे भी आज कबाड़ बन चुकी हैं।

अनदेखी से वाहन खराब हालत में पहुंचे

नगर कौंसिल अध्यक्ष सुखपाल सिंह ने बताया कि उन्होंने समय-समय पर जिम्मेदार अधिकारियों को अवगत कराया, लेकिन उनकी अनदेखी के कारण वाहन खराब हालत में पहुंच गए हैं। जल्द ही इस संबंध में उच्च अधिकारियों को आदेश जारी करने की सिफारिश की जा रही है।

ईमानदारी से निभा रहे हैं ड्यूटी

कार्यसाधक अधिकारी ने कहा कि वह नियमों के अनुसार अपनी ड्यूटी ईमानदारी से निभा रहे हैं। किसी भी शिकायत मिलने पर उसका तुरंत समाधान करने की कोशिश की जाती है।

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News Editor

Kamini

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