जेलों में बंद खतरनाक Gangsters को लेकर बड़ा कदम उठाने की तैयारी
punjabkesari.in Monday, May 22, 2023 - 03:17 PM (IST)

पंजाब डेस्क : उत्तर भारत में सक्रिय गैंगस्टर गुटों द्वारा डेरा डालने व दिल्ली की राजधानी दिल्ली स्थित तिहाड़ जेल में लगातार हो रही गैंगवार हत्याओं के बाद जेल प्रशासन गंभीर हो गया है। जेल प्रशासन ने अंडर ट्रायल कैदियों खासकर कुख्यात गैंगस्टरों को सरकार से प्रीजन एक्ट संशोधन कर की जेलों में शिफ्ट करने की मांग की है। दरअसल, पिछले कुछ महीनों में राजस्थान और दिल्ली में विभिन्न गैंगस्टर समूहों के सक्रिय होने की घटनाओं के बाद बड़े पैमाने पर डेरा डालने की खबर ने तिहाड़ सहित अन्य राज्यों के जेल प्रशासन को चिंतित कर दिया है। जानकारी के मुताबिक, पिछले 9 महीने में अकेले तिहाड़ में 12 गैंगवॉर की घटनाओं में 9 कैदी मारे जा चुके हैं।
इसके अलावा इन गैंगस्टर गुटों के नेताओं के जेल से अपना गिरोह चलाने और अपने गुंडों की मदद से हत्या और फिरौती की घटनाओं को अंजाम देने के कई मामले भी सामने आ चुके हैं। कल तिहाड़ में गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की निर्मम हत्या के बाद तिहाड़ जेल प्रशासन ने सरकार को पत्र भेजकर जेल एक्ट में बदलाव की मांग की है, ताकि गैंगस्टरों के आपसी संबंध तोड़ने में सफलता मिल सके। प्रशासन का तर्क है कि जब गैंगस्टरों को ऐसे राज्यों की जेलों में शिफ्ट किया जाएगा, जहां न तो वे राज्य की भाषा समझ पाएंगे और न ही अपने संपर्कों के जरिए जेल में मोबाइल फोन ले पाएंगे। अगर ऐसा हुआ तो वे अपने गुर्गो से पूरी तरह कट जाएंगे और धीरे-धीरे गिरोह भी बिखर जाएगा।
पुलिस के मुताबिक मुख्य रूप से उत्तर भारत, राजस्थान और दिल्ली में 12 बड़े गिरोह सक्रिय हैं, जो नशा तस्करी से लेकर हत्या और फिरौती का धंधा चला रहे हैं। इन गिरोहों में 2,000 के करीब गुर्गे शामिल हैं, जो ऊपर से आदेश मानने के लिए कुछ भी कर सकते हैं। पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद जतिंदर गोगी गैंग, संदीप काला जठेड़ी गैंग, गुजर गैंग, आनंदपाल गैंग, नरेश कराला गैंग और हाशमी बाबा गैंग जहां एक किनारे हो गए है। वहीं दूसरी तरफ दविंदर बंबीहा, लक्की पटियाला गैंग में नीरज भावना गैंग, टिल्लू ताजपुरिया गैंग, संदीप ढिल्लों गैंग, कौशल जाट गैंग एक तरफ हो चुके हैं और दोनों गैंग जेलों में बंद एक-दूसरे गैंग के मैंबरों को रस्ते से हटाने के लिए साजिश रच रहे हैं।
गोगी की जेल परिसर में हुई हत्या का बदला लेने के लिए तिहाड़ में बंद टिल्लू को बेरहमी से मारने की साजिश गोल्डी बराड़ ने विदेश से रची थी और इसलिए तिहाड़ जेल में बंद अपने गुर्गो को आदेश दिया था। एक-दूसरे के खून के प्यासे इन गैंगस्टर गुटों से आम जनता को भी खतरा है, मुख्य रूप से बिल्डर, व्यवसायी और अमीर लोग, जिनसे लाखों रुपए की फिरौती वसूली जा रही है और राशि के लिए फायरिंग और हत्या का खेल खेला जा रहा है। इसलिए जेल प्रशासन मुख्य गैंगस्टरों को दूसरे राज्यों की जेलों में शिफ्ट करना चाहता है, जहां न तो वे जल्दी संपर्क कर पाए और न ही स्थानीय भाषा जानते हैं।
देश की अधिकांश जेलों के हालात बहुत अच्छे नहीं हैं। जितने कैदियों को रखने की क्षमता है, उससे कई गुना ज्यादा कैदियों को रखा जा रहा है। पिछले महीने तक तिहाड़ जेल में 5200 कैदी रखने के नियम हैं, इसमें से करीब 8 हजार कैदी बंद थे। पंजाब की ज्यादातर जेलों का भी यही हाल है।
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