बड़े वित्तीय संकट में PU, कर्मचारियों को वेतन देने के पड़े लाले

punjabkesari.in Monday, Jan 24, 2022 - 02:57 PM (IST)

पटियाला (मनदीप सिंह जोसन): पंजाबी यूनिवर्सिटी (पी.यू.) पटियाला इस समय बड़े वित्तीय संकट में है। पी.यू में इस समय कर्मचारियों को वेतन के लाले पड़ चुके हैं और आज 23 जनवरी तक कर्मचारियों को दिसम्बर महीने का वेतन नहीं मिल पाया और आने वाले 7 दिनों में 2 महीनों का वेतन पेंडिंग हो जाएगा। वित्तीय संकट का बड़ा कारण गत चन्नी सरकार की तरफ से यूनिवर्सिटी को घोषित किए गए 390 करोड़ के पैकेज में से 390 रुपए भी नहीं दिए गए, जिस कारण यूनिवर्सिटी में हाहाकार मची पड़ी है और कर्मचारी अगले सप्ताह से संघर्ष शुरू करने की तैयारी करके बैठे हैं। पंजाबी यूनिवर्सिटी पिछले लम्बे समय से वित्तीय संकट का शिकार है। गत समय में डा. बी.एस. घुम्मण ने भी सरकार की तरफ से मदद न करने पर अभी अपनी टर्म के ढाई साल पेंडिंग रहते हुए भी वाइस चांसलर पद से इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद कुछ समय यूनिवर्सिटी का प्रभार एक आई.ए.एस. अधिकारी के पास रहा और फिर मौजूदा वी.सी. डा. अरविन्द को लाया गया था। हालांकि जानकारी अनुसार डा. अरविन्द ने उस समय सरकार के पास बड़े बड़े दावे किए थे कि वह यूनिवर्सिटी को परों पर खड़ा कर देंगे परन्तु ऐसा कुछ नहीं हो सका और आज यूनिवर्सिटी और नीचे जा रही है।

24 नवम्बर 2021 को पंजाबी यूनिवर्सिटी में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी आए थे, जिनके साथ पिछली सरकार के वित्त मंत्री मनप्रीत बादल भी थे, जिन्होंने बाकायदा यूनिवर्सिटी में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके यूनिवर्सिटी के लिए 390 करोड़ रुपए ग्रांट देने का ऐलान किया था, जिसमें यूनिवर्सिटी का पूरा कर्ज माफ किया था और अन्य यूनिवर्सिटी की पुरानी चली आ रही साढ़े 9 करोड़ रुपए महीना ग्रांट को बढ़ाकर 20 करोड़ रुपए करने का दावा किया था परन्तु 2 महीने बीतने के बाद भी यूनिवर्सिटी को सरकार की तरफ से एक रुपए की राहत नहीं मिली और अब तो मिलने की आशा भी नहीं क्योंकि पंजाब में इलैक्शन कोड लग चुका है और चुनाव का ऐलान हो चुका है। इस तरह पंजाबी यूनिवर्सिटी अब इस समय डूबती जा रही है, जिसको बचाने वाला कोई नहीं है। 

यूनिवर्सिटी पर 150 करोड़ का कर्ज बरकरार
24 नवंबर को उस समय के मुख्यमंत्री चन्नी और वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने ऐलान किया था कि यूनिवर्सिटी का 150 करोड़ रुपए का कर्ज सरकार अपने सिर ले रही है। अब यूनिवर्सिटी पर कोई भी कर्ज नहीं है परन्तु हैरानी है कि आज भी पंजाबी युनिवर्सिटी पर 150 करोड़ से अधिक का कर्ज बरकरार है और बाकायदा यूनिवर्सिटी को हर महीने कई करोड़ रुपए इस कर्जे का ब्याज चुकाना पड़ रहा है। इस तरह यूनिवर्सिटी की मंथली ग्रांट साढ़े 9 करोड़ से 20 करोड़ करने का दावा किया गया था पर वह भी नहीं बढ़ी, जिस कारण वेतन देने के भी लाले पड़ गए हैं।

30 करोड़ रुपए महीना वेतन के साथ पे कमीशन लागू होते ही जुड़ेंगे 5 करोड़
पंजाबी यूनिवर्सिटी में हर महीने मुलाजिमों का वेतन 30 करोड़ रुपए के करीब है और यदि पे कमीशन लागू हो जाता है तो यह 35 करोड़ रुपए के करीब पहुंच जाएगा। यूनिवर्सिटी को 30-35 करोड़ रुपए इकट्ठा करना बहुत कठिन है क्योंकि पंजाबी यूनिवर्सिटी की फीस बहुत कम है। फीसों में वृद्धि यूनिवर्सिटी कर नहीं सकती क्योंकि विद्यार्थी संघर्ष करते हैं, दूसरी तरफ सरकार यूनिवर्सिटी की मदद को तैयार नहीं है। इस कारण यूनिवर्सिटी को हर महीने वेतन देने के लिए कर्ज लेना पड़ता है और यूनिवर्सिटी लगातार डूबती जा रही है।

आने वाले महीने यूनिवर्सिटी के लिए बेहद चिंताजनक
पंजाबी सरकार की तरफ से मदद न करने के कारण आने वाले महीने पंजाबी यूनिवर्सिटी के लिए बेहद चिंताजनक हैं। यूनिवर्सिटी को जो कोई विद्यार्थियों की फीसों की मदद होती है, यह जून और जुलाई में शुरू होती है और मई तक चार पांच महीने यूनिवर्सिटी को वेतन देने के लिए सरकार पर ही नजर होती है। इस समय जो यूनिवर्सिटी की हालात हैं, उससे लगता है कि पंजाबी यूनिवर्सिटी के लिए आने वाला समय बेहद घातक होगा।

पिछले कई सालों से यूनिवर्सिटी सरकार से मांग रही है 400 करोड़ रुपए
पंजाबी यूनिवर्सिय पिछले 6 सालों से सरकार से 400 करोड़ रुपए की वित्तीय मदद मांग रही है जिससे यूनिवर्सिटी को बचाया जा सके। कैप्टन अमरिंदर सिंह साढ़े 4 साल मुख्यमंत्री रहे और उन्होंने भी यूनिवर्सिटी की मदद नहीं की। चन्नी सरकार ने सिर्फ ऐलान ही ऐलान किए, जिस कारण आज पंजाबी यूनिवर्सिटी में वेतन देने के लाले पड़ गए हैं।  वेतन न मिलने के कारण दुखी हुए कर्मचारी अगले सप्ताह से संघर्ष करने की तैयारी में हैं। कर्मचारी नेताओं का कहना है कि सरकार लगातार धोखा दे रही हैं। नेताओं ने कहा कि पंजाबी यूनिवर्सिटी एक बड़ा संस्थान है, जिसके सारे वेतन का बोझ सरकारों को खुद उठाना चाहिए। इन नेताओं ने कहा कि यदि तुरंत पैसे रिलीज न हुए तो वह संघर्ष करेंगे।

आम और गरीब विद्यार्थियों की यूनिवर्सिटी है पंजाबी यूनिवर्सिटी पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला
आम जरूरतमंद, गरीब विद्यार्थियों की यूनिवर्सिटी के तौर पर जानी जाती है। मालवे की यह एक ऐसी यूनिवर्सिटी है, जिसमें एजुकेशन के लिए फीस बहुत कम हैं। यहां आम वर्ग के लड़के और लड़कियां बड़े आराम से पढ़ाई कर सकते हैं। यदि दूसरी तरफ यूनिवर्सिटियों की तरफ नजर दौड़ाई जाए तो उनकी फीस यूनिवर्सिटी से चार गुणा अधिक हैं। इसलिए आज पंजाबी यूनिवर्सिटी को संभालने की बेहद जरूरत है जिससे आम और गरीब वर्ग का भला किया जा सके।

पंजाब में अकाली बसपा सरकार बनते ही यूनिवर्सिटी के हालात भी बदलेंगे: रखड़ा
पूर्व हायर एजुकेशन मंत्री और सीनियर अकाली नेता सुरजीत सिंह रखड़ा ने कहा कि पंजाब में अकाली बसपा सरकार बनते ही यूनिवर्सिटी के हालात भी बदलेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 5 सालों में यूनिवर्सिटी को डुबो दिया है। जब राज्य में अकाली बसपा सरकार थी तो उस समय कभी भी इस तरह की नौबत नहीं आई।

सेहत और शिक्षा में सुधार ही 'आप' का मुख्य एजैंडा : वरसट
आम आदमी पार्टी के राज्य महासचिव हरचन्द सिंह बरसट के साथ जब संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि गत सरकारों ने यूनिवर्सिटी को बर्बाद करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी का मुख्य एजेंडा सेहत और शिक्षा में सुधार करना है और हम हर हालत में सरकार बनते ही यूनिवर्सिटी की बड़ी मदद करेंगे और इसको वित्तीय संकट में से बाहर निकालेंगे।

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News Editor

Kalash

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