प्रॉपर्टी कारोबारियों पर पुडा का प्रहार, 28 बड़े कॉलोनाइजरों को जारी किए नोटिस
punjabkesari.in Thursday, Nov 10, 2022 - 01:06 PM (IST)

जालंधर: आम आदमी पार्टी की सरकार को पंजाब की सत्ता संभाले 8 महीने का वक्त होने जा रहा है। इस दौरान इस नई पार्टी ने जहां संगरूर उपचुनाव का सामना किया वहीं अब इस पार्टी के ज्यादातर नेता हिमाचल और गुजरात विधानसभा के चुनावों में व्यस्त हैं जिस कारण पंजाब से संबंधित मामलों की ओर सत्तापक्ष द्वारा ज्यादा ध्यान नहीं दिया जा रहा। पिछले कई महीनों से पंजाब का प्रॉपर्टी कारोबार और रियल एस्टेट सेक्टर नई सरकार से राहतों की उम्मीद कर रहा है परंतु अभी तक इस मामले में कोई अनुकूल पॉलिसी घोषित नहीं की गई।
दूसरी ओर सरकारी विभागों द्वारा प्रॉपर्टी कारोबार को राहत पहुंचाने की बजाय उस पर लगातार प्रहार किए जा रहे हैं। रैवेन्यू विभाग द्वारा रजिस्ट्री करवाने में एन.ओ.सी. की शर्त जोड़ने और कई अन्य जटिलताओं के चलते जहां सरकारी रैवेन्यू में भी काफी कमी आई है, वहीं जमीन जायदाद से संबंधित सौदों और प्रॉपर्टी कारोबार से जुड़ी अन्य प्रक्रियाओं को भी लगाम लगी हुई है। अब जालंधर के पुडा विभाग ने भी प्रॉपर्टी सैक्टर पर एक और प्रहार किया है जिसके चलते पिछले दिनों शहर के 28 बड़े कॉलोनाइजरों को नोटिस जारी करके उनसे बकाया पेमैंट की मांग की गई है। ऐसा न करने की सूरत में उन पर एक्शन भी संभावित है।
जिन 28 कॉलोनाइजरों को नोटिस जारी हुए हैं उनमें कई ऐसे हैं जिन्होंने पिछले समय दौरान 66 फुट रोड या अन्य स्थानों पर न केवल हाउसिंग कॉम्प्लेक्स तैयार किए बल्कि अप्रूव्ड कालोनियां काटीं। इन कॉलोनाइजरों द्वारा करोड़ों पुडा के पास जमा करवाया जा चुका है। पता चला है कि शहर के कई ऐसे कॉलोनाइजर जिन्होंने पुडा के बकाया पैसे देने हैं। अब पंजाब सरकार की उस नई पॉलिसी का लाभ उठाने के लिए भागदौड़ कर रहे हैं जिसमें बकाया पैसों के मामले में कुछ राहतें दी गई हैं। कई कॉलोनाइजरों ने बताया कि जब से पुडा और जे.डी.ए. में नए अधिकारियों की तैनाती हुई है। तब से कॉलोनाइजरों और रियल एस्टेट सैक्टर प्रति दबाव की नीति चलाई जा रही है जो सही नहीं है।
पुडा जैसे सरकारी विभागों के कारण नए निवेशक भी परेशान
पंजाब कांग्रेस के नेता सुरेश विज कहते हैं कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने चुनावी घोषणा पत्र में रियल एस्टेट सैक्टर को लेकर जो भी वायदे किए थे, उनमें से एक भी अभी तक पूरा नहीं किया गया। इसकी बजाय इस सैक्टर को दबाने के कई प्रयास पुडा जैसे सरकारी विभागों द्वारा किए जा रहे हैं जो कारोबार की दृष्टि से उचित नहीं। उन्होंने कहा कि जब से रजिस्ट्रियों इत्यादि के लिए एन.ओ.सी. अनिवार्य की गई है, तब से पुडा और नगर निगम से एन.ओ.सी. लेना और भी ज्यादा मुश्किल हुआ है।
उन्होंने कहा कि ग्रुप हाउसिंग प्रमोटरों और बड़े कॉलोनाइजरों के साथ सरकारी विभागों में जैसा व्यवहार किया जा रहा है। उससे वह नए निवेशक भी परेशान हो गए हैं जो प्रॉपर्टी सैक्टर की ओर आकर्षित हुए थे। सुदेश विज ने कहा कि ग्रुप हाउसिंग और कालोनियों के नए प्रोजैक्टों के लाइसैंस देने में अनावश्यक देरी की जा रही है। सी.एल.यू. की फाइलों के भी ढेर लगाकर रख लिए गए हैं। इसकी बजाय ‘आप’ सरकार को यह कारोबार प्रोत्साहित करना चाहिए ताकि लोगों को अप्रूव्ड कालोनियों की सुविधाएं मिल सकें। उन्होंने कहा कि सरकारी विभागों के जो भी अधिकारी ग्रुप हाउसिंग के प्रमोटरों, कॉलोनाइजरों और नए निवेशकों को तंग परेशान कर रहे हैं, उनकी शिकायत मुख्यमंत्री से लगाई जाएगी।
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