जसपाल सिंह निंदी को हाईकोर्ट ने किया जुर्माना

punjabkesari.in Sunday, Oct 15, 2017 - 02:59 PM (IST)

बलाचौर (बैंस): संकीर्ण सोच रखने वाले स्वार्थी लोग निजी रंजिशों व राजनीतिक ताकत के नशे में कार्यपालिका और न्यायपालिका का अपने निजी स्वार्थ के लिए लाभ लेने की कोशिश करते हैं।

ऐसा ही एक घटनाक्रम जिला नवांशहर के अध्यापक परमानंद ब्रह्मपुरी के साथ हुआ। अकाली-भाजपा सरकार समर्थक एक सरपंच और उनके कुछ साथियों की शह पर अध्यापक परमानंद को सस्पैंड करवा दिया गया था जिन्हें माननीय हाईकोर्ट के आदेश पर बहाल करना पड़ा। उसने झूठी शिकायत करने वाले सरपंच गुरनाम सिंह (गुरनामा जैनपुर), पुरुषोत्तम कूका, उसके पुत्र सोनू और सुरजीत, मंगता आदि के विरुद्ध एफ.आई.आर. 132 नम्बर 5-10-2015 को बलाचौर मेंं दर्ज कर वाई जिसकी अगुवाई जैनपुर गांव के पंच, नंबरदार और समूची स्कूल मैनेजमैंट कमेटी ने अध्यापक के पक्ष में की। इससे नाराज होकर उक्त सरपंच गुरनाम सिंह आदि ने जसपाल सिंह ङ्क्षनदी करीहा द्वारा झूठी रिट जनवरी 2016 को माननीय हाईकोर्ट में अध्यापक को नौकरी से निकलवाने के लिए दर्ज करवाई जिसमें अध्यापक परमानंद और शिक्षा विभाग साथ पंजाब सरकार को पार्टी बनाया गया। 

क्या हुआ हाईकोर्ट का फैसला 
माननीय पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के जज राजन गुप्ता ने जसपाल सिंह निंदी करीहा (जो अपने आपको एक मीडिया कम्पनी का डायरैक्टर बता रहा है) की यहां रिट पटीशन खारिज कर साथ में में उसे 10 हजार रुपए जुर्माना किया गया। अदालत के इस फैसले ने जहां अकाली-भाजपा सरकार के समय की अफसरशाही को सबक सिखाया, वहीं जसपाल सिंह ङ्क्षनदी को जुर्माना किया व अफरशाही और भविष्य में किसी को भी गलत पटीशन करने की नसीहत दे दी। 

क्या कहते हैं अध्यापक 
अध्यापक परमानंद ने कहा कि उस समय के राजनीतिक नेताओं की शह पर जैनपुर के सरपंच व साथियों द्वारा की गई धक्केशाही बारे 3 और अदालती केस उनके खिलाफ किए हुए हैं जिनका जल्द फैसला आने की सम्भावना है। मैंने जसपाल सिंह ङ्क्षनदी के खिलाफ भी अदालत में मानहानि का केस दायर कर दिया है।


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