पंजाब मंत्रिमंडल की बैठक: पंजाब कैबिनेट ने पंजाब राज्य विजीलैंस कमिशन की स्थापना पर मोहर लगाई

punjabkesari.in Thursday, Sep 24, 2020 - 10:33 AM (IST)

चंडीगढ़/जालंधर,(अश्वनी, धवन): सार्वजनिक अधिकारियों में और अधिक पारदर्शिता लाने व भ्रष्टाचार पर नियंत्रण पाने के उद्देश्य से पंजाब कैबिनेट ने आज बहुसदस्यीय विजीलैंस कमिशन की स्थापना को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के विजन को देखते हुए मंजूरी दे दी। कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने ऐसे ही कमिशन की स्थापना 2006 में की थी जिसे 2007 में अकालियों ने सत्ता में आने के बाद भंग कर दिया था। 

पंजाब राज्य विजीलैंस कमिशन अध्यादेश 2020 में कमिशन को स्वतंत्र संस्था के रूप में स्थापित करने का प्रस्ताव रखा गया है ताकि विजीलैंस ब्यूरो तथा राज्य सरकार के सभी विभागों की तुलना में और अधिक प्रभावी ढंग से काम कर सके जिससे स्वच्छ, निष्पक्ष व पारदर्शी प्रशासन जनता को दिया जा सके। इसमें चेयरमैन के साथ 2 सदस्य होंगे जिनका कार्यकाल 5 वर्षों का होगा। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि पंजाब राज्य विजीलैंस आयोग अध्यादेश बिल 2020 जिसमें कमिशन के गठन का उल्लेख किया गया है, वह विजीलैंस ब्यूरो तथा राज्य सरकार के अन्य विभागों के ऊपर प्रभावी ढंग से नियंत्रण रखेगा। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह को लॉ रिमैंबरैंस द्वारा अध्यादेश का मसौदा तैयार करने के बाद इसमें परिवर्तन करने के अधिकार दिए गए हैं ताकि इसे सभी तरह से न्याय प्रदान करने के उद्देश्य से निष्पक्ष व पूरी तरह से प्रमाणित किया जाए।

कैबिनेट की बैठक के बाद सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि इस कमिशन में राज्य चीफ विजीलैंस कमिश्रर को चेयरपर्सन बनाया जाएगा तथा इसका चयन हाईकोर्ट में सेवा निभा रहे जज या भारत सरकार के सचिव स्तर के अधिकारी में से किया जाएगा। 2 विजीलैंस कमिश्ररों को सदस्य के रूप में नियुक्त किया जाएगा जिन्होंने अखिल भारतीय सेवा के तहत केंद्र-राज्य शासन में जिम्मेदारी निभाई हो तथा उन्हें विजीलैंस, नीति निर्माण, प्रशासन, पुलिस प्रशासन सहित वित्त, बीमा व बैंकिंग कानून का अनुभव हो। जिन्हें भारत सरकार के अतिरिक्त सचिव तथा राज्य में वित्तीय आयुक्त का रैंक, वेतनमान मिलता रहा हो। यह नियुक्तियां मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली कमेटी की सिफारिशों पर की जाएंगी जिसमें पंजाब विधानसभा अध्यक्ष तथा पंजाब मंत्रि परिषद के वरिष्ठ सदस्य, मुख्यमंत्री के उपरांत बतौर सदस्य के रूप में शामिल होंगे। उल्लेखनीय है कि सैंट्रल विजीलैंस कमिशन की स्थापना भी सैंट्रल विजीलैंस कमिशन एक्ट .2003 के तहत पहले ही केंद्र सरकार ने की हुई है जो भ्रष्टाचार अधिनियम 1988 पर रोक के लिए विभिन्न अपराधों की जांच करता है तथा इसमें केंद्र सरकार, केंद्रीय अधिनियम के तहत स्थापित निगमों तथा सी.बी.आई. की कार्यप्रणाली की जांच की जा सकती है परन्तु अभी तक राज्यों में ऐसी कोई संस्था अस्तित्व में नहीं थी। 

विजीलैंस ब्यूरो की जांच की प्रगति की समीक्षा विजीलैंस कमिशन करेगा 
पंजाब राज्य विजीलैंस कमिशन द्वारा विजीलैंस ब्यूरो द्वारा की जा रही जांच की प्रगति की समीक्षा की जाएगी तथा साथ ही सरकार के विभिन्न विभागों में जांच के लिए मंजूर किए गए केसों की भी समीक्षा की जाएगी। विजीलैंस कमिशन द्वारा सरकार के विभिन्न विभागों तथा विजीलैंस से जुड़ी जांच में राय भी दी जाएगी। इसे विजीलैंस ब्यूरो को अपनी जिम्मेदारी निभाने के प्रति दिशा-निर्देश देने के भी अधिकार होंगे। 

पंजाब राज्य पुलिस शिकायत अथॉरिटी के कार्य संचालन के नियमों को मंजूरी 
पंजाब मंत्रिमंडल ने पंजाब स्टेट पुलिस शिकायत अथॉरिटी-2020 के कामकाज के संचालन नियमों को मंजूरी दे दी है। इससे एस.एस.पी., डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस और अतिरिक्त रैंकों के अधिकारियों के खिलाफ गंभीर दोषों की जांच की जा सके। उल्लेखनीय है कि पंजाब पुलिस एक्ट 2007 के संशोधित सैक्शन 54 एफ . के तहत रा’य पुलिस शिकायत प्राधिकरण की नियुक्ति का प्रावधान है तथा उसे कार्य संचालन के लिए नियम बनाने तथा रा’य सरकार की अनुमति से मंडल पुलिस शिकायत प्राधिकरण की नियुक्ति के अधिकार हैं। उल्लेखनीय है कि पंजाब पुलिस एक्ट 2007 को 5 फरवरी 2008 में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर नोटिफाई किया गया था जिसका उल्लेख 22 सितम्बर 2006 के सुप्रीम कोर्ट के प्रकाश सिंह बनाम भारत सरकार व अन्य के केस में दिए गए फैसले में था। पंजाब पुलिस एक्ट 2007 के सैक्शन 54 में कहा गया है कि राज्य सरकार राज्य व जिला स्तर पर पुलिस शिकायत प्राधिकरण का गठन नोटिफिकेशन करके कर सकती है। राज्य सरकार ने 29 अगस्त 2014 को नोटिफिकेशन जारी किया था जिसमें संशोधन करके सैक्शन 54 को शामिल करते हुए पंजाब पुलिस एक्ट 2007 बनाया गया। इसमें रा’य तथा मंडल स्तर पर पुलिस शिकायत प्राधिकरण का गठन करने तथा चेयरमैन व सदस्यों की नियुक्तियां व उनकी कार्यप्रणाली को तय करने की बात भी कही गई थी। 2& जनवरी 2020 को कैप्टन अमरेन्द्र सिंह सरकार ने संशोधित सैक्शन के तहत रा’य पुलिस शिकायत प्राधिकरण के रूप में डा. एन.एस. कलसी को चेयरपर्सन नियुक्त किया था।


कपूरथला के मैडीकल कालेज का नाम श्री गुरु नानक देव और होशियारपुर का शहीद ऊधम सिंह के नाम पर होगा
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के नेतृत्व में पंजाब कैबिनेट ने आज सरकारी मैडीकल कालेज कपूरथला का नाम श्री गुरु नानक देव जी स्टेट इंस्टी‘यूट ऑफ  मैडीकल साइंसेज तथा सरकारी मैडीकल कालेज होशियारपुर का नाम शहीद ऊधम सिंह स्टेट इंस्टी‘यूट ऑफ  मैडीकल साइंसेज रखने को अनुमति दे दी है। मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि कैबिनेट ने श्री गुरु नानक देव जी स्टेट इंस्टीच्यूट ऑफ  मैडीकल साइंसेज सोसाइटी कपूरथला तथा शहीद ऊधम सिंह स्टेट इंस्टी‘यूट ऑफ  मैडीकल साइंसेज सोसाइटी होशियारपुर के पंजीकरण को भी मंजूरी दे दी है ताकि वह इन संस्थाओं को प्रभावी ढंग से चला सके। 

पी.ए.सी.एल. के सामरिक विनिवेश का रास्ता साफ 
कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के नेतृत्व वाली  पंजाब कैबिनेट ने पंजाब एलकैलीज एंड कैमिकल्स लिमिटेड (पी.ए.सी.एल.) के विनिवेश को हरी झंडी दे दी गई है। पी.ए.सी.एल. को लेकर ई.जी.एम. की रिपोर्ट को स्वीकार करते तथा 17 सितम्बर को मंत्रियों के समूह द्वारा की गई सिफारिशों को देखते हुए कैबिनेट ने पी.ए.सी.एल. में 33.49 प्रतिशत विनिवेश को लेकर आगे बढऩे का निर्णय लिया है। सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि ई.जी.एम. ने अधिकारियों के कोर ग्रुप की विनिवेश को लकेर 22 सितम्बर 2020 को दी गई ताजा रिपोर्ट पर सर्वसम्मति से निर्णय लेते हुए पंजाब सरकार ने कोर ग्रुप की सिफारिश के अनुरूप पी.ए.सी.एल. में शेयरों का विनिवेश करने का निर्णय लिया।  कैबिनेट ने मुख्यमंत्री को अधिकार दिए हैं कि वह इनमें कुछ संशोधन कर सकते हैं। उद्योग विभाग को जरूरी कागजी कार्रवाई पूरी करने के लिए कहा गया है। वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने बैठक में कहा कि रा’य को इससे 42 करोड़ की राशि प्राप्त होगी।

हर वर्ष नर्सिंग कालेजों के नए बैच के लिए 5 फीसदी फीस बढ़ौतरी का प्रस्ताव
सरकारी और प्राइवेट मैडीकल कालेजों में मैडीकल शिक्षा और बुनियादी सहूलियतों को और मजबूत करने के लिए पंजाब मंत्रिमंडल ने अकादमिक सैशन 2020 -21 से विभिन्न नॄसग कोर्सों के लिए फीस में संशोधन को मंजूरी दे दी है। हालांकि फीस में वृद्धि सिर्फ 2020 -21 से नए सैशन में दाखिल होने वाले नए विद्यार्थियों पर लागू होगी। पहले ही दाखिल विद्यार्थी पूरे कोर्स के लिए पुरानी फीस का भुगतान करेंगे। मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि राज्य  के सरकारी, प्राइवेट नॄसग कालेजों में ए.एन.एम. नॄसग कोर्स और प्राइवेट कालेजों में बी.एससी. नर्सिंग (बेसिक) और बी.एससी. नॄसग (पोस्ट बेसिक) संबंधी संशोधन प्रस्तावित किया गया है। यह मंजूरी मैडीकल शिक्षा और अनुसंधान विभाग द्वारा 29 जनवरी 2020 को मैडीकल शिक्षा और अनुसंधान विभाग के प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी की सिफारिशों के अनुसार तथा हाईकोर्ट की तरफ से 2 अगस्त 2017 को सिविल रिट पटीशन नं. 24359 ऑफ 2016 नॄसग सिखलाई संस्थाएं एसोसिएशन, पंजाब संबंधी पास किए गए आदेशों की पालना करते हुए दी गई है।ए.एन.एम. कोर्स की फीस सरकारी अदारों के लिए प्रति साल 5000 रुपए से बढ़ाकर 7000 रुपए और प्राइवेट अदारों के लिए प्रति साल 14&75 रुपए से बढ़ाकर 18000 रुपए प्रस्तावित की गई। बी.एससी. नर्सिंग (बेसिक) और बी.एससी. नर्सिंग (पोस्ट बेसिक) कोर्स की फीस में कोई वृद्धि नहीं की जाएगी, जोकि सरकारी अदारों में 40,000 रुपए प्रति साल है। हालांकि प्राइवेट अदारों में इसको 40250 रुपए प्रति साल से बढ़ाकर 50,000 रुपए प्रति साल करने का प्रस्ताव दिया गया।कमेटी ने सरकारी अदारों में एम.एससी. (नॄसग) कोर्स की फीस में कोई विस्तार न करने का प्रस्ताव दिया था। सरकारी अदारों में इस कोर्स की फीस 1 लाख रुपए प्रति साल और प्राइवेट अदारों में 1.75 लाख रुपए प्रति साल है। कमेटी की सिफारिशों के अनुसार मंत्रिमंडल ने 5 साल के लिए सरकारी और प्राइवेट अदारों में आगामी बैच के लिए फीसों में हर साल 5 प्रतिशत की वृद्धि करने की मंजूरी दे दी है और 5 साल बाद समीक्षा की जाएगी। इसी दौरान मंत्रिमंडल ने मेट्रन के पद के लिए तरक्की देने संबंधी कम से कम तजुर्बे को 5 साल से घटाकर & साल करने के लिए पंजाब स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तकनीकी (ग्रुप बी) सॢवस रूल्स-2018 में संशोधन को भी मंजूरी दे दी है।


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