अवैध कब्जा करने वाले दें ध्यान, पंजाब में अब इस 20 एकड़ की जमीन पर सरकार की नजर!

punjabkesari.in Friday, Apr 11, 2025 - 03:35 PM (IST)

लुधियाना (पंकज): पंजाब सरकार का ध्यान अब शहरों में पड़ी करोड़ो रूपए की कीमत वाली ऐसी सरकारी जमीनों पर पड़ता नजर आ रहा है जिन पर फर्जी दस्तावेजों की मदद से प्रभावशाली लोगो द्वारा न सिर्फ वर्षो से नजायज कब्जे किये हुए है बल्कि आगे बेचा भी जा चुका है।

हैबोवाल के अधीन पड़ते गांव चूहड़पुर की 10 एकड़ जमीन पर फर्जी इंतकाल, फर्जी खेवट और फर्जी दस्तावेजों की मदद से नजायज कब्जा कर कॉलोनी काटने वालों के खिलाफ रिपोर्ट मंगवाने के बाद अब सरकार का ध्यान सिधवा नहर के दोनों तरफ पंचायत झमटा की 20 एकड़ के करीब जमीन पर पड़ता नजर आ रहा है, बता दें कि वर्ष 1970 के बाद इस पंचायती जमीन को ठेके पर देने की प्रक्रिया बंद हो गई थी जिसकी वजह से इस जमीन पर काबिज लोगों ने रेवन्यू विभाग के करप्ट अधिकारियो के साथ कथित तौर पर सांठगांठ करते हुए रेवन्यू रिकॉर्ड में अपने नाम पर चढ़वा लिया था  जबकि इस जमीन की अलॉटमेंट किसी भी व्यक्ति को नहीं की गई थी, समय के साथ साथ सिधवा नहर के दोनों तरफ स्थित इस जमीन के दाम आसमान को छूने लग गए और इसी दौरान पंचायती जमीन की मालकी प्राइवेट लोगो के नाम पर चढ़ा दी गई  लेकिन इस जमीन को बचाने के लिए गांव के ही एक शख्स गुरमुख सिंह ने लगभग एक दशक तक उच्च अधिकारियों के साथ अदालतों तक लम्बी लड़ाई लड़ी और इसका खमियाजा भी उसे उस समय भुगतना पड़ा जब कुछ काबिज लोगों ने कातिलाना हमला कर उसे गंभीर रूप में घायल कर दिया। बावजूद इसके गुरमुख सिंह करोड़ों रूपए की कीमत वाली इस जमीन को बचाने के लिए और वापिस पंचायत को दिलवाने की लड़ाई लड़ता रहा और आखिरकार लम्बी चली क़ानूनी प्रक्रिया उपरंत सहमने आई जांच रिपोर्ट में यह स्पष्ट हो गया कि जिस जमीन को नजायज कब्जाधारी फर्जी दस्तावेजों की मदद से रेवन्यू रिकॉर्ड में अपने नाम पर चढ़वा आगे बेच रहे थे वो असल में पंचायत की जमीन है और उसे वापिस पंचायत को मिलना चाहिए !

वर्षो तक चली लम्बी कानूनी प्रक्रिया के बाद अदालतों से फैसला पंचायत के हक में करवाने में कामयाब रहे गुरमुख सिंह की कुछ समय पहले मौत हो चुकी है लेकिन अभी तक प्रशासन इस जमीन पर हुए नजायज कब्जों को छुड़वाने में कामयाब नहीं हो पाया है। उधर पंचायत की जमीन पर बने एक शराब के ठेके को चलाने वालों से सालाना किराया वसूलने के लिए पंचायती विभाग हर वर्ष एक पत्र निकाल अपनी जिम्मेदारी निभाने का ड्रामा तो कर देता है लेकिन आज तक किराया वसूलने में कामयाब नहीं हो पाया है। जिस एरिया में मौजूदा समय में एक लाख रूपए गज से ज्यादा का भाव हे वहा पर पंचायत की करोड़ों रूपए की जमीन को ओने पोन दाम पर खरीद शहर के प्रभावशाली लोग आलीशान कोठिया और शोरूम बना कब्जा जमाये बैठे है , रेवन्यू विभाग के कुछ कर्मचारी अदालती आदेशों के बाद कई बार पंचायती जमीन की निशानदेही करने की कोशिश कर चुके है लेकिन हर बार सियासी दबाव के आगे वे लाचार हो जाते है, लेकिन पंजाब में सरकारी जमीनों पर हुए नजायज कब्जों को हटाने और कब्जे वापिस लेने के लिए हरकत में आई पंजाब सरकार जल्द गांव झमटा की पंचायती जमीन का भी रिकॉर्ड मंगवा सकती है।

अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here


सबसे ज्यादा पढ़े गए

News Editor

Urmila

Related News