उद्योग विभाग के 683 पद किए खत्म, 38 नए पदों की सृजना को दी मंजूरी

punjabkesari.in Saturday, Feb 01, 2020 - 08:57 AM (IST)

चंडीगढ़(अश्वनी): उद्योग और वाणिज्य विभाग के कामकाज को और ज्यादा सुचारू तथा अलग विंग कंट्रोलर ऑफ स्टोरज को और अधिक कारगर बनाने के लिए मंत्रिमंडल ने विभाग के पुनर्गठन का फैसला लिया है। इसके लिए 38 नए पद सृजन करने की मंजूरी दे दी गई है। पुराने 683 पदों की जरूरत नहीं है या आधार खत्म हो चुका है और लंबे समय से खाली थे। यह फैसला मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह के नेतृत्व में पंजाब मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। 

मंत्रिमंडल ने पंजाब सरकार के समूह विभागों को महत्वपूर्ण खाली पद भरने की प्रक्रिया में तेजी लाने के आदेश दिए जिससे अहम प्रोजैक्टों के समयबद्ध और प्रभावी अमल को यकीनी बनाया जा सके। मंत्रिमंडल ने महसूस किया कि व्यापक और तेज विकास के लिए इसको लागू करना बहुत जरूरी है। उद्योग और वाणिज्य विभाग में 1,644 स्वीकृत पद हैं जिनमें से 650 पद खाली हैं जबकि कंट्रोलर ऑफ स्टोरज के कार्यालय के 84 स्वीकृत पद हैं और 33 लंबे समय से खाली हैं। 683 पुराने पदों की एवज में 38 नए पद सृजन किए जाएंगे जिससे सालाना लगभग 24.90 करोड़ की बचत होने के साथ-साथ और कामकाज में ज्यादा कुशलता आएगी। जिक्रयोग्य है कि पंजाब में छोटे और मध्यम उद्योगों का दबदबा है। ऑटो, साइकिल पुर्जे, हौजरी, खेल का सामान, कृषि यंत्र और अन्य बहुत से सूक्ष्म, छोटे और मध्यम औद्योगिक इकाइयों का बढिय़ा आधार है। 

ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग के तकनीकी विंग की नई बनावट को हरी झंडी
मंत्रिमंडल ने ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग के इंजीनियरिंग विंग के पुनर्गठन को मंजूरी दे दी है। पुनर्गठन योजना के तहत सीधी भर्ती के खाली पद और नई बनावट के नतीजे के तौर पर खाली होने वाले पदों को भरने की मंजूरी दी। यह कदम ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग के विंग के कामकाज को सुचारू ढंग से निपटाने और सरकारी नीतियों /योजनाओं को समयबद्ध ढंग से पूरा करने में मददगार होगा। इसी दौरान मंत्रिमंडल ने साल 2016-17 और साल 2017-18 की सालाना प्रशासनिक रिपोर्ट और उद्योग एवं वाणिज्य विभाग की साल 2016-17 की सालाना प्रशासनिक रिपोर्ट को मंजूरी दे दी है। शहरी उड्डयन विभाग की साल 2017-18 की सालाना रिपोर्ट को भी मंजूर कर लिया है।

ऑनलाइन लॉटरी स्कीमों पर पाबंदी
ऑनलाइन लॉटरियों की आड़ में अनधिकृत लॉटरियों की बिक्री को रोकने के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह के नेतृत्व में मंत्रिमंडल ने ऑनलाइन लॉटरी स्कीमों पर पाबंदी का फैसला किया है। लॉटरी (रैगुलेशन) एक्ट-1998 की धारा ‘ऑनलाइन लॉटरी स्कीम’ पर पाबंदी लगाने से न सिर्फ ऑनलाइन लॉटरियों की आड़ में अनधिकृत लॉटरियों के व्यापार को रोक लगेगी बल्कि टैक्स और गैर-टैक्स राजस्व में भी वृद्धि होगी। मंत्रिमंडल द्वारा वैंडिंग मशीनों, टर्मिनलों और इलैक्ट्रॉनिक्स मशीनों कम्प्यूट्राइज्ड और ऑनलाइन लॉटरियां बेचने के साथ-साथ भारतीय या विदेशी मुल्क द्वारा इंटरनैट द्वारा ऑनलाइन स्कीम की टिकटों की बिक्री या उत्साहित करने पर रोक लगाने की मंजूरी दे दी है।


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