पंजाब सरकार एक महीने से जालंधर डिवीजन का कमिश्नर ढूंढ पाने में रही नाकाम

punjabkesari.in Wednesday, May 18, 2022 - 11:24 AM (IST)

जालंधर (चोपड़ा): पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार को बने अभी 2 महीने ही हुए हैं परंतु ‘आप’ सरकार की ट्रांसफर नीति सवालों के घेरे में आ गई है। पंजाब सरकार राज्य के विभिन्न विभागों के प्रमुखों व अधिकारियों की ट्रांसफर तो कर रही है परंतु सीटें खाली होने के बाद खाली पदों को भरना शायद सरकार के बस की बात नहीं है।

ऐसे ही मामले में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 16 अप्रैल को पंजाब के 32 वरिष्ठ आई.ए.एस. अधिकारियों की ट्रांसफर के आदेश जारी किए जिनमें जालंधर डिवीजन के एडिशनल कमिश्नर व सैक्रेटरी पंजाब प्रदेश ह्यूमन राइट कमीशन वरिन्द्र कुमार मीणा की ट्रांसफर बतौर प्रिंसीपल सैक्रेटरी फ्रीडम फाइटर्स रिलीविंग की थी, परंतु अब एक महीना बीत जाने के बाद भी मुख्यमंत्री भगवंत मान को जालंधर डिवीजन का कमिश्नर बनाने को कोई अधिकारी नहीं मिल पा रहा है।

डिवीजनल कमिश्नर की पोस्ट खाली होने के कारण जालंधर, अमृतसर, गुरदासपुर, होशियारपुर, कपूरथला, तरनतारन व पठानकोट जिलों से संबंधित कोर्ट केसों व अन्य विभागीय कामकाज ठप्प होकर रह गया है। पंजाब सरकार ने वी.के. मीणा की ट्रांसफर के बाद जालंधर डिवीजन का एडिशनल चार्ज भी किसी अधिकारी को नहीं सौंपा है जिस कारण 7 जिलों की जनता एक महीने से सरकारी कार्यालयों के धक्के खाने को मजबूर है परंतु सरकार ध्यान नहीं दे रही। इन जिलों के डिप्टी कमिश्नर अनेकों कामों के आदेशों को लेकर डिवीजनल कमिश्नर के आने का इंतजार कर रहे हैं।

जालंधर प्रशासन है सरकार की ट्रांसफर नीति के बदतर हालात का प्रत्यक्ष प्रमा
पंजाब सरकार की ट्रांसफर नीति के बदतर हालात यहीं तक सीमित नहीं हैं, जिला प्रशासन जालंधर के विभिन्न विभागों के हालात भी इसका प्रत्यक्ष प्रमाण हैं। विगत दिनों ‘पंजाब केसरी’ द्वारा 4 मई को जालंधर प्रशासन में खाली सीटों को लेकर प्रमुखता से प्रकाशित किए गए समाचार के दिन ही पंजाब सरकार ने 81 आई.ए.एस. व पी.सी.एस. अधिकारियों के तबादले के आदेश जारी किए थे।

‘पंजाब केसरी’ के खुलासे के बाद सरकार ने जालंधर के एडिशनल डिप्टी कमिश्नर (रूरल डिवैल्पमैंट) की पोस्ट जोकि सवा महीने से खाली थी, उस पर पी.सी.एस. अधिकारी वरिंद्रपाल सिंह बाजवा को तैनात कर दिया। इसी प्रकार हरजिंद्र सिंह जस्सल को असिस्टैंट कमिश्नर (जनरल) लगाते हुए उन्हें साथ में असिस्टैंट कमिश्नर (ग्रीवैंसिस) का अतिरिक्त चार्ज देकर इस पद के अधिकारी की भी कमी पूरी कर दी। एडिशनल डिप्टी कमिश्नर (जनरल) अमरजीत सिंह बैंस का तबादला जालंधर से खन्ना कर दिया गया, परंतु उनके स्थान पर किसी भी अधिकारी की पोस्टिंग नहीं की गई।

आई.ए.एस. राजीव कुमार गुप्ता ने अपना चार्ज नहीं संभाला
पंजाब सरकार ने विगत 11 मई को ए.डी.सी. (जनरल) की रिक्त पोस्ट पर आई.ए.एस. अधिकारी राजीव कुमार गुप्ता का ट्रांसफर किया था, परंतु राजीव कुमार गुप्ता ने आज तक अपना चार्ज नहीं संभाला है। पंजाब सरकार ने 4 मई को ही राजीव कुमार गुप्ता की ट्रांसफर एडिशनल रजिस्ट्रार (एडमिन) को-ऑप्रेटिव सोसायटीज पंजाब से सैक्रेटरी पंजाब स्टेट बोर्ड ऑफ टैक्निकल एजुकेशन एंड इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग की थी, लेकिन 7 दिनों बाद ही 11 मई को उन्हें फिर से ट्रांसफर करके जालंधर में एडिशनल डिप्टी कमिश्नर (जनरल) लगा दिया गया परंतु राजीव गुप्ता ने आज तक अपना चार्ज नहीं संभाला।

इसी कारण डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी ने जरूरी विभागीय कामकाज को सुचारू बनाए रखने के लिए ए.डी.सी. (रूरल डिवैल्पमैंट) वरिंद्रपाल सिंह बाजवा को ए.डी.सी. (जनरल) का अतिरिक्त चार्ज देखने के निर्देश दिए हैं।पंजाब सरकार की ट्रांसफर नीति के किस्से यहीं थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। 11 मई को ही सरकार ने पी.सी.एस. अधिकारी और एस.डी.एम-1 हरप्रीत सिंह अटवाल का तबादला कर उन्हें एस.डी.एम. फतेहगढ़ साहिब लगा दिया, परंतु उनके स्थान पर भी सरकार किसी नए अधिकारी को ट्रांसफर करना भूल गई है। एस.डी.एम. अटवाल ने 16 मई को जालंधर से रिलीव होकर फतेहगढ़ साहिब में चार्ज संभाल लिया है, परंतु अब एस.डी.एम-1 की सीट खाली होकर रह गई है।

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News Editor

Urmila

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