पंजाब में प्रवासी मजदूरों के खिलाफ विरोध के पीछे साजिश? दी गई चेतावनी
punjabkesari.in Tuesday, Sep 16, 2025 - 05:42 PM (IST)
बठिंडा (विजय वर्मा): प्रवासी मजदूरों के मुद्दे पर पंजाब में हो रहा विरोध प्रदर्शन अब गंभीर रूप ले सकता है। पंजाब भाजपा सचिव और विश्व हिंदू परिषद के पूर्व अध्यक्ष सुखपाल सिंह सरां ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि इस पूरी कवायद के पीछे एक बड़ी साजिश और सांप्रदायिकता छिपी है, जिसका मकसद पंजाब के सामाजिक ताने-बाने को बिगाड़ना और राज्य को हिंदू-मुक्त बनाने की कोशिश करना है। सरां ने दावा किया कि कुछ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां, सरकारें और राजनीतिक दल इस माहौल को भड़काने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि "पंजाब पहले भी आतंकवाद के दौर में अशांत रहा है, लेकिन अनगिनत बलिदानों के बाद राज्य को शांति के रास्ते पर लाया गया था। अब एक बार फिर उसी माहौल को बिगाड़ने की बड़ी साजिश रची जा रही है।"
निहंगों के वेश पर संदेह
उन्होंने कहा कि हाल ही में कुछ नेता निहंगों के वेश में सामने आ रहे हैं जिनकी बारीकी से जाँच होनी चाहिए। क्या ये "बदमाश सिख" नहीं हैं जो पाकिस्तान या बांग्लादेश से पंजाब में घुसपैठ कर रहे हैं और निहंगों की आड़ में हिंदुओं के खिलाफ विवादास्पद कृत्य कर रहे हैं?
बांग्लादेशियों की मौजूदगी
मुख्यमंत्री ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि अकेले पंजाब में 25 से 30 लाख बांग्लादेशी रह रहे हैं, जबकि पूरे भारत में उनकी संख्या 6 करोड़ से ज़्यादा है। उन्होंने कहा कि इनकी पहचान करके इन्हें तुरंत पंजाब से बाहर निकाला जाना चाहिए, क्योंकि ये लोग सामाजिक माहौल बिगाड़ने और राज्य को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं।
उद्योग और अर्थव्यवस्था के लिए ख़तरा
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर प्रवासी मज़दूरों को पंजाब से जबरन निकाला गया, तो इसका सबसे ज़्यादा असर उद्योग, निर्माण व्यवसाय और कृषि पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि "प्रवासी मज़दूरों के बिना, पंजाब का उद्योग ठप हो जाएगा। कारखाने बंद हो जाएँगे, मजदूरी का संकट पैदा होगा और व्यापार पूरी तरह ठप हो सकता है।"
विदेश में बसे सिखों पर असर
सरां ने यह भी चिंता जताई कि अगर पंजाब में प्रवासियों के ख़िलाफ़ भेदभाव या विरोध बढ़ता है, तो इसका विदेशों में बसे सिख समुदाय पर बुरा असर पड़ सकता है। उन्होंने कहा, "चूँकि पंजाबी पूरी दुनिया में फैले हुए हैं, इसलिए उन्हें वहाँ भी इसी तरह की नफ़रत और विरोध का सामना करना पड़ सकता है।"
सरकार और एजेंसियों से अपील
अंत में, सुखपाल सिंह सरां ने पंजाब सरकार और केंद्र सरकार से मामले की गंभीरता को समझते हुए तुरंत कार्रवाई करने और राज्य की शांति भंग करने की कोशिश कर रहे सभी तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की अपील की।
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