हादसों से भी लोग नहीं लेते सबक,करते हैं वहीं गल्तियां

punjabkesari.in Sunday, Oct 21, 2018 - 11:49 AM (IST)

लुधियाना (विपन): अमृतसर जोड़ा फाटक के निकट दशहरा दहन देख रहे लोगों के साथ घटित हुए दुखदाई ट्रेन हादसे के दूसरे दिन भी महानगर में माहौल गमगीन रहा। लोग सारा दिन हादसे में मारे गए व्यक्यिों को श्रद्धांजलि देते व घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करते रहे। ऐसी अप्रिय दुर्घटनाओं पर रोक लगाने के लिए रेलवे प्रशासन कड़े कदम उठाने के लिए एक्शन प्लान तैयार कर रहा है, जबकि जागरुकता के अभाव में लोग रेलवे नियमों का पालन नहीं करते। अमृतसर में घटित अति दुखदाई दुर्घटना से महानगर के लोगों में भी त्यौहारों की खुशी के माहौल को पूरी तरह गमगीन कर दिया। रेलवे प्रशासन द्वारा ट्रेनें रद्द, शार्ट टर्मिनेट व डायवर्ट करने के कारण रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की चहल पहल कम रही।

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लोगों ने गमगीन दिल से दी श्रद्धांजलि
अमृतसर रेल हादसे में मारे गए व्यक्तियों की आत्मिक शांति के लिए विदेशों सहित देश भर के लोग प्रार्थना एवं श्रद्धांजलि संदेश व हादसे में घायल हुए लोगों की सहायता व रक्तदान करने की अपील के पोस्ट सोशल मीडिया पर पोस्ट करते रहे। महानगर में कई प्रमुख दशहरा कमेटियों ने भरत मिलाप समारोह सादे ढंग से आयोजित किए। इस दौरान भी सर्वप्रथम अमृतसर हादसे के मृतकों को श्रद्धांजलि अॢपत की गई व ऐसी घटनाओं से लोगों को बचाने के लिए प्रभु चरणों में प्रार्थनाएं की गई।

लोगों ने गमगीन दिल से दी श्रद्धांजलि
अमृतसर घटना के संबंध में ज्योतिषों के अनुसार रावन दहन दशमी की बजाय एकादशी को किया गया। उनके अनुसार 15 अक्तूबर को 10.17 बजे पंचकें शुरू हो गई थीं। 18 अक्तूबर को 3.29 बजे पंचमी लगी व 19 अक्तूबर को 5.58 मिनट पर पंचकें समाप्त होने पर एकादशी शुरू हो गई, जबकि दशमी श्रावण नक्षत्र में ही मनाया जाना शुभ माना जाता है। ज्योतिष अनुसार एकादशी को रावन दहन क्षति का कारण बना बताया गया है। 

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रेलवे प्रशासन के पास भेजी जाएं ऐसी निविदाएं 
रेलवे ट्रैकों के निकट समारोह को आयोजन करवाने वाली संस्थाओं द्वारा मंजूरी लेने के लिए जिला पुलिस व प्रशासन को आवेदन दे वहां से मंजूरी लेकर समारोहों का आयोजन करवाते हैं। ऐसे स्थान अधिकतर रेलवे की हद से बाहर होने के कारण रेलवे अधिकारी इन पर रोक लगाने में असमर्थ होते हैं, जिसके चलते लोग रेलवे ट्रैक व फाटकों के निकट ऐसे समारोहों का आयोजन करवाते रहते हैं। प्रशासन को चाहिए कि ऐसे स्थानों पर मंजूरी देने से पहले रेलवे प्रशासन को आवेदन भेजकर उनकी सहमति के बाद ही मंजूरी प्रदान करें।

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महानगर में भी रेलवे की मंजूरी के बिना होते हैं समारोह

अमृतसर जोड़ा फाटक की तरह ही महानगर में भी पिछले कई वर्षों से धूरी लाइन, सुनेत फाटकों, पक्खोवाल रोड, गिल रोड, सलेम टाबरी, छावनी मोहल्ला सहित कई अन्य क्षेत्रों में रेलवे ट्रैक के किनारे धार्मिक, सामाजिक, राजनीतिक समारोहों व रैलियों का आयोजन किया जाता है, लेकिन ऐसे कार्यक्रमों को आयोजित करने के लिए स्थानीय प्रशासन या पुलिस की मंजूरी ले ली जाती है, लेकिन रेलवे प्रशासन से इस संबंध में मंजूूरी लेना मुनासिब नहीं समझा जाता। सूत्र बताते हैं कि धूरी लाइन व महानगर के कुछ अन्य स्थानों जहां रेलवे ट्रैक के किनारे समारोह आयोजित किए जाते हैं, के संबंध में रेलवे प्रशासन द्वारा कार्रवाई करने के लिए मंडल अधिकारियों द्वारा रिपोर्ट मंगवाई गई है। 

लोगों को जागरुक करने के लिए मुहिम छेड़ेगा रेल प्रशासन
अमृतसर हादसे में रेलवे का कोई दोष न होने की बात कह जहां रेलवे उच्चाधिकारियों ने इसमें किसी भी प्रकार की जांच करने की बात से इंकार किया है, वहीं दूसरी तरफ रेल प्रशासन रेलवे ट्रैक पर ऐसी अप्रिय घटनाओं की पुर्नावृत्ति को रोकने के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए विशेष मुहिम छेड़ेगा। रेलवे प्रशासन का कहना है कि लोग रेल नियमों का पालन नहीं करते। इस कड़ी में लोगों को रेलवे ट्रैक या उसके किनारे किसी प्रकार के खेल कार्यक्रम, समारोह न करने, रेलवे ट्रैक पर न चलने, रेलवे ट्रैक के साथ चलते मोबाइल फोन या हैडफोन का प्रयोग न करने के लिए जागरूक करेगा।  


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