परमिंदर सिंह ढींडसा ने कहा कि पंजाब के असली दर्द को मुख्यमंत्रियों ने नहीं लिया गंभीरता से

punjabkesari.in Monday, Nov 01, 2021 - 05:15 PM (IST)

संगरूर (विजय कुमार सिंगला): शिरोमणि अकाली दल के संयुक्त नेता और विधायक परमिंदर सिंह ढींडसा ने पंजाब और पंजाबी अस्तित्व के मुद्दों पर पंजाबियों की एकता पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि समय-समय पर गठित मुख्यमंत्रियों ने पंजाब के वास्तविक दर्द को गंभीरता से नहीं लिया जिससे पंजाबियों के मुद्दे और उलझ गए। ढींडसा ने कहा कि देश के बंटवारे के दौरान पंजाबियों को काफी नुकसान हुआ। ये दर्दनाक घाव अभी भी हैं। दुखद तथ्य यह है कि देश के स्वतंत्रता संघर्श में अग्रणी भूमिका निभाने वाले पंजाबियों को एक पंजाबी राज्य के लिए लंबा संघर्ष करना पड़ा और कई लोगों को सलाखों के पीछे समय बिताना पड़ा।

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ढींडसा ने कहा कि 1 नवंबर 1966 को पंजाबियों को बहुत उम्मीद थी कि एक नए पंजाबी राज्य के गठन से यह क्षेत्र हर क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छुएगा। पहले तो देश के नेताओं ने राज्य के साथ विश्वासघात किया। कई पंजाबी भाषा बोलते क्षेत्रों को नए राज्य में शामिल नहीं किया गया और चंडीगढ़ में पानी की समस्या पैदा कर दी गई। देश के अमीर राज्यों में मशहूर पंजाबी हर क्षेत्र में कमजोर होता जा रहा था। ढींडसा ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल संयुक्त पंजाब की जनता के हक के लिए लड़ेगा और पंजाबियों को नई दिशा में ले जाने का प्रयास करेगा।

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उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी पंजाब, पंजाबी और पंजाबियत के अधिकारों की रक्षा करके राजनीतिक लड़ाई शुरू करेगी। उन्होंने केंद्रीय स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा पंजाबी के खिलाफ किए गए अत्याचारों की निंदा की। उन्होंने कहा कि पंजाब और पंजाबी से लगातार झड़प हो रही थी। उन्होंने सभी लोगों से पंजाब और पंजाबी के विकास के लिए एक आंदोलन खड़ा करने का आह्वान किया।ो

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Content Writer

Sunita sarangal

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