बॉर्डर एरिया में डाक्टरों की कमी दूर करने के लिए स्थानीय स्तर पर होगी भर्ती : बलबीर सिद्धू
punjabkesari.in Wednesday, Sep 18, 2019 - 11:09 AM (IST)
जालंधर(धवन): पंजाब विधानसभा के लिए 2007, 2012 तथा 2017 में लगातार मोहाली विधानसभा सीट से निर्वाचित हुए कांग्रेसी विधायक बलबीर सिंह सिद्धू को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी पिछले समय मंत्रिमंडल फेरबदल के समय सौंपी। स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी मिलने के बाद बलबीर सिंह सिद्धू ने विभाग में महत्वपूर्ण तबदीलियां लाने का दौर शुरू किया है। इसे लेकर स्वास्थ्य मंत्री से हुई बातचीत के अंश निम्रलिखित हैं :
प्र. :पंजाब में सरकारी अस्पतालों में डाक्टरों की कमी पाई जा रही है, इसे दूर करने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
उ. : सरकारी अस्पतालों में डाक्टरों की कमी है। इस बात का आभास सरकार को है। स्पैशलिस्ट डाक्टरों की भर्ती पहले चरण में करने का फैसला सरकार द्वारा लिया गया है। इसके साथ ही दूसरे चरण में डाक्टरों के खाली पड़े पदों को भरा जाएगा। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह स्वास्थ्य विभाग को एक मॉडल विभाग बनाना चाहते हैं क्योंकि आम जनता का रोजाना सरकारी अस्पतालों के साथ आमना-सामना होता है। इसलिए जहां सरकारी अस्पतालों की दशा में सुधार लाया जाना है वहीं पर दूसरी ओर स्पैशलिस्टों व डाक्टरों की कमी को भी पूरा किया जाना है।
प्र. : आम तौर पर देखा गया है कि बॉर्डर क्षेत्रों में स्थित अस्पतालों में काम करने के लिए डाक्टर तैयार ही नहीं होते हैं, इसके लिए आप क्या योजना बना रहे हैं।
उ. : बॉर्डर क्षेत्रों की तरफ स्वास्थ्य विभाग ने ध्यान देना शुरू किया है। यह सही है कि डाक्टरों की प्राथमिकता केवल बड़े शहरों में ही रहने की होती है इसलिए वह सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थित सरकारी अस्पतालों व डिस्पैंसरियों में काम करने के लिए तैयार नहीं होते हैं। सरकार ने योजना बनाई है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में पड़ते 2-2 जिलों का जोन बनाकर डाक्टरों की भर्ती उन्हीं क्षेत्रों से कर ली जाए। इससे डाक्टर जहां सीमावर्ती क्षेत्रों में रह कर काम करने के लिए तैयार होंगे, वहीं पर उनकी मंशा बड़े शहरों में जाने की नहीं होगी।
प्र. : जनता को यह शिकायत भी रहती है कि सरकारी अस्पतालों व डिस्पैंसरियों से डाक्टर अक्सर गायब रहते हैं। जनता की शिकायत को किस तरह से सरकार दूर करेगी?
उ. : सरकारी अस्पतालों व डिस्पैंसरियों की समय-समय पर अचानक चैकिंग करने की जरूरत है। इससे स्वास्थ्य विभाग में हाजिरी को यकीनी बनाने में मदद मिल सकेगी। स्वास्थ्य मंत्री होने के नाते वह आने वाले समय में अचानक अस्पतालों व डिस्पैंसरियों की चैकिंग किया करेंगे।
प्र. : सरकार ने स्वास्थ्य बीमा योजना गरीब परिवारों के लिए शुरू की है। इससे इन परिवारों को क्या लाभ मिलेगा?
उ. : सरबत सेहत बीमा योजना के अधीन पंजाब के लोगों को वार्षिक 5 लाख रुपए की नकद स्वास्थ्य बीमा का लाभ दिया जा रहा है। राज्य के 400 प्राइवेट अस्पतालों में गरीब लोग अपना इलाज करवा सकेंगे। इस योजना के तहत 43.18 लाख परिवारों को आरंभ में सरबत सेहत बीमा योजना का लाभ मिलेगा। कुल मिलाकर राज्य के 2.2 करोड़ लोग इस योजना का लाभ उठा सकेंगे।
प्र. : स्वास्थ्य विभाग को लेकर आपकी प्राथमिकताएं क्या-क्या हैं?
उ. : मेरी सबसे बड़ी प्राथमिकता यही है कि आम जनता का भरोसा सरकारी अस्पतालों व डिस्पैंसरियों में बहाल किया जाए। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की पहली 2 प्राथमिकताओं में शिक्षा व स्वास्थ्य विभाग है, जिनसे आम जनता जुड़ी हुई है इसलिए विभाग का मंत्री होने के नाते मेरी कामयाबी इसी में रहेगी कि आम जनता अपना इलाज करवाने के लिए सरकारी अस्पतालों व डिस्पैंसरियों में जाए।
प्र. : सरकारी अस्पतालों में दवाइयों की कमी व कई अन्य उपकरणों की कमी पाई जा रही है, उसे दूर करने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
उ. : स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से पहली बैठक के दौरान ही उन्होंने निर्देश दिए थे कि सरकारी अस्पतालों में दवाइयों की कमी नहीं होनी चाहिए। लोगों को अस्पतालों में ही दवाइयां मिलनी चाहिएं। यह भी ध्यान दिया जा रहा है कि डाक्टर रोगियों को पर्चियां देकर बाहर रैफर न करें। इसके लिए विभाग के उच्चाधिकारियों के साथ पुन: बैठक करके रणनीति बनाई जाएगी।
प्र. : स्वास्थ्य विभाग को लेकर क्या मुख्यमंत्री का स्वप्र पूरा होगा?
उ. : स्वास्थ्य विभाग के ऊपर जहां लोगों को इलाज संबंधी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाना है, वहीं पर दूसरी ओर नशा करने वाले लोगों का उपचार करने की जिम्मेदारी भी है। मुख्यमंत्री ने जो जिम्मेदारी सौंपी है, उसे बखूबी पूरा किया जाएगा।