ETT शिक्षकों के पदों की कटौती का मामला, DTF ने सरकार की ये मांग
punjabkesari.in Friday, Aug 11, 2023 - 02:40 PM (IST)

अमृतसर: पंजाब सरकार पहले ही चुपचाप शिक्षा विभाग के ई-पंजाब पोर्टल के माध्यम से पंजाब के प्राइमरी स्कूलों के हजारों ई.टी.टी. शिक्षकों के पदों में कटौती कर दी जिसके कारण पंजाब में कई प्राइमरी स्कूल अध्यापक बेरोजगार हो गए और लगभग 3265 प्राइमरी स्कूलों में सिर्फ एक शिक्षक बचा था जो पिछले 5 वर्षों से अकेले प्राइमरी स्कूल की कुल 7 कक्षाओं का संचालन कर रहा था।
लेकिन अध्यापकों की कमी से जूझ रहे पंजाब के प्राइमरी स्कूलों में नए शिक्षक देने की बजाय सरकार चुपचाप इन स्कूलों में पढ़ा रहे प्राइमरी शिक्षकों को रेशनलाइजेशन करके इन स्कूलों में शिक्षकों की और कमी पैदा करने जा रही है जिसका शिक्षक 'संगठन डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट पंजाब (डीटीएफ) ने कड़ा विरोध जताया है। इस संबंध में अपना विरोध दर्ज कराते हुए डी.टी.एफ. प्रदेश अध्यक्ष विक्रमदेव सिंह, महासचिव मुकेश गुजराती और प्रदेश वित्त सचिव अश्वनी अवस्थी, जिला महासचिव गुरबिंदर सिंह खैहरा ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार ऐसा करके प्राइमरी शिक्षा को खत्म करने जा रही है।
उन्होंने सरकार से मांग की कि प्राइमरी अध्यापकों के रेशनलाइजेशन की योजना पर तुरंत रोक लगाई जाए और ई-पंजाब पोर्टल से खत्म की गई ई.टी.टी. अध्यापकों के हजारों पद पुनर्जीवित किए जाएं, प्राइमरी स्कूलों में कोठारी आयोग की सिफारिशों के अनुसार प्रत्येक कक्षा के लिए अलग-अलग शिक्षक उपलब्ध कराए जाएं और शिक्षक-छात्र अनुपात 1:20 किया जाए, नए शुरू किए गए प्री-प्राइमरी (एल.के.जी और यू.के.जी.) कक्षाओं को भी अलग-अलग शिक्षक दिए जाने चाहिए और सैकेंडरी स्कूल के प्रिंसिपल और हाई स्कूल के प्रधानाध्यापक की तरह ही प्राइमरी स्कूल के हेड टीचर की आसामी को भी प्रशासनिक पद माना जाना चाहिए।
अध्यापक नेताओं ने सरकार से मांग की कि प्राइमरी से मास्टर कैडर में भी पदोन्नतियां की जाएं और पहले से ही शिक्षकों की कमी से जूझ रहे प्राइमरी स्कूलों में रोजगार की मांग को लेकर प्रदर्शनकारी बेरोजगार अध्यापकों को स्थायी रोजगार देकर इस समस्या को दूर किया जाए। इस अवसर पर डी.एम.एफ. पंजाब प्रदेश अध्यक्ष जर्मनजीत सिंह, चरणजीत सिंह राजधान, गुरदेव सिंह, हरजाप सिंह बल्ल, राजेश कुमार पराशर, निर्मल सिंह, मनप्रीत सिंह, सुखजिंदर सिंह, विपन रिखी, केवल सिंह, डॉ. गुरदयाल सिंह, परमिंदर सिंह राजासांसी, कुलदीप सिंह वर्नाली, नरेंद्र सिंह मल्लियां, जगदेव मल्ली, नरेश कुमार, राजविंदर सिंह, विशाल कपूर, वनीत शर्मा, विशाल चौहान, विकास चौहान, दीपक कुमार आदि नेताओं ने मांग की कि शिक्षा विभाग से ऐसी शिक्षा विरोधी नीतियों को रद्द किया जाए।
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