यह वृक्ष याद दिलाता है नरसंहार की कहानी, पढ़कर आंखें हो जाएंगे नम

punjabkesari.in Friday, Nov 08, 2019 - 12:11 PM (IST)

श्री ननकाना साहिब/ अमृतसर(छीना): गुरुद्वारा श्री ननकाना साहिब में शहीद सिंहों की याद में मौजूद एक जंड के वृक्ष के दर्शन कर 20 फरवरी 1921 के साका (नरसंहार) की याद ताजा हो जाती है और इसके इतिहास को पढ़कर हर आंख भी नम हो जाती है। 

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मंहतो ने किया था गुरुद्वारा साहिब पर कब्जा

इस संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक पंजाब पर अंग्रेजों का कब्जा होने के बाद महंतों ने अंग्रेजों से मिलीभगत कर गुरुद्वारा श्री ननकाना साहिब पर कब्जा कर मानमानियां शुरू कर दीं, गुरुद्वारा साहिब की बेअदबी करने के साथ आने वाले यात्रियों से भी बेहद बदसलूकी की जाने लगी। इसकी जब सिंहों को जानकारी मिली तो उन्होंने हिंदू महंतों के कब्जे में से गुरुद्वारा साहिब को आजाद करवाने का फैसला किया।

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निहत्थे सिखों पर किया था हमला

20 फरवरी 1921 को जत्थेदार लछमण सिंह 200 निहत्थे सिंहों के जत्थे के साथ गुरुद्वारा श्री ननकाना साहिब पहुंचे और हिंदू महंत नारायण दास को गुरुद्वारा साहिब से बाहर होने को कहा। पहले से तैयारी में बैठे महंत ने गुरुद्वारा साहिब का कब्जा देने से इंकार कर निहत्थे सिंहों पर हमला कर दिया और उन्हें बेदर्दी से शहीद कर दिया। वहीं जत्थेदार लछमण सिंह को उक्त जंड के वृक्ष से उल्टा लटका जीवित जलाकर शहीद कर दिया गया। इसके बाद सिंहों ने बड़ा संघर्ष करते हुए शहादतें देकर गुरुधाम को महंतों के कब्जे से आजाद करवाया था। 

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