रेत का काला खेल रोकने के लिए ग्रामीण व सरकार आमने-सामने!

punjabkesari.in Thursday, Jul 26, 2018 - 10:28 AM (IST)

नकोदर(पाली): पंजाब के मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह ने चाहे रेत की अवैध माइनिंग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के सख्त आदेश दिए हुए हैं, मगर इसके बावजूद रेत माफिया ने विभाग के कुछ अधिकारियों और राजनीतिक नेताओं की शह पर 1 जुलाई से बरसाती मौसम के कारण बंद हुई सरकारी खड्डों के ठेकेदारों के साथ मिलकर एक नया खेल रचा था जिसका खुलासा ‘पंजाब केसरी’ द्वारा 2 जुलाई को ‘रेत माफिया नए खेल की तैयारी में’ शीर्षक से किया गया था।

अब इलाके के लोग खासकर सतलुज नदी के किनारे गांव रायपुर अराइयां के गुरविंद्र सिंह और गौंसूवाल के बलवीर सिंह सहित अन्य गांववासी आगे आए जिन्होंने उक्त खेल की आड़ में रेत के काले खेल (अवैध माइनिंग) रोकने के लिए डायरैक्टर माइनिंग पंजाब, चीफ जस्टिस पंजाब एंड हरियाणा, जिलों के डिप्टी कमिश्नर, जी.एम. माइनिंग, लोकल बॉडीज मंत्री सहित और संबंधित अधिकारियों को पत्र लिखकर मांग की है कि सरकारी हिदायतों पर 3 माह के लिए बंद की गई खड्डों की आड़़ में रेत माफिया नाजायज डम्प तैयार करके मंजूरी लेने उपरांत फिर अवैध माइनिंग नदी में करेगा जिससे सरकारी खजाने को तो भारी नुक्सान होगा ही, नदी व हमारे गांवों का भी नुक्सान होगा इसलिए विभाग किसी को भी नदी के किनारे फर्जी तौर पर डम्प की गई रेत बेचने की मंजूरी न दे। अगर सरकार इसकी मंजूरी देती है तो हमें मजबूरन माननीय हाईकोर्ट जाना पड़ेगा।

कैसे खेला जा रहा है खेल
इस खेल की जानकारी जब ‘पंजाब केसरी’ को मिली तो खुलासा किया गया था कि सतलुज नदी में चल रही सरकारी बोली वाली रेत की खड्डें चाहे सरकारी अनुमति के तहत 3 महीने के लिए बंद कर दी जाती हैं परंतु फिर भी कुछ लोग इसकी आड़ में एक नई खेल खेलने की तैयारी कर रहे हैं। रेत माफिया ने ठेकेदार, कुछ अधिकारियों व राजनीति नेताओं की मिलीभगत से जालंधर और लुधियाना में पड़ती सतलुज नदी के किनारे रेत के बड़े-बड़े ढेर लगाकर रेत डम्प कर ली। सरकार से उक्त रेत बेचने की मंजूरी लेकर बाद में रेत माफिया इसकी आड़ में नदी में से बड़े स्तर पर नाजायज रेत की काली खेल खेल सकता है जिसका विभागीय अधिकारियों को पता है। कई अधिकारी व नेता भी इस खेल में शामिल बताए जा रहे हैं जो उक्त मंजूरी दिलाने की तैयारी कर रहे हैं।

सरकार किस पैमाने पर देगी मंजूरी
अब सवाल यह पैदा होता है कि अगर सरकार उक्त नदी किनारे डम्प की गई रेत को बेचने की मंजूरी देती है तो उसका पैमाना क्या होगा। कैसे पता चलेगा कि रेत कितनी और कहां डम्प की गई है।क्या इसकी आड़ में अवैध माइनिंग नहीं होगी, अगर होगी तो विभाग ठेकेदार पर क्या कार्रवाई करेगा। वर्णनीय है कि पिछली सरकार में इस तरह की कोई मंजूरी नहीं दी गई।

किसी को नहीं दी गई मंजूरी  : राजस्व मंत्री
ठेकेदारों द्वारा बड़े स्तर पर नदी किनारे रेत डम्प करके बेचने की मंजूरी लेने उपरांत उसकी आड़ में माफिया द्वारा शुरू किए जा रहे नई खेल संबंधी जब राजस्व मंत्री पंजाब सुखविंद्र सिंह सरकारिया से बात की तो उन्होंने कहा कि ठेकेदारों द्वारा मंजूरी लेने के लिए कई जिलों से आवेदन पत्र आए हैं परंतु सरकार ने अभी तक कोई मंजूरी नहीं दी। हमें भी पता है कि रेत माफिया नाजायज माइनिंग करेगा इसलिए सरकार ठेकेदारों को मंजूरी देने से पहले सभी तथ्यों को देखकर ही फैसला करेगी कि मंजूरी दी जाए या नहीं। उन्होंने कहा कि सरकार की स्पष्ट हिदायतें हैं कि किसी को भी नाजायज माइनिंग नहीं करने दी जाएगी।


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