रोते हुए SDM से बोली वृद्धा- ‘सर, मेरे बेटे मुझे परेशान कर रहे हैं ''

punjabkesari.in Tuesday, Feb 11, 2020 - 11:31 AM (IST)

जालंधर(चोपड़ा): ‘सर, मेरे बेटे मुझे परेशान कर रहे हैं, मेरे मकान पर कब्जा कर लिया गया है, कोई मेरा इलाज नहीं करवा रहा, कोई मुझे अपने साथ रखना नहीं चाहता।’ ऐसे कई मार्मिक शब्द आज जिला प्रशासकीय काम्पलैक्स के पार्किंग स्थल में उस समय सुनने को मिले जब एस.डी.एम-2 राहुल संधू ने 80 वर्षीय महिला ईश्वर कौर की फरियाद सुनने को अपनी कोर्ट को बीच में छोड़ कर पार्किंग में पहुंचे और वहीं अदालत लगाकर महिला के बयान लिए। 

इस दौरान कार में बैठी बुजुर्ग महिला ने रोते हुए राहुल संधू को बताया कि उसके 3 बेटे और 1 बेटी है। शहर के दिलबाग नगर में उसका 15 मरले का मकान है, जहां वह अपने छोटे बेटे जतिन्द्र सिंह व बहू के साथ रहती थी। उसके बेटे ने वर्ष 2016 और 2017 में 2 बार वसीयत करवाने के नाम पर उससे मकान की रजिस्ट्री अपने नाम करवा ली जिसके बाद उसे प्रताडि़त किया जा रहा है, न तो उसकी सेवा होती है और न ही उसका इलाज करवाया जा रहा है। प्रॉपर्टी छीन जाने पर वह सरकारी अस्पतालों में धक्के खाने को मजबूर हो रही है। ईश्वर कौर ने बताया कि उसके 2 अन्य बेटों में बड़ा बेटा सरबजीत ओडिशा व दूसरा बेटा जगजीत सिंह मध्य प्रदेश की कोयला कंपनी में काम करते हैं। 

वह उनके पास भी रहने के लिए गई थी, परंतु उसके नाम कोई प्रॉपर्टी न होने के कारण उन्होंने भी वापस भेज दिया और अब वह मजबूरन अपनी बेटी बलजीत कौर के पास करतारपुर में रह रही है। धोखे से करवाई रजिस्ट्री को रद्द कर उसकी प्रॉपर्टी वापस दिलाने को लेकर उसने एस.डी.एम. कोर्ट में अपील की थी। इस दौरान दोनों पक्षों के वकील व महिला के रिश्तेदार भी मौजूद थे। महिला के बयान सुनने के बाद एस.डी.एम. ने केस की अगली तारीख 19 फरवरी को निर्धारित की है। 

ऐसे मामलों में एस.डी.एम. के पास है रजिस्ट्री रद्द करने की पावर
सीनियर सिटीजन एक्ट की धारा 23 में एस.डी.एम. कोर्ट के पास अधिकार है कि वह माता-पिता द्वारा करवाई रजिस्ट्री को रद्द कर सकते हैं। इस एक्ट के अनुसार अगर बच्चे सम्पत्ति लेने के बाद मां-बाप की सेवा न करें और उन्हें जबरन बाहर निकाल दें तो माता-पिता के केस करने पर उनके द्वारा करवाई सम्पत्ति की रजिस्ट्री को रद्द भी किया जा सकता है।

सीनियर सिटीजन महिला कोर्ट तक नहीं आ सकी, जिस कारण खुद जाकर लिए बयान : राहुल संधू
इस संदर्भ में एस.डी.एम. राहुल संधू ने बताया कि उनकी अदालत में चल रहे केस को लेकर सीनियर सिटीजन महिला कार में प्रशासकीय काम्पलैक्स तक तो आ गई परंतु अस्वस्थ होने के कारण वह कोर्ट तक नहीं आ सकी जिस कारण वह खुद पार्किंग स्थल पर कार में बैठी वृद्धा के पास जाकर उनके बयान लेने पहुंचे हैं। महिला के बयान को आन-रिकार्ड ले लिया गया है, अब केस में दूसरे पक्ष व कोर्ट कार्रवाई पूरी होने के बाद अदालत अपना फैसला देगी।

बेटा-बहू बोले- मां की पूरी तरह से सेवा की
एस.डी.एम. राहुल संधू को जब ईश्वर कौर अपनी व्यथा सुना रही थी तो उस समय उसका बेटा जतिन्द्र सिंह, बहू, बेटी व अन्य रिश्तेदार भी मौजूद थे। मां के रोते हुए अपनी दास्तां सुनाने के दौरान बेटे व बहू ने मां की सेवा न करने के आरोप को खारिज करते हुए कहा कि वह मां की पूरी तरह से सेवा करते आए हैं। आज भी वह मां को अपने साथ ले जाने को तैयार हैं। वहीं बुजुर्ग महिला ने उनके साथ जाने से इंकार करते हुए कहा कि मुझे मेरा मकान वापस दिलाया जाए जिसे बेच कर मैं कोई छोटा मकान ले लूंगी और बाकी पैसों से अपना इलाज व एक केयरटेकर रख कर अपनी जिंदगी के अंतिम दिनों को गुजार लूंगी।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

swetha

Recommended News

Related News