इस बार घुबाया के लिए लोकसभा की सीढ़ियां चढ़ना नहीं होगा आसान

punjabkesari.in Monday, Apr 22, 2019 - 10:10 AM (IST)

फिरोजपुर (कुमार): शिरोमणि अकाली दल की टिकट पर लगातार संसदीय चुनाव जीत चुके शेर सिंह घुबाया द्वारा इस बार कांग्रेस की टिकट पर फिरोजपुर संसदीय क्षेत्र से चुनाव जीत कर संसद की सीढिय़ां चढऩा आसान नहीं होगा।
 

अगर फिरोजपुर संसदीय क्षेत्र से शिरोमणि अकाली दल की ओर से इस बार सुखबीर सिंह बादल चुनाव लड़ते हैं तो घुबाया को और भी मुश्किलें झेलने पड़ सकती हैं, क्योंकि फिरोजपुर से कांग्रेस की टिकट के अन्य दावेदार नेता जिन्हें टिकट नहीं मिला, वे घुबाया की मदद करेंगे या नहीं यह भी एक बड़ा सवाल है। इस बार फिरोजपुर में हिन्दू समाज ने भी कांग्रेस की टिकट किसी हिन्दू-सिख समाज के उम्मीदवार को देने की कांग्रेस हाईकमान के समक्ष मांग रखी थी। हिन्दू-सिख समाज की लीडरशिप का मानना कि अगर फिरोजपुर संसदीय क्षेत्र में करीब 3 लाख सिख समुदाय के मतदाता हैं तो करीब 5 लाख वोट हिन्दू-सिख समाज के भी हैं। अगर हिन्दू-सिख मतदाताओं वाला फैक्टर चल जाता है तो उसका सीधा नुक्सान घुबाया को उठाना पड़ सकता है। राजनीतिक पंडितों की मानें तो शिअद में रहते हुए सत्ता के 10 वर्षों में जिन कांग्रेसी नेताओं और वर्करों से धक्केशाही हुई है, आज वे कांग्रेसी नेता और वर्कर घुबाया की मदद करेंगे या विरोध? यह भी इस चुनाव में हार व जीत का कारण बनेगा।

इस बार लोग शेर सिंह घुबाया से सवाल करेंगे कि फिरोजपुर के लिए 10 वर्षों में केंद्र सरकार से वह क्या-क्या प्रोजैक्ट लेकर आए हैं? फिरोजपुर के वोटर जागरूक हो चुके हैं जो फिरोजपुर में केंद्र सरकार से बड़े प्रोजैक्ट चाहते हैं ताकि बच्चों को रोजगार व पढ़ाई के लिए विदेशों और मुंबई, दिल्ली जैसे बड़े शहरों में न जाना पड़े। लोग चाहते हैं कि यहां बच्चों के लिए उच्च शिक्षा व स्वास्थ्य संबंधी सभी तरह की सुविधाएं हों। फिरोजपुर का हुसैनीवाला भारत-पाक बार्डर व्यापार के लिए खुले और देश की आजादी से चली आ रही फिरोजपुर की मंदी की हालत दूर हो और हर क्षेत्र में शहीदों का यह शहर खुशहाल हो। इस बार फिरोजपुर के लोग 10 साल से सांसद रहे शेर सिंह घुबाया से पूछेंगे कि उन्होंने संसद में जाकर फिरोजपुर के लिए क्या मांग उठाई और 10 वर्षों में वह क्या प्रोजैक्ट लेकर आए हैं?

ईमानदारी से किया काम, भविष्य में भी करता रहूंगा : घुबाया
शेर सिंह घुबाया का कहना है कि उन्होंने 10 साल सांसद रहते हुए ईमानदारी के साथ काम किया है और फिरोजपुर संसदीय क्षेत्र के विकास व मांगों को लेकर संसद में आवाज उठाई है। भविष्य में भी वह फिरोजपुर के मुद्दों को लेकर संसद में आवाज उठाते रहेंगे।


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