कुछ ऐसे सुलगते सवालः आखिर क्यों चुप बैठा है जिला प्रशासन

punjabkesari.in Wednesday, Jan 19, 2022 - 10:56 AM (IST)

अमृतसर (संजीव): पंजाब की हाई सक्योरिटी जेलों में शामिल अमृतसर की केंद्रीय जेल लगातार एफ.आई.आर. के पन्नों की स्याही से अपना नाम दर्ज करवा रही है। पिछले 17 दिनों में अमृतसर जेल में 19 पर्चे दर्ज किए गए, जिनमें 68 कैदियों और अंडर-ट्रायल को नामजद किया गया। यह सभी अपराधी किसी छोटे-मोटे जुर्म में नहीं बल्कि संगीन अपराध में गिरफ्तार कर जेल भेजे गए थे।

इन मुलजिमों से लगातार हो रही अवैध सामान की बरामदगी ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। बेशक जेल प्रशासन लगातार सर्च अभियान चलाने पर जेल में अवैध सामान अपने कब्जे में ले रहा है परन्तु इन मुलजिमों तक पहुंचने वाला यह सामान कौन लेकर जा रहा है, न तो उनकी कोई पहचान की जा रही है और न ही जेल की इस अवैध सामान सप्लाई लाईन को तोड़ा जा रहा है। इतनी बड़ी संख्या में बरामद किया जा रहा अवैध सामान जेल में चल रहे करोड़ों के भ्रष्टाचार की तरफ इशारा कर रहा है। पिछले 17 दिनों में 102 मोबाइल फोन, 97 बंडल सिगरेट, 14 चार्जर, 7 हैड फोन, 97 नशे वाली गोलियां, 3 डाटा केबल और 5 तम्बाकू की पूड़ियां बरामद की गई हैं। 

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यह पूरी बरामदगी जेल आधिकारियों और कैदियों में चल रही मिलीभुगत का कच्चा चिट्ठा खोल रही है। जेल में तैनात सुरक्षा कर्मचारियों की मर्जी के बिना 3 लेयर सुरक्षा घेरे को तोड़ कर इस सामान का अंदर बैठे खतरनाक मुलजिमों तक पहुंचना नामुमकिन है। इन संकेतों के बावजूद जेल प्रशासन हर बार बरामदगी होने के बाद न तो कोई जांच बिठाता है न ही बरामद किए मोबायल फोन की काल डिटेल और जारी हुए सिम कार्ड का ब्योरा इकट्ठा किया जाता है। डर इस बात का है कि इस तरह के साथ होने वाली जांच कहीं न कहीं जेल में तैनात उन चेहरों को बेनकाब न कर दें, जो पैसों के लिए जेल की सुरक्षा को बेच रहा हैं। कब तक यह सिलसिला इस तरह ही चलता रहेगा इस पर किसी काबिल और ईमानदार पुलिस अधिकारी को आगे आना होगा जिससे जेल में चल रहे भ्रष्टाचार के मकड़ जाल को तोड़ा जा सके।

जेल में बैठे कैदी सोशल मीडिया पर रहते हैं एक्टिव
पंजाब की जेलों में बैठे खतरनाक अपराधी अक्सर सोशल मीडिया पर एक्टिव देखे जा सकते हैं। लगातार अपने फेसबुक पेज को अपडेट करना, किसी संगीन अपराध के बाद उसकी जिम्मेदारी लेना इन मुलजिमों के पेज से ही पुलिस जानकारी हासिल करती है। कई बार देखने में आया है कि जेलों में बैठे खतरनाक गैंगस्टर अपने फेसबुक पेज को धमकियों के लिए भी इस्तेमाल करते हैं, जहां से वह अपना प्रोटेक्शन मनी का कारोबार चलाते हैं।

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खतरनाक गैंगस्टर जेल से ऑपरेट कर रहे अपराध की दुनिया
खतरनाक गैंगस्टर जेल से अपनी अपराध की दुनिया को ऑपरेट कर रहे हैं। जेल से ही प्रोटेक्शन मनी, हत्या, नशे वाले पदार्थों की सप्लाई, धमकियां और कई तरह के संगीन अपराध कर रहे हैं। जिला पुलिस की तरफ से इस बात का खुलासा कई बार किया जा चुका है, जिसके बावजूद न तो जेल प्रशासन कोई ठोस कार्यवाही कर इस तरह की होने वाली घटनाओं को रोक रहा है न ही कोई ऐसी रणनीति बना पाई है, जिसके साथ जेल में बैठे मुलजिमों पर नुकेल कसी जा सके। खतरनाक अपराधी जेलों में बैठ कर मोबाइल के रास्ते बाहर बैठे अपने गुर्गों को निर्देश देकर जुर्म करवाते हैं और अपना गैंग चला रहे हैं। हाल ही में जिला अमृतसर के कुछ डाक्टरों को जेल में बैठे गैंगस्टरों की तरफ से जान का हवाला देकर प्रोटेक्शन मनी मांगने के मामले सामने आए थे।

क्यों नहीं पकड़ें जा रही ‘काली भेडें’
आए दिन हो रही बरामदगी के बावजूद न तो कोई काली भेडें पकड़ रहा है और न ही जेल में हो रहे भ्रष्टाचार से पर्दा उठ रहा है। सब कुछ पता होने के बावजूद न तो जिला प्रशासन और न ही पुलिस प्रशासन कोई ठोस रणनीति बना कर इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए आगे आ रहा है। ऐसा उसी सूरत में संभव है कि सब आपस में मिले हों। एक-दूसरे के जुर्म को छुपाना भी कहीं न कहीं भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहा है।

मठाधीश बन कर बैठे बहुत से कर्मचारी
जेल रिकार्ड अनुसार बहुत से ऐसे कर्मचारी हैं, जो जेल में मठाधीशों की भूमिका निभा रहे हैं। कई सालों से एक ही जेल में बैठना कहीं न कहीं मिलीभुगत की तरफ इशारा करता है। अपनी नौकरी का ज्यादातर समय एक स्टेशन पर रहने कारण ऐसे कर्मचारियों के हाथ मुलजिमों के साथ मिल जाते हैं। इस चेन को तोड़ने के लिए पंजाब सरकार को कोई ठोस ट्रांसफर नीति बनाने की जरूरत है, ताकि पिछले कई सालों से एक ही स्टेशन पर बैठे कर्मचारी किसी कैदी के साथ मिलीभुगत न कर सके।

कुछ सवाल
-क्या जेल प्रशासन अवैध सामान मिलने के बाद उन कैदियों पर कोई ठोस कार्यवाही करता है?
- क्या पर्चे में शामिल किए कैदियों को जांच के लिए प्रोडेकशन वारंट पर लिया जाता है?
- यदि लिया जाता है तो क्या उसकी रिपोर्ट पर कोई कार्यवाही होती है?
- क्या आज तक किसी कैदी और हवालाती से मिलने वाले सामान को पहुंचाने वाले हाथों के बारे में पूछताछ हुई है?
- यदि किसी कैदी ने जेल प्रशासन की मिलीभुगत की तरफ इशारा किया तो उस पर कोई कार्यवाही की गई?

इन सुलगते सवालों पर जेल और पुलिस प्रशासन को काम करन की जरूरत
यह कुछ ऐसे सुलगते सवाल है, जिन पर जेल और पुलिस प्रशासन को काम करने की जरूरत है। एक तरफ जहां कैदियों के मन में अवैध सामान ले जाने का डर रहता है, वहीं उन काली भेडों के मन में भी इस डर को बैठाने की जरूरत है जिससे वह ऐसा कदम उठाने से पहले सजा बारे एक बार जरूर सोचें।

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News Editor

Urmila

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