एंडेवर के शीशे खड़का कर बच्चों ने मांगी जिंदगी की भीख, पिता ने नहीं सुनी(Pics)

punjabkesari.in Sunday, Apr 07, 2019 - 10:22 AM (IST)

पटियाला(बलजिन्द्र): इसको कुदरत का कहर ही कहा जा सकता है या फिर एक पिता की मजबूरी। जैसे ही परमवीर सिंह ने एंडेवर भाखड़ा नहर की ओर मोड़ी तो बच्चों ने शीशे खड़का कर जिंदगी देने वाले पिता से जिंदगी की भीख मांगी पर उसने कोई बात नहीं सुनी और एंडेवर सीधे भाखड़ा नहर में फैंक दी। कभी अपने जिगर के टुकड़ों को हर मुश्किल से बचाने वाले परमवीर ने आज अपने उन्हीं जिगर के टुकड़ों की कोई चीख पुकार नहीं सुनी। 

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हमेशा के लिए खामोश होगी मासूमों की आवाज
मौके पर मौजूद लोगों के अनुसार जब एंडेवर को भाखड़ा नहर की ओर किया गया तो बच्चों ने शीशे खड़का कर बचाने के लिए शोर मचाया पर पलक झपकते ही सब कुछ खत्म हो गया और दो नन्ही जानों की आवाज हमेशा के लिए खामोश हो गई। परमवीर सिंह आदर्श नगर पटियाला के रहने वाले थे और उनका शहर में बड़ा इमिग्रेशन और आईलैट्स का बिजनैस था। पूरे शहर में पिछले कई सालों से सबसे आऊटडोर एडवर्टाइजमैंट उसके बिजनैस की ही थी। आत्महत्यों के कारणों का परिवार द्वारा भी किसी तरह का कोई खुलासा नहीं किया गया है।

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स्कूल से बच्चों को सीधे लेकर पहुंचे थे भाखड़ा नहर
आदर्श नगर के रहने वाले परमवीर सिंह और उसकी पत्नी दीप शिखा ने पहले सुबह भादसों रोड से घर का सामान खरीदा और फिर दोनों बच्चों को लेने के लिए डी.ए.वी. स्कूल चले गए। यहां परमवीर एंडेवर में बैठा रहा और दीप शिखा अंदर बच्चे लेने के लिए चली गई। दोनों ने बच्चों को साथ लिया और सीधे भाखड़ा नहर पर पहुंच गए । परमवीर ने एंडेवर भाखड़ा नहर में फैंक दी। मौके पर पहुंचे उसके पिता केवल कृष्ण और उनके रिश्तेदारों ने भी कोई बात नहीं की। 

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शहर में छाया मातम का माहौल
जैसे ही शहर में परमवीर की वारदात की खबर पहुंची तो शहर में मातम छा गया। परमवीर खुद भी कई संस्थाओं से जुड़ा हुआ था और धार्मिक कार्यों में काफी जुड़ा रहता था। परमवीर गऊशालाओं के लिए दान और अन्य कई नामी संस्थाओं में अपना योगदान देता रहता था।

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आज मानवता पर भारी पड़ा सोशल मीडिया का चस्का
जब परमवीर सिंह और उसके परिवार की लाशें और एंडेवर भाखड़ा नहर से बाहर निकाली जा रहीं थी तो बड़ी संख्या में पहुंचे लोगों द्वारा इस पूरी घटना की अपने मोबाइलों द्वारा वीडियो रिकॉर्डिंग की जा रही थी। पुलिस और गोताखोरों द्वारा बार-बार कहे जाने के बावजूद भी लोग पीछे नहीं हट रहे थे।अधिकतर लोगों का दिलचस्पी कोई जिंदा बचा या नहीं इस की बजाय वीडियो बनाने की तरफ ज्यादा था। यहां मानवता पर सोशल मीडिया में आगे निकलने की होड़ अधिक भारी दिखाई दे रही थी।

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एंडेवर में से बच्चों के खिलौने और स्कूल के बैग भी मिले
एंडेवर में से बच्चों के खिलौने और स्कूल का बैग भी मिले। नन्हे सुशांत के नन्हे गणेश भी जैसे बच्चे को पुकार रहे थे पर हमेशा छोटे गणेश जी के साथ खेलने वाला सुशांत की अठखेलियां हमेशा के लिए खामोश हो चुकी थी और छोटे गणेश जी का टैडीवियर अपने नन्हे सुशांत को बुला रहा था।

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swetha

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