हाईकोर्ट से स्टे लेना डॉक्टर शिवचरण को पड़ा महंगा, विभाग ने जॉइनिंग के दूसरे दिन ही किया सस्पेंड

punjabkesari.in Friday, Jul 10, 2020 - 06:20 PM (IST)

अमृतसर (दलजीत शर्मा):  पंजाब तथा हरियाणा हाईकोर्ट में मेडिकल शिक्षा तथा खोज विभाग के फैसले को चुनौती देना मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के मुखी डॉक्टर शिवचरण को महंगा पड़ गया है। विभाग द्वारा हाईकोर्ट के निर्देशों पर जॉइनिंग करने के दूसरे दिन डॉक्टर शिवचरण को सस्पेंड कर दिया है। डॉक्टर शिवचरण का हेड क्वार्टर विभाग द्वारा सरकारी डेंटल कॉलेज अमृतसर में बनाया गया है।

जानकारी अनुसार डॉक्टर शिवचरण गुरु नानक देव अस्पताल में कोविड-19 इंचार्ज थे तथा उनके नेतृत्व में अच्छे ढंग से काम हो रहा था। परंतु मरीजों की मृत्यु दर बढ़ने के कारण उन पर विभाग द्वारा गाज गिराई गई थी तथा उन्हें अमृतसर से बदलकर सरकारी मेडिकल कॉलेज पटियाला में भेज दिया गया था। डॉक्टर शिव चरण द्वारा विभाग के इस फैसले को चुनौती देते हुए माननीय हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में डॉक्टर द्वारा कहा गया था कि उनकी सेवा को सिर्फ 6 महीने रह गए हैं। इस दौरान नियमों के अनुसार उनका उत्पादन नहीं किया जा सकता जिसके बाद उन्हें देखकर अमृतसर में ही उनकी नियुक्ति पर बहाली की गई थी। अभी डॉक्टर शिवचरण द्वारा जॉइनिंग के दूसरे दिन ही बीता था कि विभाग द्वारा उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है। विभाग द्वारा आरोप लगाए जा रहे हैं कि कि डॉक्टर का काम ठीक नहीं है परंतु विभाग की इस कार्रवाई से स्पष्ट होता है कि हाईकोर्ट में जाने के बाद डॉक्टर पर कार्रवाई की गई है क्योंकि इससे पहले डॉक्टर शिवचंद पर कोई भी कार्रवाई नहीं की गई थी। 

इसके अलावा डॉक्टर कोविड-19 के इंचार्ज थे परंतु कोविड-19 अधिकारी कोई और था उन पर विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई है परंतु डॉक्टर शिवचरण को सस्पेंड कर दिया गया है जिसकी सरकारी मेडिकल कॉलेज में काफी चर्चा हो रही है। बताया जा रहा है कि विभाग के मंत्री का गृह जिला होने के कारण डॉक्टर शिवचरण के स्टे के बाद विभाग की काफी किरकिरी हो रही थी जिसके बाद यह सख्त एक्शन लिया गया है। 


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Edited By

Tania pathak

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