शिक्षा मंत्री के अपने शहर में नीलाम होगा डी.ई.ओ. कार्यालय, पढ़ें पूरी खबर

punjabkesari.in Saturday, Dec 11, 2021 - 05:29 PM (IST)

जालंधर (सुमित): शिक्षा मंत्री परगट सिंह हालांकि पंजाब में शिक्षा के स्तर को ऊपर उठाने का दावा कर रहे हैं। शिक्षा मंत्री अपनी ही सरकार को कर्मचारियों के हित में सरकार कहते हैं लेकिन अपने ही शहर में शिक्षा विभाग के जिला कार्यालय का भविष्य अंधकारमय नजर आता है। माननीय अदालत ने एक शिक्षक की पेंशन से संबंधित मामले में जिला शिक्षा कार्यालय को बेच कर पेंशन राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया है। यह पहली बार नहीं है बल्कि दूसरी बार है जब माननीय अदालत ने जिला शिक्षा विभाग कार्यालय की नीलामी का आदेश दिया है। इससे पहले अदालत ने जिला शिक्षा कार्यालय को मार्च 2021 में नीलामी आयोजित करने का निर्देश दिया था, जिसके बाद विभाग ने उच्च अदालत से मामले पर रोक लगाने की अपील की थी। इस कारण तब प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी लेकिन जब शिक्षा विभाग को स्टे नहीं मिला तो माननीय न्यायाधीश शेरिल सोही की अदालत ने एक बार फिर जिला शिक्षा कार्यालय जालंधर को बेच कर शिक्षक की पेंशन राशि और पूरे बकाया का भुगतान करने का आदेश दिया।

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माननीय अदालत ने जिला शिक्षा कार्यालय को 15 दिसंबर 2021 से 18 फरवरी 2022 तक पूरी नीलामी प्रक्रिया को पूरा करने और 18 फरवरी 2022 को रिपोर्ट देनेको कहा गया है। अध्यापक हरजिन्दर सिंह की तरफ से अपने पैंशन के हक के लिए लड़ी जा रही लड़ाई में जो आदेश माननीय अदालत की तरफ से दिया गया है, उसके साथ शिक्षा कार्यालय की मुश्किलें बढ़ गई हैं। 82 वर्षीय हरजिन्दर सिंह पुत्र पूर्ण सिंह ने बताया कि वह 31 जनवरी 1996 को सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल गुमटाला से रिटायर हुए थे। नियम मुताबिक तब से ही उनकी पैंशन शुरू हो जानी चाहिए थी परन्तु कार्यालय की तरफ से ऐसा नहीं किया गया।

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इसके बाद माननीय अदालत की तरफ से 13 अगस्त 1997 को उनके हक में आर्डर जारी किया गया। इसमें कहा गया कि हरजिन्दर सिंह को सभी बनते लाभ देकर पैंशन भी दी जाये परन्तु कार्यालय की तरफ से अपील दायर कर दी गई, जो 6 अगस्त 2001 को डिसमिस हो गई। कार्यालय के दफ्तर में हरजिन्दर सिंह और उनकी पत्नी बलविन्दर कौर की तरफ से बार-बार चक्कर काटने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हुई। ऐसे ही समय निकलता गया और अदालत में केस चलता रहा। फिर भी कार्यालय की तरफ से हरजिन्दर सिंह को कोई बनता लाभ या पैंशन नहीं दी गई।

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15 फरवरी 2018 को इस केस का फैसला हरजिन्दर सिंह के हक में करते अदालत ने स्पष्ट रूप से आदेश जारी किया कि उनको सभी लाभ के साथ पैंशन जारी की जाए। हरजिन्दर सिंह ने बताया कि ऐसे में शिक्षा विभाग की तरफ से नियमों की अनदेखी करते अपने हिसाब के साथ पैंशन जोड़ कर कुछ रकम उनको दी गई और कह दिया गया कि सारी पैंशन जो बनती है दे दी गई है, हालांकि नियमों के मुताबिक यह पेंशन सेवानिवृत्ति की तारीख से शुरू हो जानी चाहिए। हरजिन्दर सिंह मुताबिक जो पैंशन उनको लगाई गई, वह सरकारी टेबल के मुताबिक भी सही नहीं है। इसके साथ ही जो कई सालों से उनको एक भी रुपया नहीं दिया गया उसका ब्याज भी नहीं जोड़ा गया। अब जाकर माननीय अदालत शैरिल सोही की अदालत की तरफ से सख्ती से आदेश जारी किए गए हैं कि हरजिन्दर सिंह को उसके बनते पूरे लाभ के साथ पैंशन दी जाए और इसलिए जिला शिक्षा दफ्तर की ईमारत को बेचा जाए। हरजिन्दर सिंह ने इस फैसले पर खुशी जाहिर की है। 

 

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News Editor

Kamini

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