नगर निगम पर ''आप'' सरकार की नजर, अधिकारियों व ठेकेदारों पर गिर सकती है गाज

punjabkesari.in Monday, Mar 21, 2022 - 02:28 PM (IST)

जालंधर (खुराना): पिछले 5 वर्ष पंजाब की तरह जालंधर नगर निगम में भी कांग्रेस की सरकार रही और इस सरकार के कार्यकाल में जालंधर नगर निगम में भ्रष्टाचार के सभी रिकार्ड टूट गए। पहले तो नगर निगम में आधिकारियों और ठेकेदारों का ही सांठगांठ चलती थी परन्तु कांग्रेस सरकार के कार्यकाल दौरान इस सांठगांठ में नेता भी जुड़ गए जिस कारण यह गठजोड़ और भी मजबूत हो गया। अधिकारियों की मदद के साथ नगर निगम के ठेकेदार पहले भी आपस में सांठगांठ विकास कामों के साथ सम्बन्धित टैंडरों में गोलमाल कर लिया करते थे परन्तु इस सरकार के कार्यकाल दौरान नेताओं ने अपने खासम-खास ठेकेदार भी इस गठजोड़ में फिट कर दिए, जिसका नतीजा यह निकला कि निगम के ठेकेदारों ने इस कार्यकाल दौरान खूब मनमर्जी की और घटिया स्तर के विकास कार्य किए। इस बारे लगातार 4-5 वर्ष खबरें छपतीं रही परन्तु किसी ने कोई नोटिस ही नहीं लिया। आधिकारियों ने ठेकेदारों से कमीशन वसूली और राजनीतिज्ञों ने ठेकेदारों से अपना हिस्सा लिया।

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अब पंजाब में कांग्रेस को सत्ता से बाहर करके आम आदमी पार्टी की सरकार बन गई है, जिसने सरकारी दफ्तरों में फैले भ्रष्टाचार को दूर करने की तरफ ध्यान देना शुरू कर दिया है। भ्रष्टाचार के साथ सराबोर हो चुके जालंधर नगर निगम पर भी ‘आप’ सरकार की नजर है, जिस कारण निगम में करोड़ों रुपए के विकास काम करने वाले कुछ ठेकेदारों की फाइलें तलब कर ली गई हैं और निगम आधिकारियों से पिछले 3 वर्षों का रिकार्ड भी मांगा गया है। जिक्रयोग्य है कि पिछले 4-5 वर्षों दौरान जालंधर नगर निगम में जो ठेकेदार राजनीतिक पृष्ठभूमि के साथ जुड़े रहे और जिन्होंने पूरी सेटिंग के साथ काम किए, उनकी फाइलों की जांच का काम अगले कुछ दिनों में शुरू हो सकता है।

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निगम आधिकारियों की भी आ सकती है शामत
आम आदमी पार्टी के नेताओं ने जालंधर निगम के भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए जिस तरह पिछला रिकार्ड तलब किया है, उससे माना जा रहा है कि कुछ निगम आधिकारियों की भी शामत आ सकती है और उनकी जवाबदेही फिक्स की जा सकती है। जिक्रयोग्य है कि पिछले 3-4 वर्षों दौरान निगम आधिकारियों ने साइट पर जाना बिल्कुल ही छोड़ दिया था और अन्य ज्यादा विकास कामों के तो सैंपल तक नहीं भरे गए। सिर्फ फाइलों का घर पूरा करने के लिए काम किया गया और ठेकेदारों को करोड़ों रुपए की पेमेंट बिना काम की जांच के ही दे दी गई। माना जा रहा है कि उन फाइलों की विशेष रूप में जांच की जा सकती है जो कई घटिया तरीकों से हुए कामों कारण विवादों में घिरी रहीं।

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करोड़ों के साथ बनी पटेल चौक वाली सड़क कुछ ही महीनों बाद टूटने लगी
नगर निगम में पिछले वर्षों दौरान विकास कामों में हुए भ्रष्टाचार की यूं तो सैंकड़ों उदाहरणें हैं परन्तु आने वाले दिनों में एक अध्याय की विशेष जांच हो सकती है। जिक्रयोग्य है कि पटेल चौक से रेलवे स्टेशन की तरफ जाने वाली सीमेंट की सड़क का पहला हिस्सा कुछ ही महीनों बाद टूटना शुरू हो गया था और अब वह सड़क कई स्थानों से धंस चुकी है और टूटनी भी शुरू हो गई है। आने वाले दिनों में यहां पैचवर्क तक लाने की नौबत आ सकती है। आम आदमी पार्टी के नेता इस काम के साथ सम्बन्धित फाइल को सैंपल बना कर भ्रष्टाचार की जांच शुरू कर सकते हैं।

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विजिलेंस ने जिम्मेदारी नहीं निभाई, जिस कारण हेल्पलाइन नंबर की नौबत आई
आम आदमी पार्टी के साथ जुड़े उच्च नेताओं ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों दौरान पुलिस का विजिलेंस विभाग बिल्कुल सोया रहा, जिस कारण भ्रष्टाचार पर रोक तो नहीं लग सकी बल्कि इसमें विस्तार ही हुआ। भ्रष्टाचार बारे विजिलेंस के पास जो कोई फाइलें पहुंची भी, उन पर भी कई वर्ष कोई कार्यवाही नहीं की गई। विजिलेंस विभाग पर यकीन खत्म होने के कारण ही मुख्य मंत्री दफ्तर को हेल्पलाइन नंबर जारी करना पड़ रहा है जिस कारण भ्रष्टाचार के साथ सम्बन्धित शिकायतें अब सीधी मुख्यमंत्री दफ्तर पहुंचेंगी और वहीं से ही इन का नोटिस लिया जाएगा। जिक्रयोग्य है कि विजिलेंस ने जालंधर नगर निगम में भी भ्रष्टाचार को रोकने के लिए कोई खास कोशिश नहीं की और निगम के साथ संबंधित अन्य और फाइलें वर्षों से दबाए हुए हैं।

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News Editor

Urmila

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