कहीं कांग्रेस के हाथ से खिसक न जाए पंजाब में 'किंगमेकर' रहा हिंदू वोट बैंक

punjabkesari.in Sunday, Nov 21, 2021 - 10:56 AM (IST)

जालंधर (अनिल पाहवा): पंजाब में विधानसभा चुनाव अब सिर पर हैं और राजनीतिक दलों में सत्ता हासिल करने के लिए खूब घमासान चल रहा है। कुछ राजनीतिक दल दूसरे दलों से खींचतान में जुटे हैं तो वहीं कांग्रेस जैसी पार्टी आपसी खींचतान के बीच ही चुनावी तैयारी में जुटी हुई है। राज्य की कांग्रेस सरकार अपने 18 नुक्तों को पूरा करने के लिए योजना पर काम कर रही है। इस सबके बीच राज्य का हिंदू वोट बैंक इस समय पूरी तरह से मायूस है। कांग्रेस ने हाल ही में पार्टी तथा सरकारी स्तर पर काफी बदलाव किए हैं, जिसमें सुनील जाखड़ को हटाकर नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया तो वहीं मुख्यमंत्री पद से कैप्टन अमरेंद्र सिंह को हटाकर चरणजीत सिंह चन्नी को तैनात कर दिया। इस उठापटक के बीच पार्टी का जातिगत समीकरण पूरी तरह से गड़बड़ा गया। राज्य में अमरेंद्र सिंह को हटाकर पार्टी ने 'दलित चेहरे' के तौर पर चन्नी को बिठा दिया। जाट सिख चेहरे के तौर पर कैप्टन अमरेंद्र सिंह को हटाया गया लेकिन सिद्धू को दी गई अहम जिम्मेदारी ने इस वर्ग को पार्टी के साथ जोड़े रखा। हैरानी की बात है कि पंजाब जहां पर हिंदू वोट 38.49 प्रतिशत है, सरकार बनाने में अहम स्थान रखता है। राज्य में दलित वोट करीब 32 प्रतिशत है, जिसमें हिंदू सिख दोनों शामिल हैं। इस हिंदू वोट बैंक को हासिल करने के लिए कई राजनीतिक दल अपने स्तर पर योजनाएं बना रहे हैं, लेकिन कांग्रेस ने जिस तरह से हिंदू वोट बैंक को दरकिनार किया है, उसके कारण पार्टी से इस वोट बैंक के टूटने की पूरी संभावना है। 

यह भी पढ़ेंः नवजोत सिद्धू के हक में उतरे परगट सिंह, भाजपा को दिया जवाब

पंजाब में हिंदू वोट बैंक में वनिया और व्यापारी वर्ग शामिल है जिनकी अपनी समस्याएं हैं। हैरान करने वाली बात है कि इस वोट बैंक को अपने साथ लाने के लिए कांग्रेस ने किसी हिंदू चेहरे को आगे नहीं किया, जिसका नुक्सान पार्टी को 2022 के विधानसभा चुनावों में सहना पड़ सकता है। राज्य में यह नई बात नहीं है कि हिंदू वर्ग को दरकिनार किया गया है। कैप्टन अमरेंद्र सिंह के मुख्यमंत्री होने के दौरान भी हिंदू मंत्री तो बनाए गए लेकिन उन्होंने शहरी इलाकों की कोई बात नहीं पूछी। शहरी इलाकों में विकास नहीं हुआ, जिसका असर यह रहा कि सबसे ज्यादा टैक्स देकर भी शहरी लोगों को न तो सुविधाएं मिलीं और न ही उनकी समस्याओं का हल हुआ। वही प्रथा राज्य के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी भी पूरी तरह से निभा रहे हैं। शहरी इलाकों में अब भी कोई खास काम नहीं हो रहा। सड़कों की हालत बेहद खराब है, जिसके कारण लगातार स्थिति गड़बड़ा रही है। 

यह भी पढ़ेंः किसान आंदोलन का श्रेय लेने के लिए कांग्रेस और 'आप' में दौड़

हिंदू चेहरों की कमी
पंजाब में कांग्रेस के पास इस समय हिंदू चैहरों की खासी कमी है। राज्य के पूर्व पार्टी अध्यक्ष सुनील जाखड़ को हिंदू चेहरे के तौर पर पार्टी में बेहतर स्थान दिया गया था, लेकिन उन्हें हटाए जाने के बाद किसी और हिंदू नेता को इतनी अहमियत नहीं दी गई बेशक डिप्टी सी. एम. के पद पर ओ.पी. सोनी तैनात हैं, लेकिन वह उस स्तर का प्रभाव हिंदू वोट बैंक में नहीं बना पा रहे हैं। पार्टी के अन्य हिंदू चेहरों में विजय इंद्र सिंगला, भारत भूषण आशू प्रमुख चेहरे हैं, लेकिन ये लोग अपने-अपने इलाकों तक ही सीमित हैं जिसके कारण हिंदू वोट बैंक को साधने की रणनीति में कांग्रेस लगातार पिछड़ रही है। उधर, सुखबीर बादल लगातार हिंदू नेताओं को अपने साथ जोड़ रहे हैं। पंजाब में हिंदू वोट बैंक को कैश करने भाजपा भी जल्द ही मैदान में उतरेगी। ऐसे में कांग्रेस को सबसे बड़ा नुक्सान हो सकता है क्योंकि हिंदू वोट बैंक राज्य में किंगमेकर रहा है।

अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here

पंजाब की खबरें Instagram पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here

अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here


सबसे ज्यादा पढ़े गए

News Editor

Urmila

Recommended News

Related News