बंदी सिखों के लिए चलाया जा रहा हस्ताक्षर अभियान राजनीतिक स्टंट : प्रो. सरचंद सिंह ख्याला

punjabkesari.in Sunday, Dec 04, 2022 - 09:16 PM (IST)

अमृतसर : भाजपा के सिख नेता प्रो. सरचंद सिंह ख्याला ने सुखबीर बादल पर सवाल उठाते कहा है कि शिरोमणि कमेटी द्वारा सजा पूरी कर चुके बंदी सिखों के लिए चलाया जा रहा हस्ताक्षर अभियान अगर अकालियों का राजनीतिक स्टंट नहीं तो 'फखरे कौम' बादल सरकार दौरान बंदी सिखों के बारे में जारी विज्ञापन के लिए बादल सिख कौम से फौरन माफी मांगें। 

प्रो. सरचंद सिंह ने बंदी सिंहों की रिहाई के लिए बादल सरकार के दौरान भाई सूरत सिंह और अन्य के तरफ से किए गए संघर्ष के दौरान बंदी सिंहों के संबंध में सरकार द्वारा जारी अखबारी विज्ञापन पेश किया और कहा कि अगर बादल इस मामले में गंभीर हैं तो बंदी सिंहों की रिहाई हो गई होती। बंदी सिंह बहुत पहले अपने घरों और परिवारों में होते, लेकिन दुर्भाग्य से बादल न केवल विज्ञापनों के माध्यम से इस मुद्दे पर न्यायप्रिय नागरिकों को गुमराह करते रहे बल्कि बंदी सिंहों की रिहाई के रास्ते में भी बाधाएं डालते रहे। 

बलवंत सिंह राजोआना की फांसी को रोकने के लिए मार्च 2012 को सिख समुदाय द्वारा शुरू किए गए शांतिपूर्ण संघर्ष के दौरान भी भाई जसपाल सिंह सिधवा को बादल सरकार के दौरान गुरदासपुर में अंधाधुंध फायरिंग के दौरान शहीदी का जाम पीना पड़ा था। उन्होंने कहा कि बंदी सिंहों की रिहाई के लिए हस्ताक्षर अभियान "  वेले दी नमाज और कुवेले का टकराव" है। अगर इच्छा होती तो बादलों की दशक भर की सरकार के दौरान बंदी सिंहों की रिहाई के लिए कैबिनेट में एक प्रस्ताव पारित किया जा सकता था।

उन्होंने कहा कि दशकों से जेल में बंद बंदी सिंह अपराधी नहीं है, बल्कि भारत की आजादी के बाद देश में सिख समुदाय के साथ कांग्रेस सरकारों द्वारा पैदा की गई परिस्थितियों और राजनीतिक भेदभाव के कारण उन्हें हिंसक रास्ते पर चलने के लिए मजबूर होना पड़ा। इस अवसर पर प्रो सरचंद सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सिख समुदाय की चिंता से अवगत कराया और अपील की कि 2019 में श्री गुरु नानक देव जी की 550वीं शताब्दी के दौरान उनके द्वारा की गई घोषणा के अनुसार बाकी रह गए बंदी सिंहों को भी तत्काल रिहा किया जाए। उन्होंने कहा कि तीन दशक से जेल में बंद सिख राजनीतिक बंदियों ने अपने जीवन का बड़ा हिस्सा जेलों में बिता लिया है जिससे उनकी मानसिक स्थिति भी प्रभावित हुई है। उन्होंने कैदियों की रिहाई और पंजाब एवं सिख पंथ के लंबित मुद्दों को हल करने के लिए कहा।  


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Content Writer

Subhash Kapoor

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