पंजाब में माइनिंग माफिया की केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय करेगा जांच

punjabkesari.in Saturday, Aug 08, 2020 - 04:41 PM (IST)

चंडीगढ़ (अश्वनी) : पंजाब में माइनिंग माफिया की परतें अब केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय उधेड़ेगा। नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एन.जी.टी.) ने पर्यावरण मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय को आदेश दिया है कि 3 माह के भीतर अवैध खनन पर रिपोर्ट सबमिट करे। ट्रिब्यूनल ने यह आदेश एक याचिका पर सुनवाई के बाद जारी किए।याचिकाकर्ता ने रोपड़ में धड़ल्ले से अवैध माइनिंग का मामला उठाया था। ट्रिब्यूनल ने स्टेट एन्वायरमैंट इम्पैक्ट असैस्मैंट अथॉरिटी और पंजाब पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को सांझी जांच रिपोर्ट सबमिट करने की बात कही थी। हाल ही में सबमिट सांझी रिपोर्ट में सामने आया कि रोपड़ में स्टोन क्रशर अवैध माइनिंग में लिप्त हैं।

पड़ोसी राज्यों से अवैध धंधे के लिंक
जांच में यह भी सामने आया कि स्टोन क्रशर के जरिए रेत-बजरी का अवैध धंधा पड़ोसी राज्यों तक फैला हुआ है। यह स्टोन क्रशर अपने रसूख का इस्तेमाल करते हुए पड़ोसी राज्यों से भी कच्चा माल मंगवाते हैं और पंजाब में बड़े पैमाने पर अवैध धंधा चला रहे हैं। यह सीधे तौर पर पर्यावरण कानून का उल्लंघन है। करीब 29 स्टोन क्रशर को पर्यावरण कानून के उल्लंघन का कारण बताओ नोटिस भी जारी किया जा चुका है लेकिन अवैध कारोबार बदस्तूर जारी है।
 

रिपोर्ट के बाद मंत्रालय को सौंपी जांच
प्राथमिक जांच रिपोर्ट के बाद अब ट्रिब्यूनल ने आदेश जारी कर पर्यावरण मंत्रालय को गहनता से जांच करने का आदेश दिया है ताकि पर्यावरण को नुकसान का सही आंकलन किया जा सके। साथ ही, अवैध खनन माफिया की परतें उधेड़ी जा सकें। ट्रिब्यूनल ने कहा है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए गहनता से जांच होनी चाहिए। इसके लिए पर्यावरण मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय सहित केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों की एक साझा कमेटी द्वारा जांच करने की बात कही गई है। यह कमेटी तीन महीने में अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेगी।

 

 

 


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