निगम चुनाव लड़ने वाले हो जाएं तैयार, बनने लगा नई वार्डबंदी का नक्शा
punjabkesari.in Friday, Feb 10, 2023 - 11:22 AM (IST)

जालंधर: नगर निगम जालंधर के पार्षद हाउस की अवधि 24 जनवरी को खत्म हो चुकी है। ऐसे में नए नगर निगम के चुनावों की प्रक्रिया भी चल रही है । इस प्रक्रिया के तहत पूरे शहर का पापुलेशन सर्वे पूरा किया जा चुका है और इससे संबंधित सारा डाटा भी चंडीगढ़ में लोकल बॉडीज विभाग के इलैक्शन सैल के पास पहुंच चुका है जहां अगले चुनावों के लिए फार्मूला तैयार करने का काम चल रहा है।
पापुलेशन सर्वे का काम पूरा होने के बाद जिस प्रकार निगम के संबंधित अधिकारियों ने वर्तमान वार्डों से संबंधित नक्शा तैयार करने का काम शुरू कर दिया है, उससे माना जा रहा है कि अब अगला निगम चुनाव लड़ने के इच्छुक लोगों को तैयार हो जाना चाहिए क्योंकि आने वाले दिनों में इसी नक्शे के आधार पर वार्डों की कांट छांट का काम होगा और नए पुराने वार्डों को मिलाकर शहर को 85 हिस्सों में बांटा जाएगा। इसके लिए जल्द ही डिलिमिटेशन बोर्ड की बैठक बुलाई जा रही है। सूत्रों के मुताबिक नई वार्डबंदी के तहत जहां एक वार्ड में 15000 के करीब जनसंख्या होगी, वहीं एक वार्ड में वोटरों की संख्या 10 हजार के करीब रखी जा सकती है।
डिजिटल के साथ-साथ वार्डों की होगी मैनुअल कटिंग
इस बार संभवतः मई महीने में होने जा रहे नगर निगम चुनाव हेतु हाल ही में जो पापुलेशन सर्वे हुआ है, उसके तहत विशेष ऐप के माध्यम से जालंधर के सभी वार्डों का डिजिटल मैप तैयार किया जा चुका है और अब कपड़े के एक बड़े से टुकड़े पर मैनुअल रूप से नक्शा बन रहा है। माना जा रहा है कि अब इस नक्शे को तैयार करके चंडीगढ़ भेज दिया जाएगा जहां डिजिटल प्रक्रिया के साथ-साथ मैनुअल रूप से भी वार्डों की काट छांट होगी।
गौरतलब है कि निगम चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवार यह इच्छा रखते हैं कि उनके वार्ड से फ़्लां क्षेत्र काट दिया जाए या दूसरा हिस्सा जोड़ दिया जाए इसलिए माना जा रहा है कि आने वाली वार्ड बंदी की प्रक्रिया में कई वार्डों से छेड़छाड़ संभावित है। जालंधर कैंट के जो 12 गांव निगम सीमा में जोड़े गए हैं वहां बिल्कुल ही नए वार्ड बनाए जाएंगे। गांवों के कुछ हिस्सों को छावनी क्षेत्र के वार्डों से भी जोड़ा जा सकता है।
वार्डबंदी में जिसकी चल गई, उसके चांस ज्यादा होंगे
2017 में हुए निगम चुनावों के लिए उस साल चंडीगढ़ में जालंधर निगम की जो नई वार्डबंदी हुई थी, उसमें कांग्रेसी नेताओं ने पूरी मेहनत से भाग लिया था और चंडीगढ़ में दिन-रात लगाकर ज्यादातर वार्डों में काट छांट कर ली थी जिस कारण कांग्रेस पार्टी 80 में से 65 सीटें जीतने में कामयाब रही। तब चारों विधायक सुशील रिंकू, राजेंद्र बेरी, बावा हैनरी और परगट सिंह के अलावा कई कांग्रेसी नेताओं बलराज ठाकुर, मनोज अरोड़ा (अब स्वर्गीय), रोहन सहगल, जगदीश राजा, पार्षद ज्ञानचंद इत्यादि ने सक्रियता से भाग लिया था और कांग्रेस के मुताबिक वार्ड बनवाए थे।
अब देखने वाली बात होगी कि राजनीति में नए आए विधायक रमन अरोड़ा वार्डबंदी में एक्टिव भूमिका निभा पाते है या नहीं। इसी प्रकार आप विधायक शीतल अंगुराल के लिए भी नई वार्ड बंदी एक चैलेंज साबित होगी, ऐसा इसलिए माना जा रहा है कि नई वार्डबंदी में जिसकी चल गई उसके जीतने के चांस ज्यादा होंगे।
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