ADGP जेल के तबादले को लेकर फिर शुरु हुई चर्चा, मुख्यमंत्री व जेल मंत्री पर उठे सवाल

punjabkesari.in Saturday, Apr 09, 2022 - 09:48 AM (IST)

लुधियाना (स्याल): पंजाब में निजाम बदलने के साथ अब पंजाब के प्रशासकीय विभाग में भी तबदीलियों का दौर शुरू हो गया, बात चाहे निचले स्तर के अधिकारियों की हो या चंडीगढ़ में प्रशासकीय अधिकारियों की, सरकार तबादले कर यह संदेश देना चाहती है कि अच्छा प्रशासन दिया जाएगा। लेकिन कुछ अधिकारियों की अच्छी कारगुजारी के बाद भी उनकी बदलियां होना इस समय में पंजाब में प्रमुख मुद्दा बनकर सामने आ रहा है। जिन अधिकारियों ने मेहनत और कर्मठता से काम किया है, उन पर राजनीतिक बदलाव न होने का आप सरकार ने दावा किया था। चुनावों से पहले अधिकारियों को यह भी कहा गया था कि उन्हें राजनीति का शिकार नहीं होने दिया जाएगा, लेकिन अब बदलियों के दौर के साथ ही यह मुद्दा मुख्यमंत्री और जेल मंत्री के नाम से जुड़ रहा है कि ठीक ठाक काम कर रहे वरिष्ठ अधिकारियों को बदलने से कहीं निचले स्तर के अधिकारी बेलगाम ही न हो जाएं। इन दिनों यह चर्चा ए.डी.जी.पी. जेल प्रवीण कुमार सिन्हा के तबादले से भी जुड़ गया है, जिन्हें कांग्रेस सरकार के समय में लंबे समय तक ए.डी.जी.पी. जेल की भूमिका में रखा गया, लेकिन अब नए जेल मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने एकाएक उनका तबादला कर जेल प्रशासन के भीतर ही कई चर्चाओं को छेड़ दिया है, क्योंकि प्रवीण कुमार सिन्हा ने जेल प्रशासन के कामकाज को पटरी पर ला दिया था और जेल सुरक्षा में नए तौर-तरीके अपनाकर जेल की सुरक्षा को पुख्ता किया था। लेकिन सरकार बदलने के साथ ही उनका कुछ समय में तबादला होना राजनीतिक पहलुओं से कई सवाल खड़े करता है। 

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जेलों में अगर कमी पेशी आई तो मंत्री बैंस बनेंगे जवाबदेह 
अचरज की बात तो तब रही जब सिन्हा की बदली ने जेल प्रशासन के अंदर खलबली मचा दी और यह सवाल तेजी से घूमा कि एक वरिष्ठ आई.पी.एस. अधिकारी, जो जेलों को सुधारने के लिए निरंतर अग्रसर है, उसे बदल कर आप की सरकार क्या साबित करना चाहती है। यही नहीं, हरजोत सिंह बैंस जो न सिर्फ उम्र में छोटे हैं और इतना बड़ा फैसला सरकार ने जो ले लिया, उसको साबित करने में भी सरकार को कड़ी नजर रखनी होगी। इससे पहले जेलों में नवीनीकरण की पॉलिसियां और नई योजनाएं, पैट्रोल पम्पों की स्थापना और जेल रेडियो चलाना सहित जेल सुरक्षा को कड़ा करने जैसे ऐतिहासिक कदम प्रवीण कुमार सिन्हा ने ही चुनौतीपूर्ण सरकारी नौकरी में उठाए थे। ऐसे में अगर सरकार नया प्रयोग कर चुकी है तो नए ए.डी.जी.पी. जेल के लिए भी यह चुनौतियां कम नहीं होगी कि वह सिन्हा से ज्यादा और अच्छा काम करके दिखाए। अन्यथा आई.पी.एस. लॉबी में यह सरकार के प्रति एक अलग तरह का संदेश भी छोड़ सकती है और इसके लिए मंत्री हरजोत सिंह बैंस विपक्षी दलों व विधानसभा में जवाबदेह बन सकते हैं।

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News Editor

Kalash

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