महंगा होगा सफर : डीजल के दाम बढ़ने के बाद यह कदम उठाने की तैयारी में विभाग

punjabkesari.in Tuesday, Feb 14, 2023 - 11:00 AM (IST)

जालंधर: महंगाई के इस दौर में यात्रियों की जेब पर भार पड़ने वाला है क्योंकि बसों का सफर महंगा करने की तैयारी की जा रही है। ट्रांसपोर्ट विभाग के अंतर्गत आते पंजाब रोडवेज, पनबस, पी.आर.टी.सी. में उम्मीद के मुताबिक लाभ नहीं हो पा रहा, जिसके चलते विभाग द्वारा किराया बढ़ाने की तरफ ध्यान केन्द्रित किया गया है। विश्वसनीय सूत्रों का कहना है कि इस क्रम में प्रति किलोमीटर 10 पैसे बढ़ाने की योजना तैयार की गई है, जिसके लिए सरकार से मंजूरी लेकर तुरंत प्रभाव से नए किरायों को लागू करवा दिया जाएगा। विभाग द्वारा डीजल की कीमतों में वृद्धि को इसका मुख्य आधार बनाया गया है।

सरकार द्वारा बीते सप्ताह पैट्रोल व डीजल पर 90 पैसे प्रति लीटर वैट लगाकर दामों में वृद्धि की गई है, जिसके चलते बसों को चलाने की लागत में बढ़ौतरी दर्ज हुई है। विभाग पहले से ही कई तरह के आर्थिक बोझ झेल रहा है, जिसके कारण अब विभाग के पास किराया बढ़ाने का एकमात्र विकल्प शेष रह जाता है। पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सरकारी अदारों द्वारा किराया बढ़ाया जाने के बाद प्राइवेट कम्पनियां भी तुरन्त प्रभाव से किराए में बढ़ौतरी को लागू कर देती हैं। प्राइवेट सैक्टर द्वारा अधिक खर्च का हवाला देकर पहले ही किराया बढ़ाने संबंधी मांग उठाई जा चुकी है। ऐसे हालातों में सरकार द्वारा किराया बढ़ाने से यात्रियों की जेब पर बोझ पड़ना स्वाभाविक है।

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सरकारी विभागों द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक 10 पैसे से अधिक का किराया बढ़ाने का जो प्रस्ताव बनाया जा रहा है, उसके अंतर्गत पी.आर.टी.सी. ने इसमें पहलकदमी दिखाई है। आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि पी.आर.टी.सी. द्वारा 11 पैसे का प्रस्ताव तैयार किया जा चुका है जिसे अमलीजामा पहनाया जाना शेष रहता है। विभागों द्वारा किराया बढ़ाने का प्रस्ताव भेजे जाने के बाद सरकार इस पर क्या कदम उठाती है यह भी जल्द ही सामने आ जाएगा। आमतौर पर पिछले समय के दौरान विभाग द्वारा भेजी गई प्रपोजलों में से अधिकतर मांगों को सरकार द्वारा मान लिया जाता है । इस मांग पर सरकार क्या कदम उठाएगी, यह देखने योग्य होगा।

प्राइवेट पम्पों से तेल डलवा रही सरकारी बसें

पंजाब सरकार द्वारा पैट्रोल व डीजल पर टैक्सों में जो राहत दी गई है, वह पब्लिक पैट्रोल पम्पों पर लागू होती है। विभाग यदि अपने डिपुओं के पैट्रोल पम्पों के लिए डीजल मंगवाता है तो उसे महंगे भाव पर डीजल खरीदना पड़ता है जिसके चलते पैसे बचाने के लिए विभाग द्वारा प्राइवेट पैट्रोल पम्पों से सरकारी बसों में डीजल भरवाया जा रहा है। पिछले समय के दौरान आर्थिक रूप से परेशानी झेल रहे कई डिपुओं द्वारा समय पर डीजल के बिलों की अदायगी न करने के चलते पम्पों द्वारा डीजल की सप्लाई रोक दी गई थी। अधिकारियों का कहना है कि खुद का डीजल टैंक मंगवाने से बसों के खर्च पर प्रभाव पड़ता है, जिसके चलते बाहर से तेल खरीदना मुनाफे का सौदा है।

डिपुओं में खड़ी 500 बसों को चलाना बन रहा परेशानी

विभाग द्वारा स्टॉफ की भर्ती न किए जाने के कारण 500 से अधिक बसें डिपुओं में धूल फांक रही हैं। ठेका कर्मचारी यूनियन द्वारा दो टूक चेतावनी दी जा चुकी है। विभाग ने बसें चलानी हैं तो उन्हें पहले कच्चे कर्मचारियों को पक्का करना पड़ेगा। इस मांग को लेकर विभाग चुप्पी साधे बैठा है व ठेके पर नई भर्ती करने का सिलसिला थम चुका है। विभाग को खड़ी बसें चलाने पर आर्थिक रूप से लाभ होना निश्चित है लेकिन यह तभी संभव हो पाएगा जब विभाग नए ड्राइवरों व कंडक्टरों की भर्ती करेगा। 842 नई बसें डालते वक्त विभाग ने इन्हें चलवाने के प्रति ध्यान केन्द्रित नहीं किया जिसके चलते अब भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। डिपुओं में खड़ी इन 500 से अधिक बसों से संबंधित बैंक की किस्तों की अदायगी विभाग को नियमित रूप से करनी पड़ रही है जोकि विभाग की आमदन से जा रही हैं। विभाग को अपना खर्च निकालने व आमदनी के प्रति उचित ध्यान देने की आवश्यकता है।

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News Editor

Urmila

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