करोड़ों की लागत से बने भगवान वाल्मीकि तीर्थ में अनेक अनियमितताएं

punjabkesari.in Saturday, Oct 07, 2017 - 10:45 AM (IST)

अमृतसर(टीटू): प्राचीन ऐतिहासिक धार्मिक तीर्थ स्थल भगवान वाल्मीकि आश्रम की खूबसूरती को लेकर पूर्व अकाली-भाजपा सरकार ने करोड़ों रुपए खर्च कर उक्त पावन तीर्थ का निर्माण किया था ताकि वाल्मीकि समुदाय की आस्था के केन्द्र को स्थापित किया जा सके। सरकार ने भगवान वाल्मीकि तीर्थ की देखभाल के लिए श्राइन बोर्ड बना दिया जिसका सरकार की किताबों में नाम रखा गया भगवान वाल्मीकि तीर्थ श्राइन बोर्ड। अब उक्त पावन स्थल की देखभाल श्राइन बोर्ड कर रहा है।

बताया जाता है कि पूर्व सरकार ने इस पावन तीर्थ स्थल के निर्माण कार्यों पर करीब 300 करोड़ रुपए खर्च किए थे जिनसे भगवान वाल्मीकि जी का पावन मंदिर, धर्मशाला, कार पार्किंग व सत्संग हाल बनवाए गए। एक-एक बात का ध्यान रखते निर्माण कार्य करवाया गया किन्तु बड़े खेद की बात है कि देखभाल करने वाले श्राइन बोर्ड की नजरंदाजी के कारण पावन सरोवर का पानी गंदा हो रहा है। सरोवर के कुछ 
हिस्सों में काई दिखाई दे रही है जिससे स्नान आदि करने वाले श्रद्धालुओं को भी ठेस लग रही है।

यही नहीं वाल्मीकि तीर्थ में कई अनियमितताएं और भी हैं। बताया जाता है कि मंदिर के निर्माण के बाद अब हजारों श्रद्धालु माथा टेकने के लिए यहां भी आते हैं और श्राइन बोर्ड की लापरवाही के कारण श्राइन बोर्ड को कोस रहे हैं। धूना साहिब ट्रस्ट के गद्दीनशीन संत मलकीत नाथ ने बताया कि पहले सरोवर में जल की कमी रहती थी और श्रद्धालु बगैर स्नान के ही लौट जाते थे किन्तु अब सरोवर का जल स्तर तो लगभग पूरा हो गया हैं परंतु सरोवर के जल की सफाई का कोई प्रबंध नहीं किया जा रहा, सरोवर में काई जमनी शुरू हो गई है जिससे श्रद्धालुओं के मन को ठेस पहुंच रही है। 

संत मलकीत नाथ ने बताया कि रोजाना भारी तादात में लोग वाल्मीकि तीर्थ में दर्शनों हेतु आते हैं पर श्राइन बोर्ड द्वारा बनाए गए शौचालयों के  दरवाजों पर ताले लगे रहते हैं जिससे परिक्रमा करते समय अगर श्रद्धालुओं को शौचालय जाने की आवश्यकता पड़ती है वहां एक-दो को छोड़कर बाकी शौचालयों को ताले लगे रहते हैं। इस अवसर पर बलवंत नाथ, बिट्टू नाथ आदि उपस्थित थे। इस संदर्भ में भगवान वाल्मीकि तीर्थ स्थल श्राइन बोर्ड के जी.एम. पविन्द्र कुमार से बार-बार उनके मोबाइल पर सम्पर्क करने पर उन्होंने फोन नहीं उठाया।


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