विद्या का मंदिर बना जंग का मैदान, पुरानी रंजिश को लेकर अध्यापकों में खूनी झड़प

punjabkesari.in Wednesday, May 18, 2022 - 09:32 PM (IST)

भोगपुर (सूरी) : विद्या का मंदिर बोले जाते स्कूल जहां बच्चे शिक्षा हासिल करने आते हैं परन्तु आज कुछ अध्यापकों की तरफ से ब्लाक भोगपुर के गांव सनौरा के सरकारी प्राथमिक स्कूल को ही जंग का मैदान बना दिया गया। अध्यापकों बीच हुई इस खूनी झड़प में दो अध्यापक जख्मी हो गए। सरकारी अस्पताल काला बकरा में इलाजाधीन पलविन्दर सिंह पुत्र हरभजन सिंह निवासी गांव रासतगो ने बताया कि वह सरकारी प्राथमिक स्कूल भट्टियां में अध्यापक है। सरकारी प्राथमिक स्कूल सनौरा जोकि सैंटर हैड है, के प्रमुख राज कुमार ने आज उन्हें फ़ोन करके किताबें लेने के लिए बुलाया था। जब वह किताबें लेकर वापस आने लगा तो स्कूल के अध्यापकों ने मुझे बातों में उलझा लिया और इसी दौरान तीन अज्ञात नौजवान भी कमरे में दाखिल हो गए। स्कूल के अध्यापक रणजीत सिंह ने मेरी आंखों पर कोई जहरीली स्प्रे मार दी, जिस कारण मुझे कुछ समय के लिए दिखाई देना बंद हो गया। इस दौरान वहां मौजूद एक महिला अध्यापक ने कमरे को बाहर से कुंडी लगा कर बंद कर दिया। कमरे में रणजीत सिंह और कुछ अज्ञात लोगों ने मेरे ऊपर तेजधार हथियारों और राडों ने हमला कर दिया। मुझे एक घंटे से अधिक समय बंधक बना कर मारपीट की गई। गांव के लोगों की तरफ से इस संबंधी पुलिस को सूचित किया गया और मेरे कुछ जानकार स्कूल में पहुंचे जिन्होंने मुझे अस्पताल दाखिल करवाया है। 
                   
इसी अस्पताल में दाख़िल अध्यापक रणजीत सिंह ने बताया कि फरवरी महीने में पलविन्दर सिंह ने कुछ महिला अध्यापकों के नाम लिख कर चुनाव कमिशन को शिकायत की जिसमें मेरी ओर से महिला अध्यापकों के शारीरिक शोषण किए जाने के आरोप लगाए थे। पलविन्दर सिंह ने फिर इसी तरह की एक शिकायत फिर से कर दी। आज पलविन्दर सिंह को महिला अध्यापक की तरफ से पूछा गया तो उसने झगड़ा करना शुरू कर दिया।

स्कूल में अध्यापकों बीच हुए खूनी संघर्ष समय स्कूल के सी.सी.टी.वी. कैमरे बंद रहे जो कि किसी साजिश की तरफ इशारा कर रहे हैं। इस संबंधी सैंटर इंचार्ज राज कुमार ने बताया है कि स्कूल के कैमरे स्कूल खुलने से बंद होने के समय तक बंद रखे जाता है। आज स्कूल में हुए झगड़े से पहले वह वापस चले गए थे। 

वहीं झगड़े के बाद स्कूल में पहुंचे ब्लाक शिक्षा अधिकारी अवतार सिंह जख्मी अध्यापक को अस्पताल लेकर जाने की बजाय इस मामले को दबाने के लिए राजनीमा लिखते रहे। इस दौरान जख्मी अध्यापक के रिश्तेदार और अन्य लोग स्कूल पहुंच गए जिन्होंने अध्यापक को अस्पताल दाख़िल करवाया। इस सम्बन्धित शिक्षा आफिसर अवतार सिंह का कहना है कि उनके जाने से पहले ही काफी लोग आ चुके थे, मैंने कोई राजीनामा नहीं लिखाया। 

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Content Writer

Subhash Kapoor

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