लाल किले पर हिंसा अपमान वाली बात, दोषियों के खिलाफ हो कार्रवाई : अमरेंद्र

punjabkesari.in Thursday, Jan 28, 2021 - 09:57 AM (IST)

चंडीगढ़/जालंधर(अश्वनी/धवन): गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में हिंसा की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने घटना को देश का अपमान बताया। इसके साथ देश को बदनामी झेलनी पड़ी और किसान आंदोलन कमजोर हुआ है। उन्होंने स्पष्ट किया कि कृषि कानूनों के गलत और मुल्क के संघीय ढांचे के खिलाफ होने के कारण किसानों के साथ खड़े रहेंगे।

मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि लाल किला आजाद भारत का प्रतीक है और आजादी एवं राष्ट्रीय झंडे को लाल किले पर लहराता देखने के लिए हजारों ही भारतीयों ने अपनी जान न्यौछावर की है। महात्मा गांधी ने आजादी की समूची लड़ाई अहिंसा से लड़ी। उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रीय राजधानी में गत दिन जो कुछ हुआ, उससे मेरा सिर शर्म से झुक जाता है।’

कैप्टन अमरेंद्र ने कहा कि जिसने भी लाल किले में हिंसा की है, उसने पूरे मुल्क को बदनामी का पात्र बनाया है और दिल्ली पुलिस को जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। केंद्र सरकार को भी मामले संबंधी किसी भी पार्टी या देश के शामिल होने की जांच करनी चाहिए, परंतु साथ ही यह भी यकीनी बनाया जाए कि पुलिस द्वारा किसी किसान नेता को बिना वजह तंग या परेशान न किया जाए। उन्होंने ऐलान किया कि पंजाब के युवाओं का भविष्य अमन-शांति भरे माहौल में है और हालिया घटनाओं के कारण राज्य में निवेश की रफ्तार धीमी पड़ी है।

मुख्यमंत्री ने उपरोक्त घटना को अंजाम देने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि यह लोग किसान नहीं बल्कि रास्ते से भटके हुए हैं जो ऐसी हरकतें कर रहे हैं। सरकार लोगों की आवाज नहीं सुनती तो ऐसी समस्याएं पैदा होती रहेंगी। 

गुमराह करने वाला प्रचार कर रही है आप
कैप्टन ने कहा, ‘कृषि कानून गलत हैं और कृषि राज्यों का विषय है, परंतु फिर भी अध्यादेश लाने से पहले हमसे नहीं पूछा गया।’ आम आदमी पार्टी द्वारा उनकी सरकार पर इस मसले संबंधी अवगत होने के इल्जामों को खारिज करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आप द्वारा गुमराह करने वाला प्रचार किया जा रहा है और सत्य यह है कि पंजाब को तो माहिरों की समिति में शामिल भी नहीं किया गया था। राज्यपाल द्वारा प्रांतीय संशोधन बिल अभी तक मंजूरी के लिए राष्ट्रपति को न भेजने पर दुख जाहिर किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन कानूनों को संविधान के प्रावधान के तहत विधानसभा में पास किया गया था, जैसे भाजपा ने भूमि अधिग्रहण अधिनियम के मामले में किया था। 


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Sunita sarangal

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