विवादों में घिरे जल सप्लाई व सीवरेज बोर्ड के अधिकारी
punjabkesari.in Saturday, Mar 11, 2017 - 07:41 AM (IST)

मलोट (जुनेजा, काठपाल): जल सप्लाई व सीवरेज बोर्ड के अधिकारियों द्वारा विभाग के बकाया बिलों की वसूली के लिए उपभोक्ता के घर आगे ढोल बजाने के मुद्दे पर स्थानीय विभाग के अधिकारी विवाद में घिर गए हैं। इस मामले को लेकर जहां आम लोगों में रोष है वहीं बुद्धिजीवी वर्ग के अनुसार इन अधिकारियों द्वारा अपनाए गए इस ढंग ने अंग्रेजों के राज्य को याद करवा दिया है। उधर विभाग के जिम्मेदार अधिकारी इस मामले का गोलमोल जवाब दिए जा रहे हैं जबकि कानूनी माहिर इसको नागरिक की मानहानि बता रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि बकाया बिलों की वसूली के लिए पावरकॉम ने वाटर वक्र्स का कनैक्शन काटे जाने के बाद जल सप्लाई व सीवरेज बोर्ड के अधिकारियों ने अपने बकाए बिलों की वसूली के लिए एक सूची तैयार करके उपभोक्ताओं के घरों के बाहर जाकर ढोल बजाना शुरू कर दिया जिनकी ओर विभाग का बिल बकाया है। हालांकि अधिकतर लोग सरकार के नोटीफिकेशन व विभाग द्वारा बनाए बिलों के बीच बड़े फर्क कारण बिल नहीं भर रहे थे।
वसूली के ढंग से लोगों के सम्मान को पहुंची ठेस
रिट. सिविल सर्जन डा. गुरजंट सिंह सेखों का कहना है कि किसी भी उपभोक्ता से बिल की अदायगी की वसूली के कई ढंग हैं परंतु जल सप्लाई विभाग के अधिकारियों द्वारा वसूली के ढंग से लोगों के सम्मान को ठेस पहुंची है व यह एक तरह मानहानि है व इसलिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सिविल व क्रीमिनल दोनों तरह की कार्रवाई करनी बनती है।
क्या कहना है प्रमुख व्यक्तियों का
इस संबंधी समाज सेवी व धार्मिक संस्थाओं के जिला को-आर्डीनेटर डा. सुखदेव सिंह गिल ने बताया कि लोग 2009 के नोटीफिकेशन अनुसार 20 रुपए महीना पानी व 10 रुपए महीना सीवरेज का बिल भरने के लिए तैयार हैं परंतु विभाग के अधिकारी नोटीफिकेशन के उलट सीवरेज का करीब 105 रुपए व पानी का भी 105 रुपए प्रति महीना बिल खपतकारों से वसूलना चाहते हैं। लोगों द्वारा इस प्रक्रिया में बिल नहीं भरे व अब अपनी कमियां छिपाने के लिए विभाग के अधिकारी लोगों को जलील करने के रास्ते पड़े हैं।
खटखटाएंगे अदालत का दरवाजा
सी.पी.एम. के सचिव कामरेड ज्ञान चंद साहनी ने कहा कि बिलों की वसूली का ढंग अधिकारियों की तानशाही मानसिकता दर्शाता है। आजादी के 70 वर्ष निकल जाने पर भी जल सप्लाई विभाग के अधिकारियों ने लोगों को गुलामी समय की सरकार के तौर-तरीके याद करवा दिए हैं जिसके लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया जाएगा।
फैसला इंसानियत विरोधी होने के साथ गैर कानूनी
अध्यापक नेता सुदर्शन जग्गा ने कहा कि जल सप्लाई विभाग निर्धारित सप्लाई देने में नाकाम रहा है। लोगों को सीवरेज युक्त पानी पिलाकर कैंसर जैसी बीमारियों का शिकार बनाया है व अब वसूली की आड़ में लोगों को जलील करने का नया रास्ता पकड़ा है जो इंसानियत विरोधी होने के साथ गैर कानूनी है।