Shiv Ji को लेकर ये क्या कह गए Diljit Dosanjh, सारी Negativity को किया दूर...देखें Video
punjabkesari.in Friday, Dec 20, 2024 - 12:13 PM (IST)
पंजाब डेस्क: अपने दिल लुमिनाती टूर को लेकर पंजाबी सिंगर व एक्टर दिलजीत दोसांझ इन दिनों खूब चर्चा में हैं। दरअसल, हाल ही में, महाराष्ट्र सरकार द्वारा दिलजीत को एक नोटिस जारी किया था, जिसमें ड्रग्स, शराब आदि गानों को गाने पर पाबंदी लगाई थी। इस नोटिस पर दिलजीत ने अपनी प्रतिक्रिया दी है, जिसका वीडियो खूब वायरल हो रहा है।
वीडियो में दिलजीत दोसांझ भगवान शिव का उदाहरण देते नजर आए। हुआ यूं कि दिलजीत ने अपनी टीम से पूछा था कि क्या मेरे लिए कोई एडवाइजरी जारी की गई है। मेरी टीम ने कहा कि सब कुछ ठीक है, लेकिन जब मैं सुबह उठा तो पता लगा कि एडवाइजरी जारी हो गई है। उन्होंने कहा कि चिंता मत करो ये सारी एडवाइजरी मेरे लिए है, मैं आपको Promise करता हूं कि आपको Double मजा आएगा। इसके बाद दिलजीत ने सागर का मंथन का भी उदाहरण दिया और कहा कि देवताओं को भी अमृत ग्रहण करना पड़ा था। दिलजीत ने कहा कि यह भगवान शिव थे, जिन्होंने अमृत छोड़कर विष का ग्रहण किया था। सिंगर ने कहा, 'इससे मुझे यह सीखने को मिला है कि दुनिया आप पर जहर ही फेंकेगी। यह आप पर निर्भर करता है कि आप इसे अपने अंदर आने देते हैं या नहीं।'
चंडीगढ़ प्रशासन ने अदालत में दिया हल्फनामा
बता दें कि चंडीगढ़ में हुए शो को लेकर रोजाना नए विवाद सामने आ रहे हैं। बेशक इस कान्सर्ट में दिलजीत दोसांझ ने फैन्स का दिल जीत लिया हो, लेकिन वह अपने विरोधियों तथा प्रशासन को संतुष्ट नहीं कर पा रहे हैं। खबर आई है कि दिलजीत दोसांझ के चंडीगढ़ कान्सर्ट को लेकर नियमों की अवहेलना का मामला सामने आया है तथा इस मामले में आयोजकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। सैक्टर 34 एग्जीबिशन ग्राऊंड चंडीगढ़ में आयोजित इस कान्सर्ट को लेकर प्रशासन की तरफ से पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में एक हल्फनामा दाखिल किया गया है और कहा गया है कि कार्यक्रम के दौरान कान्सर्ट स्थल के आसपास शोर का स्तर निर्धारित सीमा से अधिक था। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि ध्वनि प्रदूषण नियम 2000 के तहत निर्धारित सीमा से अधिक ध्वनि रिकार्ड की गई और इस आधार पर अधिनियम 1986 और ध्वनि प्रदूषण नियम 2000 के तहत कार्रवाई की जा रही है। चंडीगढ़ साऊथ के एस.डी.एम. खुशप्रीत कौर की तरफ से यह हल्फनामा अदालत में दिया गया है। इसकी एक रिपोर्ट चंडीगढ़ प्रशासन के पर्यावरण सचिव को भी भेजी गई है और सख्त कार्रवाई की सिफारिश की गई है।