Punjab : आरोपों के बीच घिरे अधिकारी पर सरकार और विभाग क्यों कर रहा है इतनी मेहरबानी?

punjabkesari.in Wednesday, Feb 28, 2024 - 11:47 PM (IST)

लुधियाना (सेठी) : एक अधिकारी ऐसा भी जिसके लिए सरकार को नायाब पोस्ट डिजाइन करनी पड़ी और सरकार उक्त अधिकारी पर कुछ अधिक ही मेहरबान व झुकी हुई दिखाई दे रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त अधिकारी डिप्टी कमिश्नर जो जॉइंट डायरेक्टर जीएसटी पटियाला डिवीजन के पद पर तैनात है, उसे फाइनेंशियल कमिश्नर एक्साइज विभाग, पंजाब सरकार ने अपने आदेश संख्या-1-पीए (प्राइवेट)/2024/4-7, दिनांक 27, जनवरी द्वारा डी.ई.टी.सी एक्साइज एनफोर्समेंट (हेड ऑफिस) का अतिरिक्त प्रभार दिया गया और यह दिनांक 29,जनवरी के अत्यंत गोपनीय तरीके से अधिकारी द्वारा कार्यभार भी संभाल लिया गया। बता दिया जाए, कि इस पूरी प्रक्रिया को पूरी तरह से गोपनीय रखा गया और फाइनेंशियल कमिश्नर के कार्यालय से आदेशों को सार्वजनिक नहीं किया गए।

 डिप्टी कमिश्नर ऑफ़ एक्साइज एनफोर्समेंट जैसे कोई पद असल में है ही नहीं 
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त अधिकारी को विभाग द्वारा ऐसे पद पर नियुक्त किया गया है, जो पद विभाग में मौजूद ही नहीं है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार डिप्टी कमिश्नर ऑफ़ एक्साइज एनफोर्समेंट (हेड ऑफिस) जैसे कोई पद अस्तित्व में नहीं है। वर्ष 2018 में जब पंजाब सरकार द्वारा एक्साइज एंड टैक्सेशन विभाग को नोटिफिकेशन नं. 1/63/2016-ए सी -1/ 19873, दिनांक 8 अक्टूबर 2018 को दो भागों (एक्साइज एंड जी एस टी) में विभाजित कर डी.ई.टी.सी एक्साइज के कुल 4 पद बनाए गए, इनमें से 3 पद फील्ड के लिए (पटियाला, जालंधर और फिरोजपुर डिवीजन) और एक डिस्टलरी के लिए बनाया गया और फिलहाल ये सभी पद भरे हुए हैं। नोटिफिकेशन के मुताबिक विभाग को दो कमिश्नरेट में बांटने के बाद किसी भी अधिकारी को एक्साइज और टैक्स का डबल चार्ज नहीं दिया जा सकता। ऐसे में अनाधिकृत पद पर उक्त अधिकारी की पोस्टिंग पूरी तरह से अवैध है और यह भी बड़ा सवाल खड़ा होता है कि टॉप आई.ए.एस अधिकारियों की ऐसी क्या मजबूरी है कि उन्हें अपने चहेते अधिकारी को दोबारा एक्साइज में लेकर आए है, जिसे दो महीने पहले शराब व्यापारियों की शिकायत के आधार पर पंजाब के मुख्यमंत्री के निर्देश पर बदल दिया गया था। ऐसे में इस अधिकारी की आबकारी नीति से संबंधित कमेटी में भागीदारी भी पूरी तरह से अवैध है और इन कमेटियों द्वारा दिए गए सुझाव और उनकी पूरी प्रक्रिया कानून की नजर में अमान्य होगी। कुछ शराब कारोबारी उक्त अधिकारी की एक्साइज पॉलिसी में दखलअंदाजी को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में जाने की भी तैयारी कर रहे हैं, जिससे कभी भी एक्साइज मंत्री पंजाब और एक्साइज विभाग पंजाब को जांच का सामना करना पड़ सकता है।

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 विवादों के बावजूद उक्त अधिकारी की नई एक्साइज पॉलिसी 2024 -25 में अहम भूमिका
पंजाब की वित्त वर्ष 2023 -24 की एक्साइज पॉलिसी पहले ही काफ़ी विवादों का कारण बनी रही, जिसको लेकर कई बार सेंटर एजेंसीयों ई.डी और सी बी आई  ने एक्साइज के उच्च अधिकारियों को जांच के घेरे में भी लिया है।पहले भी कई बार पूछताछ के लिए बुला चुकी हैं और निकट भविष्य में भी दोबारा बुलाए जाने की संभावना है। वहीं नए साल (2024-25) के लिए विभाग द्वारा बनाई जा रही एक्साइज पॉलिसी से संबंधित गठित 11 कमेटियों में से 5 महत्वपूर्ण कमेटियों में उक्त अधिकारी को शामिल किया गया है, जिसमें वह सक्रिय भूमिका निभा रहा हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार, एक्साइज कमिश्नर पंजाब द्वारा अपने कार्यालय आदेश संख्या पीए/ईसी/2024/52 दिनांक 7 फरवरी 24 के माध्यम से एक्साइज पॉलिसी से संबंधित कमेटियों का गठन किया गया है। ऐसे में आने वाली वर्ष 2024 -25 की एक्साइज पॉलिसी में सरकार ने एक बार फिर उन अधिकारियों को पॉलिसी मेकिंग का हिस्सा बनाया है, जो पहले ही कई विवादित केसों में शामिल और जांच का विषय बने रहे है, जिसका परिणाम सरकार के लिए घातक साबित हो सकता है। ऊपर से ऐसे अधिकारी को पॉलिसी के मुख्य कमेटी में शामिल किया हुआ है, जैसे कमेटी फॉर स्टडी ऑफ़ ई-लॉटरी सिस्टम , कमेटी फॉर चेकिंग गैप एंड लकनास इन प्रीवियस एक्साइज पॉलिसी 2023 -24 , लीगल कमेटी फॉर नोटिफिकेशन , अनेग्जर 1 एंड 5 फॉर पॉलिसी , कमेटी फॉर ड्राफ्टिंग ऑफ़ पॉलिसी जैसे अहम हिस्सों में सदस्य बनाया हुआ है।     

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कब विजिलेंस ब्यूरो उक्त अधिकारी के ख़िलाफ़ कार्रवाई का मोर्चा खोलेगा
लुधियाना जी एस टी में तैनाती के दौरान भी उक्त अधिकारी के ख़िलाफ़ कई मामले सामने आए यहां तककि  लुधियाना के टैक्स प्रोफेशनल्स के एक संगठन ने तो उक्त अधिकारी के अनुचित रवैये के कारण धरना प्रदर्शन भी किया था। वही एक मामला यह भी है, कि लुधियाना एक्साइज के दौरान एक मोटी रकम अधिकारी उच्च अधिकारियों के नाम पर एकत्रित करता था। एक्साइज होते समय कई शिकायतों के बाद उक्त को थोड़े समय के लिए कार्य से स्थगित किया गया था और लाइमलाइट से दूर रखा किया गया था, परन्तु फिर मामला ठंडा होने पर पुनः उसी अधिकारी को नए और बड़े चार्ज के साथ नवाज़ा गया और एक्साइज में भी वापिस डबल पद दिए गए। अधिकारी के ख़िलाफ़ इतने आरोपी होने के बावजूद कार्रवाई तो दूर की बात है, अधिकारी को तरक्की और नए नए पदों पर बिठाया जा रहा हैं। यह उक्त अधिकारी हमेशा विवादों से घिरा रहा है, जब वह 2016-17 के दौरान पटियाला ए.ई.टी.सी में तैनात थे, तो बठिंडा स्थित एक शराब कारोबारी ने अधिकारी के खिलाफ उनके कारोबार को छीनने और उनके पसंदीदा शराब कारोबारी की कंपनी को अवैध रूप से स्थानांतरित करने के गंभीर आरोप लगाए थे। इसके साथ शराब का कोटा उठाने के लिए दी गई एडवांस एक्साइज फीस वापस करने के बदले नई फर्म के साथ मिलीभगत कर 3.25 करोड़ रुपए हड़पने का भी आरोप लगाया गया है। इस संबंध में शराब कारोबारी ने 3.25 करोड़ की वसूली के लिए उक्त अधिकारी के खिलाफ पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में केस दायर किया है, जिसकी सुनवाई चल रही है और अगली तारीख 24 जुलाई बताई जा रही है। इतने सारे आरोप होने के बावजूद कब विजिलेंस ब्यूरो उक्त अधिकारी के ख़िलाफ़ कार्रवाई का मोर्चा खोलेगा।   


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Content Editor

Subhash Kapoor

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