बिलखते परिवार के साथ जब शहीद की पत्नी ने जांबाज पति को किया 'आखिरी सलाम'

punjabkesari.in Thursday, Nov 21, 2019 - 01:13 PM (IST)

बटाला (बेरी): 18 नवम्बर को सियाचिन ग्लेशियर में 20 हजार फुट की ऊंचाई पर बर्फीले तूफान की चपेट में आने से शहादत का जाम पीने वाले भारतीय सेना की 3 पंजाब रैजीमैंट के नायक मनिंद्र सिंह के शव का कस्बा फतेहगढ़ चूडिय़ां में पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। शहीद को अंतिम विदाई देने से पहले सैकड़ों लोगों के आंसू उस वक्त छलक उठे, जब उसकी पत्नी ने पति को अपना आखिरी सलाम किया।

PunjabKesari
अमृतसर से आई सेना की यूनिट के जवानों ने शस्त्र उलटे करके बिगुल की मातमी धुन के साथ हवा में गोलियां दागते हुए शहीद को सलामी दी। शहीद के 5 वर्षीय बेटे एकमजोत ने चिता को मुखाग्नि दी।  इस दौरान मेजर जनरल विक्रम सिंह और लैफ्टीनैंट कर्नल मनोज सोमनाथन ने शहीद को सलामी दी। इस अवसर पर शहीद सिपाही मनिंद्र कुमार के पिता राकेश कुमार, शहीद नायक संदीप सिंह के पिता जगदेव सिंह, माता कुलविंदर कौर, भाई मनदीप सिंह, शहीद रजिंदर सिंह के भाई दलविंदर सिंह के अलावा सैंकड़ों की संख्या में क्षेत्र निवासी उपस्थित थे।
PunjabKesari

पापा की तरह फौज में जाऊंगा 
शहीद नायक मनिंद्र सिंह के 5 वर्षीय बेटे ने पापा को सैल्यूट करते हुए कहा कि पापा कहा करते थे कि उसे फौज में जाऊंगा तथा उससे फोन पर बात करते हुए यह कहा कि मैं मार्च में छुट्टी आऊंगा और तेरे लिए बंदूक लेकर आऊंगा। उसने कहा कि उसके पापा कहते थे हमेशा मुस्कुराते रहो, जीवन में कभी रोना मत। इसलिए मैं मुस्कुराते हुए अपने पापा को सैल्यूट कर रहा हूं।


शहीद के नाम पर बने स्मारक : विक्की
इस अवसर पर परिषद के महासचिव रविंद्र विक्की ने सरकार से अपील करते हुए कहा कि शहीद नायक मनिंद्र सिंह ने अपनी जान देकर अपने परिवार के साथ-साथ पूरे क्षेत्र का नाम रोशन किया है इसलिए सरकार को चाहिए कि उनकी शहादत की गरिमा को बहाल रखने हेतु गांव में उनकी याद में स्मारक बनाए ताकि युवा पीढ़ी उनके बलिदान से प्रेरणा ले सके। सरकार को चाहिए कि वह हर सरकारी सहायता परिवार को शीघ्र मुहैया करवाए।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Vatika

Recommended News

Related News