वाह री आप सरकार...! : दर्जनों आत्महत्याओं के बाद भी सूदखोर माफिया बेखौफ

punjabkesari.in Monday, Feb 13, 2023 - 11:43 AM (IST)

अमृतसर: आम आदमी पार्टी की सरकार आने के बाद यह माना जा रहा था कि सिस्टम में कुछ बदलाव आएगा, लेकिन नहीं बिगड़ चुकी कानून व्यवस्था व ट्रैफिक जाम के साथ साथ आप सरकार में सूदखोर माफिया भी बेखौफ होकर काम कर रहा है, जबकि छह महीने के दौरान लगभग एक दर्जन लोग सूदखोर माफिया के शिकंजे में आकर आत्महत्याएं कर चुके हैं।

जानकारी के अनुसार नेताओं की छत्रछाया वाले कुछ बाहुबलियों व माफिया लोग 15 प्रतिशत से लेकर 25 प्रतिशत तक ब्याज पर गरीब व जरुरतमंद लोगों को कर्ज देते हैं और ब्याज अदा ना करने की सूरत पर कर्ज लेने वाले व्यक्ति को मारपीट व गाली-गलौच का सामना करना पड़ता है, जिससे दुखी होकर कर्जदार लोग आत्महत्या करने को मजबूर हो जाते हैं। इस मामले में सबसे हैरानीजनक पहलू जो सामने आता है वह यह है कि अभी तक डिप्टी कमिश्नर दफ्तर की तरफ से साहूकारा एक्ट के तहत ब्याज पर कर्ज देने के लिए एक भी लाइसैंस जारी नहीं किया गया है, लेकिन महानगर के बहुत सारे इलाकों में सूदखोर माफिया अपनी फाइनांस कंपनी के दफ्तर खोलकर बैठा हुआ है।

मनी लांड्रिंग एक्ट तहत डी.सी., एस.डी.एम. व पुलिस के अधिकारी कर सकते हैं कार्रवाई

सूदखोर माफिया जब भी किसी जरुरतमंद व्यक्ति को अपने जाल में फंसाता है तो सबसे पहले उससे साइन किए हुए ब्लैंक चैक लेता है, रजिस्ट्री लेता है या फिर कोई गहना व कीमती वस्तु लेता है। कर्जदार व्यक्ति जब कर्ज नहीं चुका पाता है और भारी भरकम ब्याज से कई गुणा ज्यादा हो चुकी रकम अदा नहीं कर पाता है तो सूदखोर माफिया ब्लैंक चैक को बैंक में लगाने की धमकी देता है या फिर लगा भी देता है, लेकिन ऐसे मामलों में कर्जदार व्यक्ति डिप्टी कमिशनर की अदालत, एस.डी.एम. की अदालत या फिर पुलिस के गजटेड अफसर को लिखित शिकायत कर सकता है जिसमें मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत तीन वर्ष से लेकर सात वर्ष तक की सजा का प्रावधान है और सूदखोर को जेल जाना पड़ सकता है, लेकिन ज्यादातर कर्जदार लोग कानून का ज्ञान न होने के कारण आत्महत्या का रास्ता चुन लेते हैं और अपने परिवार के लिए दुखों का पहाड़ छोड़ जाते हैं।

पुलिस के कुछ अधिकारियों के साथ भी सांठगांठ करके चलता है माफिया

ज्यादातर मामलों में देखने में आया है कुछ बड़े सूदखोर माफिया पुलिस के कुछ भ्रष्ट अधिकारियों के साथ भी सांठ-गांठ किए रहते हैं। जब कर्जदार व्यक्ति अपना कर्ज नहीं चुका पाता है तो माफिया की तरफ से उसका चारपहिया या दो पहिया वाहन तक जबरन उठा लिए जाते हैं और मारपीट भी की जाती है, ऐसे में पुलिस के साथ पहले ही सांठ-गांठ की गई होती है।

पहलवान सूदखोरों को ब्याज पर देता है कर्ज

महानगर में पहलवान नाम से विख्यात एक बड़ा सूदखोर इतना अमीर हो चुका है कि वह आगे सूदखोरों को ब्याज पर कर्ज देता है। सूदखोर माफिया तथाकथित पहलवान से चार से पांच प्रतिशत ब्याज पर कर्ज लेते हैं और आगे 15 से लेकर 25 प्रतिशत तक ब्याज पर गरीब व जरुरतमंद लोगों को कर्ज देकर अपने जाल में फंसा लेते हैं।

बैंकों की नालायकी के कारण भी सूदखोरों के शिकंजे में फंसते हैं गरीब

वैसे तो कुछ बड़े सरकारी बैंकों की तरफ से ऐसे लोगों को अरबों रुपयों का कर्ज दे दिया जाता है, जिसको कर्जदार अदा करने के बजाय हड़प लेते हैं और अरबों रुपए लेकर विदेशों में फरार हो जाते हैं, लेकिन यदि कोई गरीब व्यक्ति बैंक में कर्ज लेने के लिए आ जाए तो उसकी ऐसी दुर्दशा करते हैं कि गरीब व्यक्ति बैंक की तरफ देखता भी नहीं है, जबकि मुद्रा योजना तहत पच्चास हजार तक का कर्ज बिना किसी गारंटी के दिया जा सकता है। बैंकों से परेशान लोग भी सूदखोर माफिया के शिकंजे में आ जाते हैं।

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News Editor

Urmila

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